वित्त-अर्थ

आरबीआई ९म बेर रेपो दर ६•५०% पर रखलक अपरिवर्तित, जीडीपी वृद्धिक अनुमान रहल ७•२ प्रतिशत

नई दिल्ली
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आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास बृहस्पतिकेँ मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी)क बैसार कयलनि। जाहिमे नीतिगत ब्याज दर रेपो दरमे कोनो परिवर्तन नहिं भेल अछि, जाहिमे विकासक बदला मुद्रास्फीतिकेँ महत्व देल गेल अछि। आरबीआई लगातार नवम बेर रेपो दरकेँ ६.५० प्रतिशतपर अपरिवर्तित रखलक अछि। ऋण महंग नहिं होयत आ ईएमआई नहिं बढ़त। रिजर्व बैंक पछिला बेर फरवरी २०२३ मे रेपो दरकेँ ०.२५ प्रतिशत बढ़ाकऽ ६.५ प्रतिशत कऽ देने छल।

रेपो दर ६.५० प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखबाक निर्णय
आरबीआई गवर्नर बृहस्पतिकेँ बैसारक बाद एहि निर्णयक जानकारी देलनि। शक्तिकांत दास कहलनि जे ६-८ अगस्तक बैसारमे एमपीसीक ६ मे सँ ४ सदस्य रेपो दरकेँ ६.५० प्रतिशतपर अपरिवर्तित रखबाक निर्णय लेने छथि। ओ कहलनि जे मुद्रास्फीतिकेँ ४ प्रतिशतक स्थायी स्तर पर आनय आ वैश्विक अनिश्चितताक बीच आर्थिक विकासकेँ बढ़ावा देबाक लेल नीतिगत दरकेँ अपरिवर्तित राखल गेल अछि। दास कहलनि जे केन्द्रीय बैंक चालू वित्तीय वर्ष २०२४-२५ लेल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर ७.२ प्रतिशत पर बरकरार रखलक अछि। चालू वित्त वर्षमे खुदरा महंगाई दर ४•५ प्रतिशत रहय केर अनुमानकेँ सेहो बरकरार रखलक अछि।

रेपो दर की होइत अछि ?
आरबीआई सार्वजनिक, निजी आ व्यावसायिक क्षेत्रक बैंकसभकेँ जाहि ब्याज दरपर ऋण दैत अछि, ओकरा रेपो दर कहल जाइत अछि। रेपो दरमे कटौती भेला पर उपभोक्ताकेँ राहत भेटैत छैक, मुदा रेपो दर बढ़ला पर कठिनाई बढ़ि जाइत छैक। जखन रेपो दर बढ़ैत अछि तखन बैंकसभकेँ बेसी ब्याज दरपर ऋण भेटैत छैक, जाहिसँ ऋण महग भऽ जाइत छैक। मुदा जखन रेपो दर कम होयत अछि तखन ऋण सस्ता भऽ जाइत अछि।
उल्लेखनीय अछि जे जूनमे खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ि कऽ ५.०८ प्रतिशत भऽ गेल अछि। ई ४ महीनामे खुदरा मुद्रास्फीतिक उच्चतम स्तर अछि। ओतहि थोक मुद्रास्फीति जूनमे १६ महीनाक उच्चतम ३.३६ प्रतिशत पर छल।

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