सोशल मीडियामे मिथिलावासी आ प्रवासी केर खूब भेटि रहलनि दुलार
*
संजय कुमार झा
*
मैथिलीक पारंपरिक गीत-संगीतक पर्याय बनि चुकल मिथिलाक धिया सोनी चौधरी आइ-काल्हि विलुप्तिक कगारसँ पुनः प्रकाशित होइत दस करोड़ मिथिलावासीक धरोहरि मातृलिपि मिथिलाक्षरकेँ संरक्षित आ संवर्धित करबा लेल चलाओल जा रहल विश्वव्यापी मिथिलाक्षर साक्षरता अभियानक ‘अभियान गीत’क सृजन आ एकर मनोहर गायन लेल नहि केवल चर्चाक केंद्रमे छथि अपितु, मैथिली भाषी आम आ खास श्रोताक बीच खूब लोकप्रिय भऽ रहल छथि। संगीत निर्देशक सोनू पाठक केर विलक्षण संगीत संयोजनसँ सजल सोनी चौधरीक गाओल अभियान गीतक स्वर लहरी मैथिली भाषी लोककेँ अपन धरोहरि मातृलिपि सीखबाक प्रति विशेष रूपसँ आकर्षित आ प्रेरित कऽ रहल छनि।
मिथिलाक हृदयस्थली दरभंगामे स्थित ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालयक स्नातकोत्तर हिंदी विभागक सेवानिवृत अध्यक्ष प्रो रमाकांत झाक घर जन्म लेनिहारि, नेहरा गामवासी ललन चौधरीक अर्द्धांगिनी सोनी चौधरी अपन कठिन परिश्रम, लगन आ जादू भरल मधुर गायकी केर दम पर मैथिली गीत-संगीतक क्षेत्रमे नहि केवल राष्ट्रीय स्तर पर स्वयंकेँ स्थापित कयने छथि अपितु, आइ ओ मैथिलीक पारंपरिक गीत-संगीतक पर्याय बनि चुकल छथि। हालांकि हुनक गायन केर विविध रंग छनि। मुदा, मैथिली लोकगीत, पारंपरिक गीत-संगीत आ विद्यापति गीतक संगहि भक्ति गीतक लेल नहिं मात्र बिहारमे, बल्कि राष्ट्रीय मंच पर सेहो एकटा दैदीप्यमान नक्षत्रक रूपमे ओ स्वयंकेँ स्थापित कयने छथि।
आइ काल्हि ओ विलुप्तिक कगारसँ बाहर भेल मिथिलाक करीब दस करोड़ लोकक मातृलिपि मिथिलाक्षरकेँ संरक्षित आ संवर्धित करबा लेल चलाओल जा रहल विश्वव्यापी मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान केर ‘अभियान गीत’क रचना आ एकर मनोहर गायिकी लेल नहि केवल चर्चाक केंद्रमे छथि अपितु, मैथिली भाषी आम आ खास श्रोताक बीच खूब लोकप्रिय भऽ रहल छथि। संगीत निर्देशक सोनू पाठक केर विलक्षण संगीत संयोजनसँ सजल सोनी चौधरीक गाओल अभियान गीतक स्वर लहरी मैथिली भाषी लोककेँ अपन धरोहरि मातृलिपि सीखबाक लेल विशेष रूपसँ आकर्षित आ प्रेरित कऽ रहल छनि। हिनक होम प्रोडक्शन ‘सुर साहित्य फाउंडेशन’ द्वारा रीलीज ई मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान गीत एखन धरि लाखों लोक द्वारा देखल-सुनल जा चुकल अछि।
एहिना एहिसँ पूर्व हिनकर गाओल मैथिली पारम्परिक गीत ‘कथी लऽ प्रीत लगेलें रे जोगिया…’ , ‘आबि जाउ कटनीमे गाम यौ सजना…’, ‘एलै जीतिया गे बहिना…’, पारम्परिक लगनी ‘केहन कठोर भेलौं हमरा बिसरिये गेलौं…’ आ ‘चितचोरवा आजु बन्हौलनि रे…’ केँ सेहो सोशल मीडियामे लाखों व्यूज भेटि चुकल अछि। खास बात ई जे सोनी चौधरी मैथिली पारम्परिक लोक गीतक सुमधुर गायकी संग हिंदी गीत-गजल गायनमे सेहो पूरा दमखम रखैत छथि। हालमे दूरदर्शन केर मुजफ्फरपुर केंद्र द्वारा प्रसारित छन्द सम्राट पंकज त्रिपाठी रचित आ हिनका द्वारा गाओल गीत ‘तुम भ्रमर मैं बनूं पुष्प की मंजरी…’ केर व्यूज 2 लाख पार कऽ गेल अछि।
ध्यातव्य होय जे अपन लेखन आ गायकीमे सोनी चौधरीक जोर विशेष रूपसँ सांस्कृतिक धरोहरि रूपमे भेटल मिथिलाक पारंपरिक गीत-संगीत आ सांस्कृतिक विरासतकेँ सहेजबाक संग नारी सशक्तीकरणकेँ बढ़ावा देबामे बेसी रहैत छनि। संभवतः ईएह कारण अछि जे मिथिलाकक्षर साक्षरता अभियानसँ अपन आत्मजा रचना आ आत्मज कृष्णा संग ‘मिथिलाक्षर प्रवीण’ उपाधि अर्जित केनिहारि मिथिलाक एहि सोन धियाक हुनरकेँ राष्ट्रीय स्तर पर अनेकों सम्मानसँ नवाजल गेल अछि।
सुमधुर उत्कृष्ट गायन लेल हिनका विद्यापति सेवा संस्थान, दरभंगा द्वारा ‘मिथिला विभूति सम्मान’, अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन, हैदराबाद द्वारा ‘मिथिला रत्न सम्मान’, अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन, देवघर द्वारा ‘मिथिला भूषण सम्मान’, मिथिलांचल सर्वांगीण विकास संस्थान, बेनीपट्टी द्वारा ‘मिथिला गौरव सम्मान’, राष्ट्रीय युवा कल्याण परिषद, पटना द्वारा ‘बिहार रत्न सम्मान’, राष्ट्रीय न्यूज नेटवर्क, चंडीगढ़ द्वारा ‘कर्मवीर सम्मान’, बिहार शिक्षा एवं सांस्कृतिक विकास परिषद, पटना द्वारा ‘बिहार सम्मान’, सशक्त मिथिलानी समूह उर्वीजा, दिल्ली द्वारा ‘उर्विजा सम्मान’, सृष्टि फाउंडेशन, दरभंगा द्वारा ‘सृष्टि कला भूषण सम्मान’, दिल्ली प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा द्वारा ‘सशक्त नारी सम्मान’, आंकलन एवं कार्य निष्पादन मूल्यांकन परिषद, नयी दिल्ली द्वारा ‘संगीत रत्न सम्मान’सँ नवाजल जा चुकल अछि। जखनि कि दतिया गुरु कुल (मध्य प्रदेश) द्वारा आयोजित ‘मधुकर स्मृति समारोह’मे हिनका पारंपरिक लोक संगीतक क्षेत्रमे उत्कृष्ट योगदान लेल ‘सुर मधुकर सम्मान’ प्रदान कयल गेल छनि। ओतहि, मैथिली गीत-संगीतक क्षेत्रमे विशिष्ट योगदान लेल तिलकामांझी विश्वविद्यालय, भागलपुर द्वारा हिनका तिलकामांझी राष्ट्रीय सम्मान सेहो प्रदान कयल जा चुकल अछि। एकर अतिरिक्त मिथिला शिक्षा मंच, समस्तीपुर द्वारा स्वामी विवेकानंद युवा सम्मान आ महिनाथपुरमे संत शिरोमणि लक्ष्मीनाथ गोसाई सहित अनेक प्रतिष्ठित सम्मानसँ सेहो ओ सम्मानित भऽ चुकल छथि।
एतबहि नहि, कवि कोकिल विद्यापति केर कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर केन्द्रित हिनकर पोथी ‘नहि बिसरब विद्यापति’ केर लोकार्पण पश्चिम बंगालक तत्कालीन राज्यपाल आ वर्तमानमे देशक महामहिम उप राष्ट्रपति जगदीप धनकड़ केर कर-कमलसँ कोलकातामे आयोजित भव्य मिथिला महोत्सवमे भऽ चुकल अछि।
वर्तमानमे सोनी चौधरी देशक राजधानी दिल्लीमे रहि पछिला अनेक दशकसँ मैथिली गीत-संगीतकेँ तऽ एकटा नव मोकाम दैत आबिए रहल छथि, संगहि गैर मैथिली भाषी लोकक बीच सेहो मैथिली गीत-संगीतकेँ खासतौर पर लोकप्रिय बना चुकल छथि। ओ विद्यापति संगीतकेँ सेहो राष्ट्रीय स्तर पर एकटा नव पहिचान देबामे सफल भेल छथि। एकटा अभिनव अभियान ‘नहि बिसरब विद्यापति’ केर अंतर्गत राष्ट्रीय राजधानी दिल्लीमे होबय बला कार्यक्रम केर माध्यमसँ विद्यापति संगीतकेँ स्थापित करबामे सफल रहल सोनी चौधरी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित विभिन्न प्रदेशक सांस्कृतिक मंच पर मैथिली गीत-संगीत, विद्यापति संगीत आओर मिथिलाक पारंपरिक लोकगीतकेँ अपन सुरगर आवाज केर दम पर एकटा नव ख्याति अर्जित करेबामे सफल रहलीह अछि।
मैथिली केर पारंपरिक गीत-संगीतक अतिरिक्त सोनी चौधरी हिंदी गीत, गजल, ठुमरी एवं भजन संगीतमे सेहो अपन गायिकी केर विशेष छाप छोड़ने छथि। ईएह कारण अछि जे ओ बिहार सरकारक दिसिसँ प्रतिवर्ष सहरसामे आयोजित होबय वाला उग्रतारा महोत्सव, वनगाँव होली महोत्सव, अहिल्या स्थान, दरभंगामे आयोजित होमय वाला अहिल्या महोत्सव, विद्यापति सेवा संस्थान द्वारा आयोजित होबय वाला तीन दिवसीय मिथिला विभूति पर्व समारोह, मिथिला विकास परिषद, कोलकाता द्वारा आयोजित होबय वाला मिथिला महोत्सव, अंतर्राष्ट्रीय मंच मिथिला कोश नेपाल द्वारा आयोजित मिथिला महोत्सव, अंतर्राष्ट्रीय दूधमती महोत्सव, रामानंद जयंती महोत्सव, जानकी मंदिर जनकपुर, नेपाल द्वारा आयोजित जानकी जन्म महोत्सव, अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन, राष्ट्रीय राजधानी दिल्लीमे आयोजित होबय बला अखिल भारतीय मिथिला संघक कार्यक्रम सहित सैकड़ों विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रममे अपन सुमधुर गायकी केर लोहा मनवा चुकल छथि।
सोनी चौधरी वास्तवमे बहुमुखी प्रतिभाक धनिकानि छथि। ओ गायनक संग लेखन केर क्षेत्रमे सेहो अपन अलग पहिचान बनौने छथि। ओ हिंदी आ मैथिलीक जतबे नीक गायिका छथि, ओहिसँ बेसी एकटा संवेदनशील कवयित्री आ चिंतनशील स्तम्भकार सेहो छथि। ओ देशक सर्वोच्च साहित्यिक संस्था साहित्य अकादमी, दिल्ली द्वारा आयोजित कवि सम्मेलनमे काव्य पाठ कऽ चुकल छथि। एकर अतिरिक्त अनेक राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकामे हुनक लिखल कविता, स्तम्भ आ आलेख निरंतर प्रकाशित होइत आबि रहल छनि। मिथिलाक बेटी केर रूपमे सोनी चौधरी मैथिली गीत-संगीत, विद्यापति संगीत आओर मिथिलाक पारंपरिक लोकगीत कें आइ देशक विभिन्न शहर आ महानगरमे लोकप्रिय बनयबाक अद्भुत काज कऽ रहल छथि। एहिमे संदेह नहि जे मैथिली साहित्य महासभा, दिल्ली केर महासचिव पदक दायित्व सेहो बखूबी निभौनिहारि सोनी चौधरी गीत-संगीतक क्षेत्र संग साहित्य आ पत्रकारिता जगतमे एकटा सशक्त हस्ताक्षर बनि चुकल छथि।
खास कऽ मैथिली भाषाक क्रांति दूत मैथिली अखबार ‘मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश’ (राष्ट्रीय मैथिली दैनिक) मे हिनकर मिथिलाक परंपरा, धर्म, समाज, व्यवहार, सभ्यता, संस्कृति, पावनि-तिहार, कुरिति पर चोट आदि विषयक स्तम्भ-आलेख आयातित संस्कृतिसँ दुषित होइत समाजक पुनर्जागरण लेल औषधिक काज कऽ रहल अछि। लोककेँ अपन पारंपरिक धरोहरिक महत्ता ज्ञात होइत छैक आ आयातित संस्कृतिकेँ नकारबाक प्रयास लोकक मोन-मष्तिष्कमे घर करय लागैत अछि। वस्तुतः सोनी चौधरीक बहुमुखी प्रतिभा आ तकर उपयोगसँ मिथिला सहित कतेको अलगो प्रांतक लोक प्रकाशित भऽ रहल अछि। एहि सोन धियाकेँ अनंतानंत अभिनन्दन।