केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बृहस्पतिकेँ दिल्लीक भारत मंडपममे आयोजित राजभाषा विभागक स्वर्ण जयंती समारोहमे कहलथि, भारतीय भाषा भारतकेँ जोड़बा लेल सबसँ शक्तिशाली माध्यम बनत।
आबयवाला समयमे केंद्र आ राज्यक प्रशासनमे भारतीय भाषाक प्रयोग आओर बढ़त।
ओ कहलनि कि आबयवला समयमे केंद्र आ राज्यक प्रशासनमे भारतीय भाषाक प्रयोग आओर बढ़त। एहि लेल ओ राज्यसँ संपर्क करताह आ ओकरा मनयबाक कोशिश करताह। एहि अवसर पर शाह राजभाषा हिन्दी आ समस्त भारतीय भाषाक प्रेमी लोकनिकेँ शुभकामना देलनि।
ओ कहलनि जे, हमरा सबकेँ कोनो भाषा वा विदेशी भाषा पर कोनो आपत्ति नहिं अछि, मुदा जिद्द अपन भाषाक सम्मान आ उपयोग पर हेबाक चाही। जा धरि हम सब अपन भाषामे सोचब आ गर्वसँ नहिं बाजब ता धरि गुलामीक मानसिकतासँ मुक्ति संभव नहि अछि।
सरकारी प्रशासन आम नागरिकक भाषामे होयबाक चाही, ई लोकतंत्र आ आत्मसम्मान दुनू लेल आवश्यक अछि |
राजभाषा विभागक १९७५ सँ २०२५ धरिक यात्रा पर जिक्र करैत केंद्रीय गृहमंत्री कहलनि कि भारतक आजादीक शताब्दी (२०४७) धरि देशक आत्मसम्मानसँ जुड़ल हर प्रयासमे राजभाषा विभागक योगदानकेँ स्वर्णिम अक्षरमे दर्ज कयल जायत।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कहला जे आब जेईई, नीट आ सीयूईटी जेहन परीक्षा 13टा भारतीय भाषामे भऽ रहल अछि। सीएपीएफ कांस्टेबल भर्ती परीक्षा सेहो आब 13ट भाषामे भऽ रहल अछि आ 95 प्रतिशत अभ्यर्थी अपन मातृभाषामे परीक्षामे उपस्थित भऽ चुकल छथि। एहिसँ ई ज्ञात होइत अछि जे भारतीय भाषाक भविष्य उज्जवल अछि।
गृहमंत्री कहलनि जे हिन्दी कोनो भारतीय भाषाक खिलाफ नहि अछि।
गृहमंत्री कहलनि जे हिन्दी कोनो भारतीय भाषाक खिलाफ नहि अछि। हिन्दी सभ भाषाक मित्र अछि आ सभ भाषा मिलि कय भारतक आत्मसम्मान बढ़ा सकैत अछि। ओ कहलनि जे पहिने भाषाक उपयोग देशकेँ विभाजित करबा लेल होइत छल, मुदा आब भारतकेँ एकजुट करबाक माध्यमक रूपमे एकर उपयोग कयल जाएत।
समारोहमे दिल्लीक मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, केंद्रीय मंत्री बंदी संजय कुमार, सांसद भरतरुहरी महताब, राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यासक राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी, हिंदी भाषाक वरिष्ठ विद्वान डॉ. राजलक्ष्मी कृष्णन सहित प्रमुख हस्ती उपस्थित छलथि।