संपादकीय

मालदीवक चीनी चश्मा

धर्मेन्द्र कुमार झा (प्रबंध संपादक)
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ओना त’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीक हर दौरा, देश – विदेशमे एकटा चर्चाक विषय बनैत अछि, मुदा एखन हालहिमें संपन्न भेल पीएम मोदीक लक्षद्वीप दौरा, चर्चाक केन्द्रमे अछि। पीएम मोदीक एहि लक्षद्वीप दौरा पर विवाद, एतेक हद धरि बढ़ल कि, मालदीवमे राजनीतिक आ आर्थिक संकटक आशंका व्यक्त कएल जा रहल अछि। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अप्पन सोशल मीडिया पोस्टमे, लक्षद्वीप दौराक किछु फोटो शेयर कएलनि, जाहिमे ओ कतौह शांत समुद्रक तट पर सुस्ताईत देखल जा सकैत छथि त’ कतौह ओ स्कूबा डाइविंग करैत देखल जा सकैत छथि। पीएम मोदीक एहि तमाम फोटोके देखि, देशमे ई चर्चा शुरू भेल कि, भारतक ई राज्य त’ पर्यटनक स्वर्ग अछि। जानकारीके लेल कही कि, लक्षद्वीप, भारतक केंद्र शासित प्रदेश अछि,आ ई 32 वर्ग किलोमीटरमे पसरल 36 छोट-छोट द्वीपक समूह अछि। एहि ठाम पर्यटनक अपार संभावनाके देखैत मालदीवके, पीएम मोदीक ई फोटो अनसोहाँत लागि रहल छैक। भरिसक तैं, जखनहि पीएम मोदी, अप्पन लक्षद्वीप दौराक किछु सुन्नर – सुन्नर छायाचित्र, सोशल मीडिया पर शेयर कएलनि, लगभग तखनहिसँ पड़ोसी देश मालदीवमे, किछु नेताक पेटमे दर्द उठब शुरू भ’ गेलै। सोशल मिडिया एप्प्स, एक्स पर रंग – बिरंगक प्रतिक्रिया शेयर कएल गेल, जाहिमे मालदीवक किछु मंत्री जे, राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ूक अत्यधिक नजदीकी छथि, सेहो सभ अप्पन – अप्पन अमर्यादित टिपण्णीक संग सोशल मिडिया पर जारी एहि वाक्युद्धमें कूदि पड़लाह। सार्वजनिक जीवनमे लोककेँ अप्पन आचरण, अत्यंत मर्यादित रखबाक दरकार होइत छैक, मुदा जहन दुर्भावनासँ कियो ग्रसित भ’ जाए त’ ओहि व्यक्तिसँ कोनो तरहक अपेक्षा करब मूर्खता मानल जाइत छैक। आरोप – प्रत्यरोपक क्रममे मालदीवक मंत्री अप्पन मर्यादा बिसरि, पीएम मोदी आ भारत लेल अनेको स्तरहीन बयान जारी कएलनि जे, कोनो प्रकारेँ राजनयिक आ रणनीतिक रूपसँ उचित नहि कहल जा सकैत अछि। एकटा मंत्री अप्पन प्रतिक्रियामे भारतक संग इजरायलके सेहो घसीटबाक प्रयास कएलक, फलतः इजरायली दूतावास द्वारा लक्षद्वीपमे पर्यटनके बढ़ावा देबाक वकालत कएल गेल । इजरायली दूतावास द्वारा एक्स पर लक्षद्वीपक किछु फोटो आ वीडियो शेयर करैत लिखल गेल कि, ‘हम पछिले वर्ष वाटर ट्रीटमेंट कार्यक्रम शुरू करबाक लेल फेडरेल सरकारक अनुरोध पर लक्षद्वीपमे छलौंह। इजरायल, एहि परियोजना पर कार्य शुरू करबाक लेल तैयार अछि। मामिला एतेक पसरल कि, सम्पूर्ण देशमे #बायकॉटमालदीव ट्रेंड करए लागल। प्रश्न जहन देशक प्रधानमंत्री आ राष्ट्रक अस्मिताक बनि जाएत त’ के पाछा रहत ? परिणामस्वरूप खेल जगतक आ सिनेमा जगतसँ तमाम प्रसिद्ध व्यक्ति, जे एखन धरि पर्यटन लेल, मालदीवके प्रधानता प्रदान करैत रहलाह, ओहो सभ एहि अभियानमे अप्पन सहभागिता प्रस्तुत कएलनि। वीरेंदर शहबाग, अमिताभ बच्चन, जॉन अब्राहम, सलमान खान, कंगना राणावत, कैलास खेर संगहि आनो – आन कलाकार द्वारा मालदीवक विरोध कएल गेल। बहुतो लोक, जे छुट्टी मनाबय लेल मालदीव जएबाक लेल तैयार छलथि,ओ सभ अप्पन बुकिंग रद्द करैत, ओकर रसीद सोशल मिडिया पर पोस्ट कएलनि। देशक प्रतिष्ठित टूर बुकिंग कंपनी इजमायट्रिप केर सीईओ प्रशांत पित्ती त’ एक डेग आगू बढ़ैत मालदीवक तमाम बुकिंग रद्द करैत सोशल मिडिया पर पोस्ट कएलनि। एहि विवाद पर सम्पूर्ण भरतवर्षसँ लगभग एक्कहि रंगक प्रतिक्रिया देखबाक लेल भेटल, जे एकटा भारत सन विशाल लोकतान्त्रिक देश लेल शुभ संकेत अछि। भारतीय नागरिकक एकजुटता ई सिद्ध कएलक अछि कि, आपसी मतभेद कतबौह होय, मुदा बात जहन राष्ट्र पर होयत त’ सम्पूर्ण भारतवर्ष एक अछि। मालदीवक विरोधमे हर आम आ खास लोकक एक्कहि रंगक पोस्टसँ मालदीवमे उठापटक शुरू भेल। ओना, पीएम मोदीक हर यात्राके पाछा एकटा ठोस योजना आ रणनीति रहिते छैक जे काशी विश्वनाथ, केदारनाथ, महाकाल लोक, अयोध्या, अहमदाबाद आदि स्थानक यात्रासँ सिद्ध भेल अछि। त’ लक्षद्वीपक यात्राक सेहो अप्पन महत्व छैक जे, निकट भविष्यमे देशक समक्ष, दृष्टिगत होयत। भारत देश स्वयंमे सम्पूर्ण विश्व समेटने अछि, एहि ठाम तमाम प्राकृतिक संपदा उपलब्ध छैक, हँ ओहि क्षेत्रके, विशेष क्षेत्र बनएबाक इच्छशक्ति आ ठोस योजनाक आभाव सदिखन देखल गेल अछि। मुदा आब एहि कार्यक बीड़ा स्वयं पीएम मोदी उठौने छथि त’ लोकमे आश जागल अछि। एखन देशमे मोदीक गारंटी खूब बेसी प्रचलित भेल अछि त’ अनुमान लगाओल जा रहल अछि कि, लक्षद्वीपके लेल सेहो, मोदीजी किछु न’ किछु अबस्से सोचने हेताह। प्रधानमंत्री मोदीकेँ भरिसक कैमरासँ किछु बेसिए लगाव छैन्ह, ओ जतय कतौह जाइत छथि, कैमरा पाछा रहिते छैन्ह। कैमरा आ कैमरामैनके सेहो, पीएम मोदीसँ स्नेह छैन्ह त’ हर फोटोग्राफरक पहिल पसंद मोदीए छथि। स्वयं पीएम मोदी सेहो, अप्पन अत्यधिक व्यस्तताक बावजूदो फोटोग्राफर लेल समय निकालिए लैत छथि। नव – नव स्थान पर घुमब – फिरब, सेहो पीएम मोदीकेँ अधिक प्रिय छैन्ह। किएक त’ वर्ष 2014 सँ एखन धरि पीएम मोदी, देश – विदेशक कोना – कोना फिरि चुकल छथि। जाहि देशक दौरा एखन धरि, देशक कोनो पूर्व प्रधानमंत्री नहि कएने छलाह, पीएम मोदी ओहि तमाम देशक राष्ट्राध्यक्षक संग गलबैयाँ करैत देखल जाइत छथि। प्रधानमंत्रीक एहि पर्यटन प्रेम लेल विपक्ष, बेर – कुबेर व्यंग्य करिते रहैत अछि। पीएम मोदीक विदेश दौरा सेहो विपक्ष लेल एकटा राजनीति करबाक विषय सिद्ध होइत रहल अछि, मुदा पीएम मोदी लेल धन्न – सन्न। विपक्षक तमाम आरोप – प्रत्यारोपके कतियाबैत ओ अप्पन कार्यमे लागल रहलाह। पीएम मोदीक स्वाभाव छैन्ह कि, ओ जाहि क्षेत्रक दौरा करैत छथि, ओहि क्षेत्रक तमाम जानकारी, पहिनहि संग्रह क’ लैत छथि जे हुनकर लोकप्रियतामे चारि चान लगबैत अछि। ओहि क्षेत्रक पारम्परिक परिधानमे प्रधानमंत्री मोदी फोटो सेहो एक्स पर पोस्ट करिते रहैत छथि। ओना त’ पीएम मोदी देशभरिमे सभसँ अधिक लोकप्रिय नेता छथि, मुदा हुनकर प्रशंसक आब दुनिया भरिमे पसरल अछि। विश्वक सर्वाधिक लोकप्रिय नेताक सूचीमे ओ शीर्ष पर बनल छथि। आ अप्पन स्वभावानुसार पीएम मोदी लक्षद्वीपक फोटो सोशल साइट्स पर शेयर कएलनि जे, एहि विवादके जन्म देलक। अमर्यादित बयान लेल तर्क देल गेल कि, मालदीव भरिसक भयभीत अछि, कि, कहीं पर्यटक मालदीव छोड़ि लक्षद्वीप दिस प्रेरित भेल त’ मालदीवक पर्यटन उद्योगके अत्यधिक नुकसान उठाबय पड़ि सकैत अछि। जहिना पीएम मोदी अप्पन फोटो, सोशल मिडिया पर शेयर कएलनि, तहिना भारतीय पर्यटक वर्गमे लक्षद्वीपके प्रति बढ़ैत आकर्षण देखल जा रहल अछि। आब जौं लोक सैर सपाटा लेल लक्षद्वीप जाए लागत त’ मालदीवक समुद्री तट स्वतः खाली भ’ जाएत, जे मालदीवक अर्थव्यवस्था लेल निश्चित रूपसँ नुकसानदेह सिद्ध होयत। पीएम मोदी सोशल मिडिया पोस्टक बाद, जाहि हिसाबेँ लोकक उत्सुकता बढ़ल अछि ओ मालदीव लेल निश्चित रूपसँ चिंताक विषय अछि। ओना त’ नवंबर 2023 मे जहन, मोहम्मद मुइज्जू मालदीवक नव राष्ट्रपति बनलाह, लगभग तहिएसँ दुनू देशक संबंधमे तनाव देखल जा रहल अछि, किएक त’ मोहम्मद मुइज्जू चीन समर्थक नेता मानल जाइत छथि। मुइज्जु, मालदीवक राष्ट्रपति बनलाक उपरांत अप्पन पहिल विदेश यात्राके क्रममे तुर्की गेल छलाह आ एखन ओ चीनक यात्रा पर छथि। सत्ता सम्हारिते मुइज्जु, भारतक नीतिके समाप्त करबाक घोषणा कएलनि। ओना, दुबईमें भेल जलवायु सम्मिटमे, पीएम मोदी आ मालदीवक राष्ट्रपतिक भेंट घांट भ’ चुकल अछि। मुदा तैयो ई लक्षद्वीपक फोटोवला मामिला पर मालदीवक किछु मंत्री, अप्पन मनः पर नियंत्रण नहि राखि सकलाह। मामिला एतेक आगू बढ़ल कि, भारत सरकार द्वारा मालदीव सरकारक समक्ष, कठोर आपत्ति व्यक्त कएल गेल। फलतः आब मालदीव अप्पन मंत्रीक विवादित टिप्पणीसँ पल्ला झाड़ैत बैकफुट पर अछि। मालदीव सरकारक तरफसँ कहल गेल अछि कि, अपमानजनक टिप्पणी कएनिहार व्यक्तिके विरुद्ध कार्रवाई करएसँ सेहो, परहेज नहि करत। मालदीव सरकारक तरफसँ उचित कार्रवाईके भरोसाक संग कहल गेल कि, ई विवादित वक्तव्य ओहि मंत्रीक व्यक्तिगत बयान अछि आ एहि सभसँ सरकारक कोनो लेना देना नहि अछि। मालदीवमे तमाम विपक्षी नेता, एखन सरकार पर आक्रामक अछि, नाना – प्रकारक बयानबाजीक संग अविश्वास प्रस्तावक सेहो नियार अछि। मालदीवक अर्थव्यवस्था मुलरूपसँ पर्यटन पर आधारित अछि, आब जौं भारतीय पर्यटक वर्ग मालदीवक बहिष्कार करैत अछि, त’ मालदीव क अर्थव्यवस्था कतेक हद धरि प्रभावित होयत, ई स्वयं मुइज्जु सेहो बुझैत छथि। मुदा एतेक सभ भेलाक बादहु एखन धरि हुनका तरफसँ कोनो वक्तव्य वा खेद जारी नहि कएल गेल अछि। हँ पूर्व मंत्री आ सरकारक किछु मंत्री द्वारा अवश्य खेद प्रकट कएल गेल अछि, संगहि तीनू बयानवीर मंत्रीकेँ निलंबित सेहो कएल गेल अछि। जहिना भारत लेल मालदीव महत्वपूर्ण अछि, तहिना मालदीव लेल सेहो भारतक महत्व छैक। मालदीव, हिंद महासागरमे भारतक लक्षद्वीप द्वीप समूहके दक्षिणमे स्थित अछि, 1966 मे ब्रिटिश शासनसँ मालदीवक आजादीके बाद दुनू देशक राजनयिक संबंध स्थापित भेल। भारत त’ मालदीवक आजादीके मान्यता देनिहार पहिल देशमे सँ एक छल, आ तहियेसँ भारत आ मालदीवक घनिष्ठ रणनीतिक, सैन्य, आर्थिक आ सांस्कृतिक संबंध विकसित भेल अछि। प्रमुख समुद्री मार्गके संग हिंद महासागरमे मालदीवक रणनीतिक स्थिति मालदीवके, भारत आ चीन दुनू देश लेल रणनीतिक रूपसँ महत्त्वपूर्ण बनबैत अछि। फलतः दुनू देश, मालदीवक तमाम घटनाक्रम पर नजैर रखैत अछि आ अप्पन प्रभाव स्थापित करबाक प्रयासमे रहैत अछि। भारत त’ अप्पन पड़ोसी देशक संग सदिखन अप्पन परंपराके ध्यानमे रखैत, उदार व्यवहार रखैत अछि। भारत, हिंद महासागर क्षेत्र, विशेष रूपसँ श्रीलंका, पाकिस्तान आ मालदीव सनक देशमे चीनक बढ़ैत उपस्थिति पर चिंता व्यक्त करैत रहल अछि। एहि क्षेत्रमे चीनी-नियंत्रित बंदरगाह एवं सैन्य सुविधाक विकासके, भारतक रणनीतिक हित एवं क्षेत्रीय सुरक्षाके लेल चुनौतीके रूपमे देखल जाइत अछि। चीनक कृत्य देखि ई प्रतीत भ’ रहल अछि कि, ओ सम्पूर्ण संसारके अप्पन आर्थिक गुलाम बनएबाक प्रयासमे अछि, एहि लेल ओ दुनियामे गरीब आ छोट – छोट देशके पहिने अप्पन कर्जाक जालमें फँसबैत अछि आ बादमे ओहि देशमे अप्पन कारबार बढबैत ओहि देशक जमीन पर कब्ज़ा करैत अछि। एकटा कहावत छैक हिंदीमें “ऐसा कोई सगा नहीं, जिसको हमने ठगा नहीं” ई चीनक दशा पर बिल्कुल सत्य प्रतीत होइत अछि। जे देश, चीनक मित्राताक जालमें फँसल, ओहि देशक संग चीन गद्दारी अवश्य करैत अछि। म्यांमार, श्रीलंका, पाकिस्तान, आ नेपाल, चीनक मित्रतामें फँसि बर्बादीक कगार पर अछि, आ एहि सूचीमे शामिल भेल एकटा छोट छीन अफ़्रीकी देश अछि माली, जे गृहयुद्धक आगिमें तपि रहल अछि। एखन धरि मात्र, अमेरिका एहेन देश अछि जे, बेर कुबेर चीनकेँ चेतबैत रहैत अछि। मुदा चीन पर एहि सभ बातक कोनो बेसी प्रभाव नहि देखल गेल अछि। मुदा भारत त’ मालदीव आ आन हिंद महासागर देशके संग अप्पन राजनयिक एवं रणनीतिक संबंधके मजगूत करबाक प्रयासमे रहैत अछि। एहि क्षेत्रमे अप्पन व्यापक प्रभावके लेल आर्थिक सहायता प्रदान कएल जाइत अछि, आधारभूत अवसंरचना परियोजना शुरू कएल गेल अछि, संगहि रक्षा सहयोगक विस्तार सेहो कएल गेल अछि। भारतक “नेबरहुड फर्स्ट” नीतिक उद्देश्य, पड़ोसी देशमे चीनक बढ़ैत प्रभावके संतुलित करब अछि। एहि क्रममे मालदीव सेहो, भारतसँ लाभान्वित होइत रहल अछि, भारत सदैव मालदीवक सहायता लेल ठाढ़ रहैत अछि। मुदा मालदीवक चीनपरस्त सरकारक मंत्री, भारत लेल जाहि तरहक अमर्यादित टिपण्णी कएलक अछि ओ निश्चित रूपसँ मालदीव लेल अहितकर सिद्ध होयत, आब इहो तय मानल जा रहल अछि। पीएम मोदी आ भारत पर एहि तरहक अमर्यादित बयान, एहेन समय पर आयल अछि, जहन मालदीवक राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू, चीनक यात्राक तैयारीमें छलथि आ पीएम मोदी, लक्षद्वीपक ब्रांडिंगमें व्यस्त छलथि। तीनू मंत्रीके कैबिनेटसँ निलंबित त’ क’ देल गेल अछि, मुदा मुइज्जु एखनहु चुप छथि। राष्ट्रपति मुइज्जु एखन चीनमे छथि, त’ एहि विवादमे चीनक हस्तक्षेप सेहो अपेक्षित छल, त’ चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्समे सेहो पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणीक उपरांत शुरू भेल विवादके स्थान देल गेल। रिपोर्टमे भारत पर आरोप लगबैत अप्पन पड़ोसीके प्रति अप्पन विदेश नीतिके देखबाक परामर्श देल गेल अछि। ओना मालदीवक नागरिक, आम तौर पर भारतीय आ भारतके, आर्थिक, सामाजिक आ राजनीतिक क्षेत्रमे एकटा मित्र आ विश्वासपात्र पड़ोसी मानैत अछि, मुदा समाजक एक वर्ग द्वारा भारत विरोधी विचारके सेहो प्रोत्साहित कएल जाइत अछि। जे ‘इंडिया आउट’ अभियानके अंतर्गत प्रदर्शित भेल। दुनू देश, ऐतिहासिक आ सांस्कृतिक संबंध साझा करैत अछि, आ मालदीव भारतक महत्वपूर्ण समुद्री पड़ोसीमे महत्वपूर्ण स्थान रखैत अछि। भारत, क्षमता विकास आ क्षमता वृद्धिके माध्यमसँ मालदीवमे रक्षा आ सुरक्षा बुनियादी ढांचाके मजबूत करबाक उद्देश्यसँ विभिन्न प्रयासमे सक्रिय रूपसँ लागल अछि। ओना त’ भारत अप्पन हर पड़ोसीक संग घनिष्ठ संबंधक अभिलाषी रहैत अछि, मुदा मालदीव पर भारतक कृपादृष्टि किछु बेसिए रहल छैक। वर्ष 1988 मे जहन मालदीवमे तख्तापलटक प्रयास भेल त’ भारतीय सशस्त्र बलक हस्तक्षेपसँ, जे “ऑपरेशन कैक्टस” के नामसँ जानल जाइत अछि, तख्तापलटके प्रयासके विफल कएल गेल। वर्ष 2014 मे जहन मालदीवमे, पेयजल संकट उत्पन्न भेल त’ मालदीव द्वारा भारतसँ तत्काल सहायताक आग्रह कएल गेल, त’ ओ देश भारते छल जे, द्वीप पर जलक आपूर्ति कएलक। भारतीय पक्ष द्वारा कएल गेल मानवीय राहत प्रयासके लेल मालेमे हर वर्गक लोक द्वारा व्यापक रूपसँ सराहल गेल। कहबाक तात्पर्य ई जे, भारत हर संकटमे मालदीवक संग ठाढ़ रहल अछि, चाहे ओ मालदीवमे राजनीतिक संकट हो अथवा मानवीय, भारत सदैव मालदीवक सहायताक लेल तत्पर रहल अछि। 2020 के कोविड-19 संकटके दौरान, भारत, मालदीवके हर तरहक सहायता प्रदान कएने छल। अप्रिल 2020 मे भारत, मालदीवके कोविड-19 के वित्तीय प्रभावके कम करबामे सहायताक रूपमे $150 मिलियनक मुद्रा विनिमय सहायता प्रदान कएने छल। एहि सभक अतिरिक्त मालदीव सरकारक आग्रह पर भारतीय वायु सेना, ‘ऑपरेशन संजीवनी’ के क्रममे मालदीव में 6.2 टन आवश्यक दवाई आ अस्पताल उपभोग्य वस्तु पहुँचौलक। ई त’ जगजाहिर अछि कि, मालदीवक राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू चीनक समर्थक छथि, आ हुनकर राजनीति सेहो, भारत विरोधी विचार पर आधारित अछि। मुदा हुनका लेल इहो बुझब आवश्यक अछि कि, भारतसँ शत्रुता राखि ओ, कतौहके भ’ क’ नहि रहि सकैत छथि। एहि विवादक उपरांत जौं भारत अप्पन हाथ खिंचैत अछि त’ निश्चित रूपसँ मालदीवक विकास प्रभावित होयत। जहिना भारत द्वारा मालदीवमे पैघ निवेश कएल गेल अछि, तहिना मालदीवक पर्यटन उद्योगमे भारतीय पर्यटकक पैघ संख्या, मालदीवक अर्थव्यवस्थाके मजबूत करबामे सहायक अछि। त’ जानकार मानैत छथि कि, राष्ट्रपति मुइज्जुक चीनी चश्मा शीघ्र उतरए, आ मालदीव लेल सेहो इएह सुखकारी होयत।

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