संपादकीय

पीएम मोदीक हनुमान – चिराग पासवान

धर्मेन्द्र कुमार झा (प्रबंध संपादक)
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देशमे, आगामी आम चुनावके देखैत एक बेर पुनः राजनीतिक उठापटक शुरू अछि, दल बदल कार्यक्रमक संग पाला बदल कार्यक्रम सेहो जोड़ – शोरसँ चलाओल जा रहल अछि। सोझ भाषामे कहल जाए त’ राजनीतिक पार्टी सभमे भगदड़ मचल अछि। अप्पन नफा – नुकसानके देखैत तमाम तरहक हिसाब – किताब हर नेता द्वारा कएल जा रहल अछि। अनुमानके मोताबिक बिहारमे सेहो खेला भेल, गठबंधन टूटल, पुनः नव गठबंधन बनल, सरकार खसाओल गेल पुनः सरकारक गठन भेल। राजनीतिक परिवारक कलह सेहो बीच – बीचमे जगजाहिर होइत रहल। चुनावक घोषणसँ पूर्व बहुत रास खेला भेल आ एखनहुँ भ’ रहल अछि, चुनाव आयुक्तक त्यागपत्रसँ आनन – फाननमे दू गोट नव चुनाव अयुक्तक नियुक्ति सेहो देखल गेल। चुनावी बांड पर बवाल भेल, सर्वोच्च न्यायालयक हस्तक्षेपके उपरांत, चुनावी बांडके माध्यमे दानदाताक सूची आब सार्वजानिक कएल गेल। मुदा ई सभ एखनहुँ नाकाफी अछि, बहुत किछु होयब एखनहुँ बांकी अछि। किएक त’ लोकसभा चुनाव 2024 सँ पूर्व बहुत रास खेलाक अनुमान लगाओल गेल छल। विपक्षी गठबंधनमे आपसी कलह आ बिखरावक उपरांत आब देशमे राजनीतिक समीकरण बदलल सन प्रतीत भ’ रहल अछि। भाजपा त’ पहिनहिसँ चुनावक तैयारीमे छल, आब बाकि दल सेहो आगामी लोकसभा चुनाव लेल तैयार अछि। हर दल अप्पन – अप्पन प्रत्याशीक सूची जारी क’ रहल अछि, भाजपा सेहो अप्पन रणनीतिके अनुसार कएक ठाम अप्पन प्रत्याशीक घोषणा कएलक अछि। हँ किछु स्थान पर सहयोगी दलक संग किछु सीट पर एक मत नहि बनि सकलै फलतः ओहि ठाम आम सहमतिक प्रयास जारी छैक। काल्हि धरि, एहने सन किछु स्थिति बिहारमें सेहो छलैक, मुदा आब राजग गठबंधन 400 पार लेल आगू बढ़ि चुकल अछि। मतलब सीट बंटवारा पर आपसी सहमति भरिसक बनि गेल छैक, मात्र आधिकारिक घोषणाक प्रतीक्षा अछि। ओना त’ प्रदेशमे एनडीए केर तमाम सहयोगी लग एनडीए केर अतिरिक्त कोनो आन विकल्प मौजूद नहि छलैक मुदा तैयो खूब उठापटक देखल गेल। आब “अंत भला त’ सब भला” सनक स्थिति बनल अछि, आ एनडीए केर तमाम सहयोगी प्रदेशक 40 सीटक संग – संग एनडीए 400 पारक नारा बुलंद क’ रहल छथि। हँ एहि राजनीतिक उठापटकके मध्य एकटा नाम जे खूब चर्चामे रहल, ओ नाम छल चिराग पासवान। बिहार फर्स्ट आ बिहारी फर्स्टक नारा बुलंद कएनिहार चिराग, एहि अवधिमे निर्भीक, निडर आ अडिग रहलाह, फलतः आई ओ, एनडीए केर आधिकारिक साझीदार छथि। चिराग पासवान अप्पन पार्टी, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) लेल एहि लोकसभा चुनावमे छह सीट पर दावा कएने छलाह, मुदा कएक बेर बैसार आ बहुत मान मनौअलके उपरांत 4 सीट प्राप्त करबामे सफल भेलाह। ओना त’ चिरागक राजनीतिक पृष्ठभूमि रहल अछि, ओ पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवानक पुत्र छथि। एखनहुँ चिराग पासवान सांसद छथि। मुदा राजनीतिमे प्रवेश करएसँ पूर्व ओ, बॉलीवुडमे अप्पन शुरुआत कएने छलाह, जे हुनका लेल नुकसानदेह सिद्ध भेल। चिरागक जन्म 31 अक्टूबर 1982 के प्रदेशक खगरियामे भेल छल। ओ अप्पन स्कूलिंग नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंगसँ कएने छथि। कहल जाइत अछि कि चिराग, 2003 मे नई दिल्लीक कोनो संस्थानसँ कंप्यूटर विज्ञानमे बी टेक सेहो कएने छथि। मुदा मिडिया रिपोर्ट्सके आधार अनुसार ओ अप्पन इंजीनियरिंग के शिक्षा पूर्ण नहि कएलनि। चिरागकेँ, नेनपनहिसँ मॉडलिंगक शॉक छलनि परिणामस्वरूप अप्पन इंजीनियरिंगके पढाई छोड़ि बॉलीवुडमे अप्पन भविष्य बनएबाक लेल प्रयास कएलनि। चिराग पासवान शुरुएसँ एकटा कलाकार बनए चाहैत छलाह, एहि क्रममे चिराग मुंबई जा मॉडलिंग सेहो कएलनि। वर्ष 2011 मे प्रदर्शित भेल फिल्म “मिले ना मिले हम” सँ अप्पन फ़िल्मी यात्राक शुरुआत सेहो कएलनि। ओहि फिल्ममे चिराग बॉलीवुडक प्रसिद्ध अभिनेत्री कंगना राणावतके संग देखल गेलाह, मुदा हुनकर पहिल फिल्म फ्लॉप सिद्ध भेल, संगहि बॉलीवुडसँ सेहो चिरागक मोहभंग भेल। तत्पश्चात चिराग, बॉलीवुडके त्यागि राजनीतिमे अप्पन भविष्य देखय लगलाह। 2014 के लोकसभा चुनावके दौरान पिता रामविलास पासवानक संग पार्टीके हर कार्य पूर्ण तन्मयताक संग कएलनि आ स्वयं जमुई लोकसभा सीटसँ चुनाव सेहो लड़लनि। ओहि चुनावमे चिराग पासवान, जमुई संसदीय क्षेत्रसँ सुधांशु शेखर भास्करकेँ पराजित कएलनि। पुनः चिराग पासवान वर्ष 2019 के लोक सभा चुनावमे सेहो एहि सीटसँ विजयी भेलाह आ लगातार दोसर बेर लोक सभाक सदस्य बनलाह। राजनीतिके अतिरिक्त चिराग पासवान “रोजगार” नामसँ एकटा गैर सरकारी संगठन सेहो चलबैत छथि। चिराग पासवान, 5 नवंबर 2019 सँ 15 जून 2021 धरि अप्पन पिताक पार्टी लोजपाके अध्यक्ष सेहो रहल छथि। आब स्थिति त’ बिल्कुल भिन्न अछि, मुदा एहि अवधिमे चिराग पासवान, अप्पन एकटा अलग आ मजगूत पहचान बना लेने छथि। प्रदेशक राजनीतिमे एकटा परिपक्व युवा नेताक रूपमे चिराग पासवान, अप्पन स्थान बनएबामे सफल सिद्ध भेल छथि। ओना त’ देशक राजनीतिमे युवा वर्गक भागीदारी आश्चर्यजनक रूपसँ बढ़ल अछि, मुदा प्रदेशक राजनीतिक बागडोर आब, लगभग युवानेताक हाथमे अछि। प्रदेशमे अनेको युवानेता जे एखन सक्रीय राजनीतिमे छथि, ताहिमे तेजस्वी, चिराग, कन्हैया, प्रशांत किशोरक संग – संग भाजपाक कमान सेहो एकटा युवा, सम्राट चौधरीक हाथमे अछि। बिहारक आधासँ बेसी मतदाता युवा अछि, मतलब 18 सँ 40 वर्षक अछि। हर दलमे युवा नेताकेँ प्रमुखतासँ आगू आनल जा रहल छैक, हुनका जिम्मेदारी देल जा रहल छैक जे एकटा बिहार सन प्रदेश लेल सुखद संकेत अछि। प्रदेशमे जाती, धर्म आधारित राजनीति पहिनहिसँ हावी रहल अछि, मुदा चिराग पासवान एहेन युवा नेता छथि जे मात्र अप्पन जातिए नहि अपितु हर जातिक युवावर्गमे लोकप्रिय छथि। चिरागक रणनीति रहल अछि कि, अप्पन जातिक संग – संग, हर वर्गक लोककेँ संग लेल जाए। तैं पार्टी द्वारा चुनावमे उतारल गेल अधिकाँश प्रत्याशी, सामान्य जातिक देखल जाइत अछि। चिराग पासवानक हर सभा आ रैलीमे युवा वर्गक जुटान बेसी देखल जाइत अछि। मिडिया, सोशल मिडियाक तमाम प्लेटफार्म पर चिरागक लोकप्रियता देखल जा सकैत अछि। भाजपाक संबंध राम विलास पासवानक संग सेहो मधुर रहल छैक आ चिराग त’ स्वयंकेँ पीएम मोदीक हनुमान घोषित कएने छथि। त’ चिरागक महत्व भाजपा खूब नीकसँ बुझैत अछि। बिहारक राजनीतिमे भाजपा, चिराग नामक जोखिम कखनहुँ उठाबय नहि चाहत ई लगभग तय अछि। प्रदेशक राजनीतिमे, अगामी लोकसभा चुनावसँ पूर्व जे राजनीतिक बयानबाजी शुरू छल, लगभग ओहि पर विराम लागि चुकल अछि। अर्थात, एनडीएमे सीटक फॉर्मूला तय भ’ गेल अछि। मात्र आधिकारिक अघोषणा बांकी अछि। 13 मार्चके जमुई सांसद चिराग पासवान, भाजपाक राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डासँ भेंट कएलनि त’ खबैर उड़ल कि, भाजपा द्वारा चिरागकेँ पांच सीटक ऑफर देल गेलैक। ई खबैर सुनिते पशुपति पारस आहत भ’ गेलाह, मान – मनौअल पुनः शुरू भेल, पशुपति पारस दिल्ली स्थित अप्पन आवास पर पार्टी नेताक संग बैसार सेहो कएलनि। ओना, सांसद प्रिंस राजक एकटा बयान सेहो आयल जाहिमे ओ कहलनि कि, ”हमर पार्टी रालोजपा, एनडीएक अभिन्न अंग अछि”। कहैत चली कि, प्रिंस राज, पशुपति पारसक भतीजा छथि आ समस्तीपुर लोकसभा सीटसँ सांसद छथि। मिडिया रिपोर्ट्समें कहल गेल कि, भरिसक प्रिंस राजकेँ बिहार कैबिनेटमे मंत्री बनाओल जा सकैत अछि, संगहि भाजपा द्वारा पशुपति पारसके राज्यसभाक ऑफर देल गेल अछि। मुदा पशुपति पारसक बयान सुनि ई लगभग असंभव लागि रहल अछि। किएक त’ हाजीपुर लोकसभा सीट पर जाहि तरहेँ कक्का – भतीजाक मध्य खींचतान शुरू छल, ओ सभ देखिअत पशुपति पारसक सहमति, लगभग असंभव लागि रहल अछि। केंद्रीय मंत्री आ राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टीक प्रमुख पशुपति पारस, अप्पन बयान जारी करैत कहलनि कि, एनडीए द्वारा हमर पार्टीक संग न्याय नहि कएल गेल अछि। सोझ भाषामे कहल जाए त’ पशुपति पारस, भाजपाक अंतिम सूचीक प्रतीक्षामे छथि, जौं हुनका उचित सम्मान नहि देल गेल त’ ओ कोनो तरहक विपरीत निर्णय ल’ सकैत छथि। विगत किछु वर्षमे कक्का – भतीजाक मध्य चलि रहल विवाद जाहि तरहेँ जगजियार भेल अछि, ओ देखि दुनूमे कोनो तरहक समझौताक आश लगायब मूर्खता होयत। किएक त’ रामविलास पासवानक निधनके पश्चात् पारिवारिक कलह एतेक हद धरि बढ़ल कि, लोजपा दू धरामे बंटा गेल। काका पशुपतिनाथ पारस सभ सांसदके अपनहि संग नेने गेलाह एमहर चिराग अकेला रहि गेलाह। भाजपा सेहो तहिया, चिरागक स्थान पर पशुपतिनाथ पारसके प्रधानता देलक। भाजपाक रणनीतिकार भरिसक इएह बुझलनि कि, प्रदेशक पांच सँ सात प्रतिशत मतदाता पशुपति परसक संग अछि। मुदा देशमे त’ विरासतक राजनीति, पिता द्वारा पुत्र लेल छोड़ल जाइत रहल अछि। प्रदेशक मतदाता वर्गमे सेहो चिराग पासवानक छवि एकटा शिक्षित, आ युवा नेताक बनल छैक त’ रामविलास पासवान आ हुनक राजनीतिक विरासतक उत्तराधिकारी सेहो चिरागेके मानल जाइत अछि। ई तमाम तथ्य चुनावी राजनीतिके माध्यमे, चिराग सिद्ध सेहो कएने छथि। आब ई तमाम तथ्य भाजपाक शीर्ष नेतृत्व सेहो बुझि रहल छथि, तैं, पशुपति पारसकें कतियाबैत चिराग पासवानकेँ प्रधानता देल गेल अछि। लोजपामे जहन विवाद उत्पन्न भेल त’ एलजेपी दू भागमे बँटल चिरागके विरुद्ध पशुपति पारसके नेतृत्वमे पार्टीक पांचो सांसद द्वारा विद्रोह कएल गेल। चिरागकेँ पार्टी अध्यक्ष, संसदीय दलक नेता सहित तमाम पदसँ हटा देल गेल छल। पार्टी पर अधिकारक विवाद चुनाव आयोग धरि पहुँचल आ आयोग द्वारा तत्काल नाम-निशान फ्रीज क’ देल गेल। पारस गुट द्वारा जाहि वीणा देवीकेँ पार्लियामेंट्री बोर्डक अध्यक्ष बनाओल गेल छल, आब वएह विणा देवी चिरागक संग छथि। स्थिति आब पशुपति पारस लेल सामान्य नहि रहल, लोकसभा चुनाव 2024 सँ पहिनहि लोक जनशक्ति पार्टी बिखरावक मार्ग पर अछि। किएक त’ सांसद वीणा देवीक पश्चात् आब पारस गुटक एक गोट आओर सांसद महबूब अली कैसर सेहो चिरागक संपर्कमे छथि। पशुपति पारस एमहर हाजीपुर सीट पर अप्पन दावा ठोकिते रहि गेलाह ओमहर भाजपा द्वारा चिराग पासवानकेँ, हाजीपुरक अस्सल उत्तराधिकारी घोषित क’ देल गेल। अब कहल जा रहल अछि कि, केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस, भाजपाक शीर्ष नेताक संग बातचीत करबाक प्रयासमे छथि। समय कतेक शीघ्र बदलैत अछि, ई पारससँ बेसी एखन कियो नहि बुझि सकैत अछि। स्थिति आब एहेन अछि कि, पारसक पहिल प्राथमिकता अप्पन पार्टीके बचएबाक अछि, किएक त’ चिराग पासवानकेँ हाजीपुरक संग – संग चारि गोट आन सीट सेहो देल गेल छैक त’ पारस गुटके एक्कहु सीट नहि देल गेल। प्राप्त जानकारीके अनुसार प्रदेशक 40 सीटमे सँ चिराग पासवानकेँ हाजीपुर सहित 4 सीट देल जा सकैत अछि, आ संभवतः पशुपति पारसके एक सीट संगहि जीतन राम मांझी आ उपेंद्र कुशवाहाके सेहो एक – एक सीट देल जा सकैत अछि। भाजपा 17 सीट पर लड़त त’ नीतीश कुमारक जदयूके बिहारक 16 सीट देबाक रणनीति पर कार्य चलि रहल अछि। एहि तमाम क्रिया कलाप आ निर्णयसँ ई साफ होइत अछि कि, प्रदेशमे कक्का के स्थान पर भतीजाकेँ प्रधानता देल गेल। मतलब साफ अछि कि, प्रदेशक 6 – 7 प्रतिशत मतदाता चिरागक संग अछि। काल्हि धरि पशुपति पारस मजगूत छलाह, आ चिराग कात धएने छलाह, मुदा आब स्थिति पूर्ण रूपेण बदलल अछि। आखिर किएक भाजपा, भतीजा पर विश्वास कएलक ? आखिर कोना चिराग पासवान, भाजपाके अप्पन शर्त पर तैयार करबामे सफल भेलाह ? आखिर किएक भाजपा, चिरागक शर्त पर सहमत भेल ? त’ एहि तमाम प्रश्नक उत्तर अछि, ओ 6 – 7 प्रतिशत मतदाता जे रामविलास पासवानके अप्पन नेता मानैत रहल अछि। आब वएह मतदाता चिराग पासवानकेँ, रामविलास पासवानक राजनीतिक उत्तराधिकारी मानैत अछि। संगहि चिराग पासवान अप्पन मतदाता वर्गक अतिरिक्त आन जातिक युवावर्गमे सेहो लोकप्रिय छथि। 2020 के विधानसभा चुनावमे जद(यू) आ भाजपा संग छल, मुदा चिराग पासवान एनडीएसँ अलग छलाह। चुनावके दौरान राम विलास पासवानक निधन भेलनि आ कक्का भतीजाक मध्य विवाद सेहो शुरू भेल। सीटक बंटवारा पर सेहो भाजपाक संग समस्या छलैक। त’ तमाम चिंतन मननके पश्चात् चिराग पासवान, 135 सीट पर चुनाव लड़बाक निर्णय लेलनि आ अधिकांश सीट एहेन छल, जतय जद(यू) के प्रत्याशी चुनाव मैदानमे छलथि। कहल गेल कि, चिराग ई सभ, भाजपाक इशारा पर क’ रहल छथि। परिणामस्वरूप, लगभग लगभग 6 प्रतिशत मत पाबि स्वयं त’ नहि जीतलाह, मुदा चिरागक एहि निर्णयसँ जद(यू) के अत्यधिक नुकसान उठाबय पड़लैक। चिराग आ सीएम नीतीशक मध्य जे शीतयुद्ध शुरू छलैक ओ आओर बेसी बढ़ि गेलैक। चिराग पासवान बिहार एनडीएसँ बाहर रहितो स्वयंके पीएम मोदीक हनुमान घोषित कएलनि। ओ भाजपाक विरोध कहियो नहि कएलनि, आ 2020 के विधानसभा चुनावक माध्यम अप्पन शक्ति प्रदर्शन करैत निरंतर बिहार पर अप्पन ध्यान केंद्रित कएने रहलाह आ धरातल पर सदिखन सक्रिय देखल गेलाह। प्रदेशक पासवान मतदाता चिरागकेँ, रामविलास पासवानक नैसर्गिक उत्तारधिकारी मानैत छथि। रामविलास पासवानक निधनके पश्चात् आ पार्टीमे विभाजनके देखैत चिरागके प्रति मतदाता वर्गमे सहानुभूति सेहो छैक। पशुपति पारस, हाजीपुरक सांसद भेलाक बावजूदो मतदातासँ ओतेक जुड़ल नहि छथि, त’ चिराग स्वयंके अप्पन पिताक अस्सल उत्तराधिकारीक रूपमे प्रस्तुत करबामे सफल भेलाह। चिराग अप्पन रैलीमे सीएम नितीश पर कठोर टिपण्णी सेहो कएलनि, मतलब साफ अछि कि, भले चिराग एनडीएमे छथि, मुदा सीएम नितीश लेल हुनकर मन एखनहुँ साफ नहि भेल अछि। चिराग अप्पन गठबंधन प्रदेशक जनताक संग कहैत, बहुत किछु कहि रहल छथि। चिराग अप्पन नेतृत्व कौशल, दबावक राजनीति आ वाक्पटुतासँ ओ तमाम चीज प्राप्त कएलनि जाहिके ओ अधिकारी छलथि। भाजपा सेहो चिरागमे भविष्य देखि रहल अछि, तैं कक्का के कतिया, भतीजा पर भरोस कएलक अछि। भाजपा आ स्वयं पीएम मोदी एहि चुनावमे कोनो तरहक जोखिम उठाबय नहि चाहि रहल छथि, आ एखन 5 – 6 प्रतिशत मत 400 पार लेल, अत्यधिक आवश्यक अछि। प्रदेशमे भाजपा 5 प्रतिशत मत के संग चिराग पर एक तरहेँ कहल जाए त’ दांव खेललक अछि। आ चिराग पासवान अप्पन कार्यसँ स्वयंके सिद्ध कएने छथि कि, रामविलासक अस्सल राजनीतिक उत्तराधिकारी वह छथि। आब चिराग पासवान उत्साहित छथि आ ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ के नाराक संग 400 पर में अप्पन भूमिकाक निर्वहन लेल तैयार छथि।

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