वित्त-अर्थ

10 ट्रिलियन डॉलरक अर्थव्यवस्था बनबाक लेल भारतकेँ सुधारक खगता : गीता गोपीनाथ

नई दिल्ली
*

आईएमएफ’क उप प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ कहलीह जे भारत दुनियाक सबसँ तेजीसँ बढ़ैत प्रमुख अर्थव्यवस्था बनल जा रहल अछि, मुदा २०४७ धरि १० ट्रिलियन डॉलरक विकसित अर्थव्यवस्था बनबाक लक्ष्यकेँ प्राप्त करबाक लेल आ विकासकेँ आओर तेज करबाक लेल देशकेँ बेसी महत्वपूर्ण संरचनात्मक सुधारक आवश्यकता होयत। ओ आगू उल्लेख कयलनि जे हालक मासमे भारतक विकास दरमे मंदी चुनावक कारण सार्वजनिक निवेशमे कमीक कारण छल।

गोपीनाथ कहलीह जे हम आबयवला समयमे सार्वजनिक निवेशमे वृद्धि आ ग्रामीण उपभोगकेँ सुदृढ़ करबाक अपेक्षा करैत छी। यद्यपि, उच्च, टिकाऊ विकास प्राप्त करबाक लेल भारतकेँ सार्वजनिक बुनियादी ढाँचामे निवेश पर ध्यान देबाक चाही। ई सुनिश्चित करब सेहो महत्वपूर्ण अछि जे परियोजनासभ समयसीमाक भीतर पूरा भऽ जाय।
एकर अतिरिक्त, गोपीनाथ आगू कहलीह जे व्यापार करबामे आसानीक लेल सुधार आवश्यक होयत आ किछु करमे कटौती कऽ वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलामे एकटा मजबूत एकीकरणक आवश्यकता अछि।

आईएमएफ’क उप प्रमुखक अनुसार, भारतक महत्वाकांक्षी लक्ष्य २०४७ धरि १० ट्रिलियन डॉलरक अर्थव्यवस्था बनब अछि, जे वर्तमानमे बहुत दूर बुझाइत अछि किएक तँ दुनिया स्थिर नहि अछि। एहि लक्ष्यकेँ प्राप्त करबाक लेल पछिला दशकमे जे देखलहुँ ओहिसँ बहुत पैघ संरचनात्मक सुधारक आवश्यकता होयत।
गोपीनाथक अनुसार, वैश्विक अर्थव्यवस्था ३.३ प्रतिशतक स्थिर गतिसँ बढ़ि रहल अछि, मुदा प्रमुख अर्थव्यवस्था अलग-अलग रास्ता अपना रहल अछि।
ओ आगू कहलीह जे अमेरिकी अर्थव्यवस्था मजबूत अछि, जखन कि यूरोप चुनौतीक सामना कऽ रहल अछि। चीनक अर्थव्यवस्थाकेँ सेहो समस्याक सामना करय पड़ि रहल अछि आ ओकरा अपन प्रॉपर्टी सेक्टर आ घरेलू माँगकेँ बढ़ावा देबाक आवश्यकता अछि।

चालू वित्तीय वर्षमे भारतीय अर्थव्यवस्थाक ६.४ प्रतिशतक दरसँ वृद्धि होयबाक आशा अछि। वित्त वर्ष २५क दोसर तिमाहीमे देशक सकल घरेलू उत्पाद ५.४ प्रतिशतक दरसँ बढ़ल।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *