संपादकीय

भाव, प्रभाव आ दबावक राजनीति

भाव, प्रभाव आ दबावक राजनीति
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लोकसभा चुनाव 2024 के लेल, हर दल प्रयास क’ रहल अछि, अपना भरि एखन सभ जीतिए रहल अछि, भाजपा एमहर 370 पार संगहि एनडीए लेल 400 पारक एकटा लक्ष्य निर्धारित कएने अछि आ ओहि दिशामे हर तरहक प्रयास सेहो कएल जा रहल छैक। तहिना आन विपक्षी दल सेहो अपना भरि पूरा प्रयासमे अछि कि, कहूना भाजपाके 300 सीटक भीतर रोकल जाए। कहबाक तात्पर्य ई, जे विपक्ष सेहो भाजपाके मात्र रोकबाक प्रयासमे अछि, नहि कि सत्तासँ हटएबाक प्रयासमे। मतलब साफ अछि कि, विपक्ष भाजपाक समक्ष एखनहु कमजोर प्रतीत भ’ रहल अछि। जाहि तरहेँ इंडिया गठबंधन बनाओल गेल, ओ धरातल पर साकार नहि भ’ सकल आ अनेको महत्वपूर्ण सहयोगी आई, अप्पन अलग राह पर अग्रसर छथि। ई तमाम घटनाक्रम भाजपा लेल लाभदायक सिद्ध भ’ रहल छैक, राजनीतिक एकटा भिन्न रूप आ चरित्र देखबामें आबि रहल अछि। सत्ता आ कुर्सीक खेलमे राजनीतिक दल टूटैत देखल जा रहल अछि, त’ पारिवारिक संबंधक बलि देल जा रहल अछि। राजनेताक निजी महत्वाकांक्षा एखन, नीति आ नियमके कतिया रहल अछि। कहूना सत्ता चाही, बस इएह टा मात्र लक्ष्य बाँचल अछि राजनीतिमे। फलतः देशक अनेको प्रतिष्ठित राजनीतिक परिवार खंड – खंडमे बंटयाल सन प्रतीत भ’ रहल अछि। कतौह कक्का, भातिज संग भिड़ल अछि, त’ कतौह भाई – बहिनक मध्य युद्ध शुरू अछि। कतौह भाई – भाई संग जंग शुरू अछि त’ कतौह देवर – भाउजक मध्य तनाव छैक। सत्ताक नशा एहेन चढ़ल अछि कि, पिता – पुत्र आ पिता – पुत्री एक दोसरक दुश्मन बनल अछि। हालहिमे, झारखंडमे जेएमएम नेता शिबू सोरेनक पुतोहु आ तीन बेरक विधायक सीता सोरेन, परिवार पर उपेक्षाक आरोप लगबैत भजपामे शामिल भ’ गेलीह। भरिसक भाजपा द्वारा हुनका लोकसभाक टिकट लेल आश्वासन भेटि गेल छैन्ह। मतलब साफ अछि कि, भाव, प्रभाव आ दबाव हर तरहक अस्त्र एखन राजनीतिमें अजमाओल जा रहल अछि। तैं एखन जेकरे देखु ओ, अप्पन पार्टी छोड़ि भाजपा लेल ताल तोड़ने अछि। सोझ भाषामे कहल जाए त’ एखन नेता सभमे उजाहि, उठल अछि। विपक्षक आरोप त’ इएह छैक कि, एहि तमाम द्वंदक पाछा भाजपा आ केन्द्रक मोदी सरकार अछि, जे तमाम संवैधानिक संस्थाक दुरूपयोग करैत एहि तरहक स्थिति उत्पन्न क’ रहल अछि आ नेता सभकेँ भजपामे शामिल होयबाक लेल विवश करैत अछि। एकटा निजी टीवी चैनलक कार्यक्रममे जहन एहि तरहक प्रश्न, देशक गृहमंत्री अमित शाहसँ पुछल गेल त’ ओ साफ शब्दमे मना कएलनि। अप्पन वक्तव्यमे ओ कहलनि कि, “शिवसेना पुत्रमोहमे टूटल आ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, पुत्रीमोहमे टूटल, भाजपामे सभक स्वागत छैक, आई सम्पूर्ण देशमे पीएम मोदीक चर्चा छैक त’ बेसी सँ बेसी लोक भाजपाक संग आबय चाहैत अछि जे नीक गप्प अछि”। गृहमंत्री किछु कहथि, मुदा एहि तमाम घटनाक्रममे भाजपाक संलिप्तता, नकारल नहि जा सकैत छैक। आखिर की कारण छैक कि, कोनो दलक नेता जे कानूनी दांव – पेंचमें फँसैत छथि त’ भाजपामें शामिल भ’ जाइत छथि ? जाहि दलक नेता पर, स्वयं प्रधानमंत्री घोटाला आ भ्रष्टाचारक आरोप लगबैत छथि, ओ नेता भाजपाक संग आबि, तमाम झंझटिसँ मुक्त भ’ सत्तासुख भोगैत छथि। भाजपा एखन 400 पार लेल हर तरहक प्रयास क’ रहल अछि, एहि क्रममे जे भेटैत छैक से उठा रहल अछि। हँ, जे गठबंधन लेल बोझ वा नुकसानदेह बुझाइत छैक, हुनकर सभक त्याग सेहो कएल जा रहल अछि। हरियाणामे गठबंधन टूटल, दुष्यंत चौटालाक त्याग कएल गेल, तहिना प्रदेशमे पशुपति पारसकें छोड़ि, चिराग पासवानके प्रधानता देल गेल। मतलब साफ़ अछि कि, एहि चुनावमे भाजपा, कोनो तरहक जोखिम उठाबयसँ बंचि रहल अछि। देशभरिमे तमाम छोट – छोट दलक संग लेल जा रहल अछि, बिहारमे जीतनराम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा, संगहि चिराग पासवान त’ उत्तरप्रदेशमे अनुप्रिया पटेल, आब महाराष्ट्रमे एमएनएसके संग सेहो बातचीत प्रगति पर अछि। बिहारमे त’ सीटक तालमेल संपन्न भेल, मुदा महाराष्ट्रमे एखनहु स्थिति स्पष्ट नहि अछि। शिवसेना (शिंदे गुट) आ राकपा (अजित गुट) पहिनहिसँ गठबंधनमे अछि आब एमएनएसके संग सेहो बातचीत जारी अछि आ अनुमान लगाओल जा रहल अछि कि, एक – दू सीट पर समझौता संभव अछि। सभकेँ संग ल’ क’ चलब आ सभकेँ संतुष्ट करब, भाजपा लेल एकटा कठिन कार्य सिद्ध भ’ सकैत अछि, मुदा भाजपाक शीर्ष नेतृत्व एखन एहि सभ पर ध्यान नहि द’ मात्र 400 पार पर अप्पन ध्यान केंद्रित कएने छथि। आ एहि लेल, जे कएल जा सकैत छैक, सभटा क’ रहल छथि। ओना, राज ठाकरे आ गृह मंत्री अमित शाहक मात्र भेंटघांटक खबैर अछि, कोनो समझौताक आधिकारिक घोषणा नहि कएल गेल छैक। त’ महाराष्ट्रक राजनीतिमे कोन तरहक खेला होयत, कहब मोश्किल अछि। किएक त’ राज ठाकरे ओहुना समर्थन करैत रहल छथि, किएक त’ अपना बलबूते एमएनएस आई धरि एक्कहु गोट लोकसभा सीट नहि प्राप्त कएलक अछि। चुनाव दर चुनाव मनसेक मत प्रतिशत खसिए रहल छैक, मुदा हुनका संग ठाकरे उपनाम छैन्ह जे महाराष्ट्रक राजनीतिमे एखनहुँ प्रासंगिक अछि, आ भाजपा इएह प्राप्त करबाक फेरमे अछि। भाजपा आ शिवसेना स्वाभाविक आ वैचारिक सहयोगी रहल अछि, मुदा सत्ता संघर्षमे दुनू दल एक दोसरक विरुद्ध अछि। आधासँ बेसी शिवसेना आ बारह आना राकपा, एनडीएमें अछि, मुदा उद्धव ठाकरे इंडिया गठबंधनमें छथि त’ भाजपा लेल आब राज ठाकरे केर अतिरक्त कोनो आन विकल्प मौजूद नहि छैक। राज ठाकरे एखन भाजपाक संग नजदीक छथि, मुदा पूर्वमे ओ, भाजपा आ पीएम मोदीकेँ कोनो गति बांकी नहि छोड़ने छथि आ मराठी मानुषक राजनीति कएनिहार राज ठाकरे अप्पन आक्रामक स्वाभाव लेल सेहो प्रसिद्द छथि त’ भाजपा लेल, राज ठाकरे लाभदायक छथि त’ नुकसानदेह सेहो सिद्ध भ’ सकैत छथि। किएक त’ विपक्ष द्वारा राज ठाकरेक पूर्वमे देल गेल वक्तव्यक फोटो आ विडिओ शेयर करब एखनहिसँ शुरू भ’ गेल अछि।

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