संपादकीय

पलटू के ?

जँ नीतीश कुमार पलटू तऽ भाजपा एवं राजद सेहो पलटू

*

विगत कएक वर्षसँ, प्रदेशक स्थिति एहेन बनल अछि कि, सरकार कोनो गठबंधनक होय, मुदा मुख्यमंत्री नितीश कुमारे रहैत छथि। आब पुनः संभावना व्यक्त कएल जा रहल अछि कि, सीएम नितीश कुमार पुनः महागठबंधन त्यागि, भाजपाक संग जा रहल छथि। हालाँकि एखन धरि कोनो दलक नेता द्वारा कोनो तरहक आधिकारिक बयान नहि देल गेल अछि। मुदा सीएम नितीश, अप्पन व्यवहार आ क्रिया – कलापसँ अप्पन निर्णय जनता धरि पहुँचाबय लेल प्रसिद्ध छथि। एक भाग जतय, राजद नेता लेल ई आश्चर्यजनक त’ अछि, मुदा तैयो ओ सभ एखनहुँ फील गुडक स्थिति देखएबाक प्रयास क’ रहल छथि, जहनकि, ओहो सभ सीएम नीतीशक राजनीतिके खूब नीकसँ बुझैत छथि। त’ दोसर भाग, भाजपा नेता सभक सुर सेहो बदलल सन प्रतीत भ’ रहल अछि। शीर्ष नेतृत्वक निर्णयमे कहाँ कोनो नेताक बासैठ चलल अछि आई धरि, त’ भाजपाक तमाम प्रवक्ता सम्हरि – सम्हरि क’ बयान जारी करैत देखल जा सकैत छथि। ओना पलटब, सीएम नीतीशक स्वभाव रहल अछि, तैं अनुमान अछि कि, ओ पुनः पलटताह। आब जौं ओ पलटियो जाइत छथि त’ हुनकर की बिगड़तनि ? किएक त’ प्रदेश आ प्रदेशक राजनीति, पछिला कएक वर्षसँ हुनके केन्द्रमे राखि, घुमैत रहल अछि। सरकार कोनो गठबंधनक होय, मुदा मुख्यमंत्री वएह बनैत रहलाह। पहिने ओ भाजपाक सहयोगसँ मुख्यमंत्री रहथि, एखन महागठबंधन सरकारक मुखिया छथि, आ जौं ओ फेरसँ पलटैत छथि त’ पुनः भाजपाक सहयोगसँ मुख्यमंत्री बनल रहताह। मिडिया आ सोशल मीडिया पर सीएम नीतीशके लेल अनेको अमर्यादित शब्दक चयन कएल जाइत अछि, कियो हुनका कुर्सी कुमार कहि संबोधित करैत अछि त’ कियो पलटू कुमार कहैत अछि। मुदा प्रश्न इहो अछि कि, पलटू के ? की, मात्र सीएम नीतीश कुमार अप्पन बयानसँ पलटलाह ? जौं सीएम नितीश कुमार पलटू छथि त’ राजद की अछि ? जे, सीएम नीतीशक पेटमे दांत होयबाक बात बुझितो हुनका महागठबंधनमे पुनः शामिल करौलक ? पलटबाक गप्प जहन उठाओल जाएत त’ जे मानक सीएम नितीश लेल तय कएल गेल छैक, वएह मानक त’ राजद पर सेहो लागु कएल जाएत। आब जौं नितीश कुमारके पलटू कहल जाएत त’ राजद सेहो पलटू अछि। तहिना भाजपा पर सेहो इएह तथ्य चरितार्थ होइत अछि किएक त’ भाजपा सेहो नीतीश कुमारके लेल पहिने त’ द्वार बंद करैत अछि, संगहि खिड़कीसँ गप्पसप्प जारी रखैत अछि। तमाम स्थिति परिस्थिति पर गौर कएल जाए त’ सिद्ध होइत अछि कि, सभसँ पैघ पलटू भाजपा अछि। किएक त’ सीएम नीतीशक स्वाभावके बुझितो भाजपा, बेर – बेर अप्पन बातसँ पलटि, जदयूक संग गठबंधन करैत अछि। सोझ भाषामे कहल जाए त’ जौं सीएम नितीश पलटू छथि त’ राजद आ भाजपा सेहो पलटू अछि। आब प्रश्न उठैत अछि कि, एहेन पलटीमार नेता सभकेँ प्रोत्साहित के करैत अछि ? एहेन कोन शक्ति अछि जे नेता सभकेँ जनादेशक अवहेलना करबाक सामर्थ्य प्रदान करैत अछि ? उपरोक्त तमाम प्रश्नक उत्तर अछि मतदाता, ओ जनते अछि, जे एहि तरहक राजनीति पर मूकदर्शक बनि एहि तरहक चलनके प्रोत्साहित करैत अछि। ओ जनते अछि जे, बेर – बेर ठकएलाक बादहु पुनः ठकएबाक लेल तत्पर रहैत अछि। ओना त’ धीरे धीरे सही मुदा देशक राजनीतिसँ, विचारक विदाई भेल जा रहल अछि, तैं चुनाव अबिते पाला – बदल नेता सभक कूद – फान शुरू भ’ जाइत अछि। एखन त’ नेता सभक स्थिति एहेन अछि कि, जखनहि चुनावमे पार्टीक टिकट नहि भेटैत छैक त’ अप्पन पार्टी छोड़ि, आन – आन दलक टिकट लेल प्रयास करैत देखल जाइत छथि। जौं टिकटक जोगाड़ भ’ गेल त’ अप्पन दलक सदस्यता त्यागि नव दलक झंडा बुलंद करैत छथि । आब त’ कोन नेता कहिया धरि कोन दलमे रहत, से कहब कठिन अछि। आब टिकटक लोभमे जहन कोनो नेता, अप्पन पार्टी छोड़ैत अछि त’ आश्चर्य नहि होइत अछि। विचारणीय इहो अछि कि, चुनावक घोषणा भेलाक बाद, लागू आदर्श आचार संहिताक, दल बदलबाक घटना पर कोनो असर नहि होइत छैक। दल बदलू नेता पर अंकुश लगएबाक अथवा नव दलमे शामिल होइते ओहि नेताक पसिन्नक चुनाव क्षेत्रसँ टिकट प्राप्त करबाक प्रयास पर, कोनो तरहक पाबंदी नहि रहैत छैक, नहिए न्यायालय किछु करैत अछि आ नहिए निर्वाचन आयोगक तरफसँ कोनो तरहक प्रयास कएल जाइत छैक। भरिसक तैं, इहो पालाबदल कार्यक्रम एकटा चुनावी परंपरा बनल जा रहल अछि । पार्टीके प्रति राजनेताक विचारधारा अथवा राजनीतिक मूल्यके कारण प्रतिबद्धता, आब मात्र ठट्ठा बनि क’ रहि गेल अछि । हर चुनावसँ पहिने, दल-बदल आ दल-त्यागक घटनामें वृद्धि दर्ज कएल जाइत अछि। आ, ई मात्र नेते धरि सिमित नहि रहल, आब त’ राजनीतिक दल सेहो अप्पन नफा – नुकसान देखैत अप्पन विचारधारासँ समझौता करैत देखल जा सकैत अछि।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *