धर्म-संस्कृति

स्वर्वेद महामंदिरक मोदी कयलनि उद्घाटन, कहलनि देश विरासत पर कय रहल गर्व

वाराणसी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहलनि जे देश आब गुलामीक मानसिकतासँ मुक्त भऽ अपन विरासत पर गर्व कय रहल अछि। सोमदिन स्वर्वेद मन्दिरक निर्माण एहि दिव्य प्रेरणाक एकटा उदाहरण अछि। हमरा विश्वास अछि जे एहि महायज्ञक प्रत्येक आहूति विकसित भारतक संकल्पकेँ मजबूत करत।

प्रधानमंत्री सोमदिन १८० फीट ऊँच सात मंजिला स्वर्वेद महामन्दिरक उद्घाटन कयलनि। ई मन्दिर दुनियाक सबसँ अद्वितीय मन्दिर अछि।

 

ओ कहलनि जे हर बेर जकाँ एहि बेर सेहो काशीक प्रवास सुखद छल। ओ कहलनि जे आइ भारत धरोहर आ विकासक पथ पर तेज गतिसँ आगू बढ़ि रहल अछि। काशीमे स्वर्वेद मन्दिरक उद्घाटनमे भाग लेब हमरा लेल सौभाग्यक बात अछि। “हमर संस्कृति केर निशाना बनाओल गेल। देश अपन विरासत पर गर्व करब बिसरि गेल छल। आब समयक चक्र बदलि गेल अछि। देश आब अपनाकेँ गुलामीक सोचसँ मुक्त कऽ रहल अछि। गुलामीक कालखंडमे अत्याचार भेल छल। देश आधुनिकतामे सेहो तेजीसँ बढ़ि रहल अछि। स्वतन्त्रताक बाद एहि सांस्कृतिक प्रतीकसभक पुनर्निर्माण आवश्यक छल। जँ हम अपन सांस्कृतिक पहिचानकेँ सम्मान दितौंह तँ देशक भीतर एकजुटता आ आत्मसम्मानक भावना मजबूत होइत । मुदा दुर्भाग्यवश, ई नहि भेल।

 

मोदी कहलनि जे आजादीक सात दशकक बाद एक बेर फेर समयक चक्र घुमि गेल अछि। देश आब लाल किलासँ गुलामीक मानसिकतासँ मुक्ति आ अपन विरासत पर गौरवक घोषणा कऽ रहल अछि। सोमनाथसँ शुरू भेल काज आब अभियान बनि गेल अछि। आइ काशीक विश्वनाथ धामक भव्यता भारतक अविनाशी महिमाक गाथा गाबि रहल अछि।

मोदी कहलनि जे काशीक कायाकल्प लेल सरकार, समाज आ संत सब मिलि कऽ काज कऽ रहल अछि। काशीक अर्थ अछि स्वच्छता आ परिवर्तन। पानिक एक-एक बूंद केर बचाबए जरूरी अछि। वाराणसीमे सड़कक जाल बिछाओल जा रहल अछि।

प्रधानमंत्री मोदी कहलनि जे भारत भौतिक प्रगतिकेँ भौगोलिक विस्तार आ दोहनक माध्यम कहियो नहिं बनय देलक। भौतिक प्रगतिक लेल सेहो हम आध्यात्मिक आ मानवीय प्रतीकक रचना कयलौंह। हम काशी सन जीवंत सांस्कृतिक केन्द्रक आशीर्वाद लेलहुं।

 

मोदी कहलनि जे स्वर्वेद मन्दिर भारतक सामाजिक आ आध्यात्मिक शक्तिक आधुनिक प्रतीक अछि। एकर देबाल पर स्वर्वेद बहुत सुन्दरताक संग अंकित अछि। चित्रक माध्यमसँ वेद, उपनिषद, रामायण, गीता आ महाभारत आदि ग्रन्थक दिव्य सन्देश सेहो उत्कीर्ण कयल गेल अछि। अतः ई मन्दिर एक तरहेँ आध्यात्मिकता, इतिहास आ संस्कृतिक जीवन्त उदाहरण अछि।

आगू ओ कहलनि जे भारत एकटा एहन राष्ट्र अछि जे सदीसँ विश्वक लेल आर्थिक समृद्धि आ भौतिक विकासक उदाहरण रहल अछि। हमसभ प्रगतिक प्रतिमान गढ़लौंह अछि आ समृद्धिक सोपान निर्धारित कयलौंह अछि। भारत भौतिक उन्नतिकेँ भौगोलिक विस्तार आ शोषणक माध्यम कहियो नहिं बनय देलक। भौतिक प्रगतिक लेल हम आध्यात्मिक आ मानवीय प्रतीक सेहो बनौलहुँ। हम काशी सन जीवंत सांस्कृतिक केन्द्रक आशीर्वाद लेलहुं।

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