संपादकीय

कोरोना पर विश्व स्वास्थ्य संगठनक रिपोर्ट

कोरोना पर विश्व स्वास्थ्य संगठनक रिपोर्ट
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चीनसँ बहरायल कोरोना वायरस, सम्पूर्ण विश्व भरिमें पसरि लोकक जनजीवन तबाह कएलक, लॉकडाउनसँ अनेको देशक अर्थव्यवस्था तबाह सेहो भेल। मानव अधिकारक हनन लेल चीन त’ पहिनहिसँ कुख्यात अछि, मुदा कोरोना लॉकडाउनमे ओतुक्का दृश्य हृदयविदारक छल। चीन प्रशासन अप्पन दमनकारी नीति द्वारा लोकके रोकबाक प्रयास करैत रहल मुदा तैयो, कोरोना सपूर्ण विश्वके अप्पन चपेटमे ल’ लेलक। अनेको देश ओहि महामारीसँ उबारबाक प्रयासमें आओर फँसैत गेल। वर्ष 2020-2022 धरि दुनिया जहन कोरोना महामारीक चपेटमे छल, ओ समय सम्पूर्ण संसार लेल अत्यंत दुखदायी सिद्ध भेल। भारत सेहो ओहि वैश्विक महामारीक दुष्प्रभावसँ नहि बाँचल। मुदा मोदी सरकार, टेस्टिंग, वैक्सिनेशन आ आइसोलेशनक सूत्र पर चलैत ओहि महामारीके समाप्त करबाक सफल प्रयास कएलक। भारत द्वारा दुनिया भरिक अनेको छोट – पैघ देशके वैक्सीन उपलब्ध कराओल गेल। भारतक वैक्सीन नीतिके दुनिया भरिमे सराहना भेल आ स्वयं पीएम मोदी एहि कार्यक्रमक ब्रांड एम्बेस्डर छलाह। कोरोना महामारीके दौरान लोक जेहो नहि करबाक चाही, ओ सभ उपाय करबाक लेल विवश छल। आयुर्वेदिक आ अंग्रेजी, हर तरहक दवाई खाइत – खाइत लोक प्रयोगशाला बनि गेल। दुनिया भरिमे अनेको देश वैक्सीन बनौलक, ववपक स्तर पर वैक्सीनेशन अभियान चलाओल गेल, पहिने एक मास, पुनः दू मास आ तदुपरांत छमसिया वैक्सीन लेल सेहो कहल गेल। देशमे एकटा पैघ वर्ग एहि पर संशय सेहो प्रकट कएलक मुदा अभियान पूर्ण भेल। हर व्यक्तिके टिका देल गेल आ कहल गेल कि, लोक आब सुरक्षित अछि। कोविड 19 मे एंटीबायोटिक दबाई जाहि तरहे उपयोग भेल ओ, आब आफत सिद्ध भ’ रहल अछि। एंटीबायोटिकक अंधाधुंध उपयोग, आब लोक लेल आफत सिद्ध भ’ रहल अछि। कोविड 19, दुनियामे वर्ष 2020 के दौरान कोरोना वायरसक एकटा एहेन लहर सोझा आयल जे लाखों-करोड़ों लोकके अप्पन चपेटमें लेलक। ओहि अवधिमे महामारीसँ लाखों लोक मारल गेल आ करोडो लोकक जीवन अस्त – व्यस्त भेल। एहि संक्रमित बिमारीके ल’ क’ एकटा रिपोर्ट सोझा आयल अछि, जे अचंभित करएवला अछि। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) द्वारा शुक्रदिन (26 अप्रैल) के एकटा रिपोर्ट जारी कएल गेल। एहि रिपोर्टके मुताबिक दुनिया भरिमे कोविड-19 महामारीके दौरान एंटीबायोटिक दवाईयक अंधाधुंध प्रयोग कएल गेल, जे रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एएमआर) क प्रसारके बदतर बना देने अछि। डब्लू एच ओ के रिपोर्टमें देखल गेल कि लगभग 75 प्रतिशत कोविड मरीज एंटीबायोटिक दवायक इस्तेमाल उपचार करएबाक लेल करैत छल, जहनकि, मात्र 8 प्रतिशत एहेन रोगी रहैत छल, जिनका एंटीबायोटिक दवाईयक दरकार छलैक। एएमआर, शीर्ष वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्यमे सँ एक अछि, ई लगभग 1.27 मिलियन मृत्युक लेल सोझा सोझी जिम्मेदार छल आ साल 2019 मे भेल दुनिया भरिमे 4.95 मिलियन (49 लाख) मृत्युमे एकर योगदान रहल छैक। कोविड-19 महामारीके दौरान एंटीबायोटिकक इस्तेमाल सहज रूपेँ बढ़ि गेल छलैक। वैश्विक स्वास्थ्य निकाय द्वारा कहल गेल कि 2020 आ 2022 के बीच पूर्वी भूमध्यसागरीय आओर अफ्रीकी क्षेत्रमें, एहिमे 83 प्रतिशतक वृद्धि भेल, जहन कि, पश्चिमी प्रशांत क्षेत्रमे 33 प्रतिशतक बढ़ोतरी भेल। एंटीबायोटिक दवाईएक इस्तेमाल करबाक उच्चतम दर, गंभीर वा अत्यंत गंभीर कोविड-19 वला रोगीमे देखल गेल आ एकर वैश्विक औसत 81 प्रतिशत रहल। निम्न आ मध्यम मामिलामे बहुत भिन्नता देखल गेल। अफ्रीकी क्षेत्रमे सभसँ बेसी 79 प्रतिशत लोक द्वारा दवाईएक इस्तेमाल कएल गेल। एहेन देखल गेल अछि कि, जहन कोनो रोगीकेँ एंटीबायोटिकक बेगरता होइत छैक त’ एकर साइड इफेक्ट्स आ एंटीबायोटिक प्रतिरोधसँ संबंधित खतराक आशंका सेहो बेसिए होइत छैक।

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