केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामिलाक मंत्री किरेन रिजिजू लोकसभामे वक्फ (संशोधन) विधेयक २०२४ आ मुस्लिम वक्फ (निरसन) विधेयक २०२४ प्रस्तुत कयलनि।
वक्फ (संशोधन) विधेयक, २०२४ पर एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी कहलनि, “ई विधेयक संविधानक अनुच्छेद १४, १५ आ २५ केर सिद्धांतक उल्लंघन करैत अछि। ई विधेयक भेदभावपूर्ण आ मनमाना दुनू अछि। ई विधेयक आनि अहाँ (केंद्र सरकार) देशकेँ एकजुट करबाक लेल नहिं अपितु विभाजित करबाक काज कऽ रहल छी। ई विधेयक एहि बातक प्रमाण अछि जे अहां मुसलमानक दुश्मन छी।
सपा सांसद अखिलेश यादव लोकसभामे वक्फ (संशोधन) विधेयक, २०२४ पर अपन विचार रखलनि। ओ कहलनि, “जे विधेयक पेश कयल जा रहल अछि ओ बहुत सोचल-समझल जानबूझि कऽ राजनीतिमे कयल जा रहल अछि, राष्ट्रपति महोदय, हम लॉबीमे सुनलहुं जे अहांक किछु अधिकार सेहो छीनल जा रहल अछि आ तखनि तऽ हमरा अहाँक लेल सेहो लड़य पड़त। हम एहि विधेयककेँ विरोध करैत छी।”
अखिलेश यादवक दावाक जवाब दैत केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह कहलनि, “अखिलेशजी, एहि तरहक गोलमोल बात अहाँ नहिं कय सकैत छी, अहाँ नहिं छी स्पीकरक अधिकारक संरक्षक।”
कांग्रेस सांसद के.सी. वेणुगोपाल लोकसभामे वक्फ (संशोधन) विधेयक, २०२४क विरोध करैत कहलनि, “ई विधेयक संविधान पर मौलिक हमला अछि, एहि विधेयकक माध्यमसँ ओ सभ ई प्रावधान कऽ रहल छथि जे गैर-मुसलमान सेहो वक्फ गवर्निंग काउंसिलक सदस्य होयत। ई धर्मक स्वतंत्रता पर सीधा हमला अछि। एकर बाद ईसाई सभक, पुनः जैन सभक बारी आओत, भारतक लोक आब एहि तरहक विभाजनकारी राजनीतिकेँ बर्दाश्त नहि करत।”
वक्फ (संशोधन) विधेयक, २०२४क विरोध करैत एनसीपी-एससीपीक सांसद सुप्रिया सुले लोकसभामे कहलनि, “हम सरकारसँ अनुरोध करैत छी जे एहि विधेयककेँ पूरा रूपसँ वापिस लऽ लेल जाय अथवा एकरा स्थायी समितिकेँ पठा दियौक। कृप्या बिना परामर्शकेँ एजेंडा केर आगू नहिं बढ़ाउ।”
लोकसभामे वक्फ (संशोधन) विधेयक, २०२४क विरोध करैत डीएमके सांसद कनिमोझी कहलनि, “ई अनुच्छेद ३०क सीधा उल्लंघन अछि जे अल्पसंख्यकसभकेँ अपन संस्थानक प्रबन्धनक लेल काज करैत अछि। ई विधेयक एकटा विशेष धार्मिक समूहकेँ लक्षित करैत अछि।”