राजनीति

श्रीलंकाकेँ कच्च्यतिवु द्वीप देबाक लेल पीएम मोदीक कांग्रेसपर आक्रमण

नई दिल्ली
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविदिन १९७०क दशकमे श्रीलंकाकेँ कच्च्यतिवु द्वीप देबाक लेल तत्कालीन इन्दिरा गाँधी सरकारक आलोचना कयलनि।

एकटा समाचार लेखक हवाला दैत प्रधानमंत्री मोदी एक्स पर लिखलनि, “आँखि खोलयवला आ चौंकाबय वाला रिपोर्ट ! नव तथ्यसँ इ पता चलैत अछि जे कोना कांग्रेस निर्दयतासँ कच्च्यतिवुकेँ श्रीलंका केर दऽ देलक। एहिसँ प्रत्येक भारतीय नाराज भऽ गेल अछि आ लोकक मनमे फेरसँ पुष्टि भेल अछि जे हम कांग्रेसपर कहियो भरोसा नहिं कऽ सकैत छी।”

ओ कांग्रेसपर भारतक एकता आ अखण्डताकेँ कमजोर करबाक आरोप सेहो लगओलनि।
ओ कहलनि “भारतक एकता, अखंडता आ हितकेँ कमजोर करब कांग्रेसक ७५ सालसँ काज करबाक तरीका रहल अछि।”
रिपोर्टमे कहल गेल अछि जे तमिलनाडु भाजपाक अध्यक्ष अन्नामलाई आरटीआईक माध्यमसँ दस्तावेज प्राप्त कयलनि जाहिसँ पता चलैत अछि जे भारत भारतीय तटसँ २० किलोमीटर दूर १.९ वर्ग किलोमीटर जमीन श्रीलंकाकेँ सौंपि देने छल।

रामेश्वरम (भारत) आ श्रीलंकाक बीच स्थित एहि द्वीपक उपयोग पारम्परिक रूपसँ श्रीलंका आ भारतीय मछुआरा दुनू द्वारा कयल जाइत छल। १९७४ मे तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गाँधी कच्च्यतिवुकेँ श्रीलंकाक क्षेत्रक रूपमे स्वीकार कयलनि।

बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी कहलनि “कच्च्यतिवुक मुद्दा पर हम पूरा देशकेँ मोन पाड़य चाहब जे ई १९७५ धरि भारतक छल आ ई तमिलनाडुमे भारतीय तटसँ मात्र २५ किलोमीटर दूर अछि। पहिने भारतीय मछुआरा ओतय जाइत छलाह, मुदा इन्दिरा गाँधीक शासनकालमे तत्कालीन सरकार एकरा श्रीलंकाकेँ सौंपि देलक। ओहि समझौतामे इहो कहल गेल छल जे कोनो भारतीय मछुआरा ओतय नहिं जा सकैत अछि। एहि कारणेँ बहुत रास मछुआरा पकड़ल गेल आ कैद कऽ लेल गेल आ अत्याचारक सामना करय पड़ल। नहिं तऽ डीएमके आ ने कांग्रेस एहि मुद्दा केर उठबैत अछि।”

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