धर्म-संस्कृति

गायत्री शक्तिपीठ द्वारा 51 कुंडिय गायत्री महायज्ञक लेल भूमि पूजन कार्यक्रम भेल आयोजित

जखनि चारू कात अन्हार अछि तखनि देवी-देवतासँ प्रार्थना करबाक चाही : डॉ. अरुण कुमार जायसवाल
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सहरसा समदिया
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रविदिन गायत्री शक्तिपीठमे व्यक्तित्व परिष्कार सत्रक आयोजन कयल गेल। एहि सत्रकेँ संबोधित करैत डॉ. अरुण कुमार जायसवाल कहलनि जे कोनो स्थिति हमरा सबके सामने आबि जाय, हम सब किछु जनैत छी वा किछु नहिं जनैत छी, हमरा सब लग अपन मन आ बुद्धिक माध्यमसँ सूचनाक साधन अछि। ई एकटा संज्ञानात्मक व्यवस्था अछि।एकरा छोड़ि आओर किछु नहिं, मन आ बुद्धिक समझ कम भ’ सकैत अछि वा कम नहि भ’ सकैत अछि। जकरा मन आ बुद्धि बेसी होय ओ व्यक्ति तदनुसार जल्दी ज्ञान प्राप्त करैत अछि। जखन चारू कात अन्हार होइत अछि तखन भगवान सँ प्रार्थना करबाक चाही, हे भगवान हे नियंत्रक, हम कतय छी से नहिं जानि, हमर प्रार्थना की अछि आ हमर इच्छा की अछि से नहिं जानि। हम अहाँकेँ ई अर्पित करैत छी। हम अहाँक पएर पर प्रार्थना करैत छी, ई भाव मोनमे राखू। हमर की प्रार्थना अछि शुद्ध-बुद्ध दैनिक जीवन, ई हमर सबहक ट्रेंड अछि, ई जीवनक ट्रेंड अछि। एकरा लेल हमरा सबकेँ भगवानक प्रति उन्मुख हेबाक चाही। हम सब अपन भक्ति कए प्रार्थनामे जोड़ैत छी। जँ समर्पण होयत तखन ओ एकटा शुद्ध, बुद्धक दैनिक जीवन बनि जायत। भगवान हर कणमे उपस्थित छथि। हुनका दिसि उन्मुख होबय पड़त, अपनाकेँ समर्पण करय पड़त। पृथ्वी पर रहैत तपस्या करू तखनहि अहाँक तपस्या सफल होयत। तपस्या सब द्वारा नहि कयल जाइत अछि, कारण अहाँक भाव तपस्यासँ जुड़ल रहैत अछि।जँ पृथ्वी पर रहि कऽ तपस्या कयल जायत तखन मात्र धरतीक उद्धार होयत। दुःख दूर भ’ धरती पर हरियाली होयत। ओ महात्मा बुद्धक संबंधमे कहलनि – लोक कहैत छथि जे महात्मा बुद्ध के छलाह, की महात्मा बुद्ध भगवानक अवतार छलाह ? की ओ शिवक अवतार छलाह ? एहि संबंधमे ओ कहलनि – महात्मा बुद्ध जीवनमुक्त ऋषि छलाह। हुनकर तपस्या अपार छल। ओ कहियो ने भगवानक चर्चा केलनि आ ने कोनो देवताक गप्प केलनि। बुद्ध मात्र जीवनक बात केलनि। दुख अछि, दुखक कारण अछि आ ओकर समाधान अछि। महात्मा बुद्ध मात्र एतबे कहने छथि।कार्यक्रमक दोसर सत्रमे सहरसा नया बाजारक सराही टोलामे 51 कुंडिया गायत्री महायज्ञक लेल भूमि पूजन कयल गेल। भूमि पूजनक कार्यक्रम दीप प्रज्वलित कय कयल गेल। एहि अवसर पर डॉ. अरुण कुमार जायसवाल भूमि पूजनक संबंधमे कहलनि भूमि पूजनक महत्व हर देशमे अछि, मुदा अपन देशमे पृथ्वीकेँ माताक रूपमे संबोधित कयल गेल अछि। भारतकेँ भारत माता कहल जाइत अछि। भारतमे जे किछु अछि से कतहु आन ठाम नै भेटैत अछि। हम सब पृथ्वीक कारण अस्तित्वमे छी। भूमिक पूजन पर्यावरणक शुद्धिक लेल कयल जाइत अछि। ई सब नीक भावना पर निर्भर करैत अछि। एकर प्रभावक कारण कहियो कोनो अप्रिय घटना नै होइत अछि। यज्ञ स्थल पर यज्ञक आयोजक संजय कुमार यादव आ पूर्व आयुक्त दिनेश पासवान, विजय सिंह समिति सदस्य, रूपेश साह, ललन कुमार, कौशल किशोर, राजेश रंजन भूमि पूजनमे भाग लेबय वाला वार्ड आयुक्त सुमन भारती, गौतम साह, कैलाश साह एवं अन्य कतेको गणमान्य लोक उपस्थित छलैथ। भूमि पूजन संस्कार मनीषा, मधु द्वारा एवं शक्तिपीठक देवी मुक्ति द्वारा भूमि पूजन कार्यक्रम सफल भेल। निर्माणमे- ललन कुमार सिंह, डॉ. अरुण सिंह, शुकदेव प्रसाद सिंह, हरेकृष्ण साह, नवल कुमार सिंह, विजय सिंह, प्रभु पोद्दार, सिंधु देवी, सुमित्रा
देवी कंचन देवी, अभिलाषा, साधना, शम्भवी एवं शक्तिपीठक समस्त परिवारक सदस्य उपस्थित रहलाह।

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