राजनीति

इमरजेंसी पर सीएम नीतीश कुमार कहलनि जे, ‘हमरा सभकेँ आवाज उठाबय केर कारण जेलमे राखल गेल

पटना समदिया
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बिहारक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आपातकालकेँ लोकतंत्र पर हमला कहलनि। ओ कहलनि जे 1975 मे जनताक आवाज दबा देल गेल छल, हम सब जेल जा कए तानाशाहीक विरोध कयलहुँ।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 25 जून 1975 केँ देशमे लगाओल गेल आपातकालकेँ याद करैत एकरा भारतीय लोकतंत्रक इतिहासमे ‘कारी दिन’ कहलनि। ओ अपन एक्स अकाउंट पर पोस्ट करैत लिखलनि जे ‘ई दिन देशक जनताक अभिव्यक्तिक स्वतंत्रता आ लोकतांत्रिक अधिकारकेँ कुचलबाक प्रतीक अछि।’

मुख्यमंत्री लिखलनि जे लोकनायक जय प्रकाश नारायण आपातकालक खिलाफ आवाज उठेलनि आओर एकटा पैघ जन आंदोलन शुरू कयलनि। ओ कहलनि जे ओहि समयमे अपन कतेको मित्रक संग स्वयं एहि आन्दोलनमे सक्रिय रूपसँ जुड़ल छलाह। लोकतंत्रक रक्षाक लेल जेल तक गेलाह।

नीतीश कुमार लिखलनि जे तत्कालीन सरकार देशमे तानाशाही थोपने छल आ जनताक आवाजकेँ दबाबय केर हर संभव प्रयास कयल गेल। ओ कहलनि जे, ‘हमरा सबकेँ जेलमे डालल गेल सिर्फ एहि लेल जे हम तानाशाहीक खिलाफ आवाज उठेलहुं।’

मुख्यमंत्री कहलनि जे देशक जनता एकता आ साहसक संग एहि लड़ाईमे जीत हासिल कयलक। सभ गोटे मिलिकय तानाशाहीक खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ल आ लोकतंत्रकेँ पुनर्स्थापित कयलक।

नीतीश कुमार कहलनि जे बिहार अपन विकासक दिशामे संविधान, न्याय, स्वतंत्रता आ सामाजिक न्यायक भावनाकेँ सदिखन अपनाबैत रहल अछि। संगहि ओ इहो कहलनि जे लोकतंत्रक मूलमे जनताक आवाज अछि आ एकर रक्षा करब हमर सबहक जिम्मेदारी अछि।

मुख्यमंत्री लिखलनि जे, ‘हमर सभक संकल्प अछि जे हम सभ सदिखनि सतर्क रहब आ संविधानक आदर्शक रक्षा लेल तत्पर रहब।’ ओ नागरिक सभसँ अपील कयलनि जे लोकतंत्रक नींव मजबूत राखू आ कोनो स्थितिमे नागरिक अधिकारक रक्षा लेल सतर्क रहू।

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