वित्त-अर्थ

आगामी बजटमे सरकारी कल्याणकारी योजना पर बढ़त व्यय

नई दिल्ली
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केंद्र सरकारकेँ आबयवला बजटमे पूँजीगत व्यय आ विकास काजकेँ आगू बढ़यबामे कोनो तरहक आर्थिक कठिनाईक सामना नहिं करय पड़त। एकर कारण भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा सरकारकेँ देल गेल लाभांश आ कर आयमे वृद्धि अछि।
ई जानकारी वैश्विक ब्रोकरेज फर्म जेफरीजक रिपोर्टमे देल गेल। जेफरीजक कहब अछि जे आगामी बजटक किफायती आवास, उपभोक्ता कम्पनी, मूल्य-संवेदनशील उद्योग आ पूंजीगत व्ययसँ प्रभावित कम्पनीसभ पर सकारात्मक प्रभाव पड़त। यद्यपि, आईटी आ फार्मा उद्योग पर एहि बजटक कोनो प्रभाव नहिं पड़त।

ब्रोकरेज फर्म कहलक जे सरकार लग उच्च पूंजी आ सामाजिक खर्चक लेल ४०-५० आधार अंकक वित्तीय बफर मौजूद अछि।

रिपोर्टमे आगू कहल गेल अछि जे बढ़ैत आयकर संग्रह सरकारकेँ करमे छूट देबाक अनुमति दैत अछि। एहिसँ करदाता सभकेँ राहत भेटि सकैत अछि। एकर संगहि व्यय बढ़लासँ आर्थिक गतिकेँ सेहो समर्थन भेटत।

जेफरीज अपन रिपोर्टमे देल गेल सुझावमे कहलक अछि जे सरकारकेँ शहरी परिवारक लेल क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना वापिस अनबाक चाही। संगहि पूंजीगत व्ययमे ३०,००० करोड़ रुपयाक बढ़ोत्तरी करबाक चाही।

जेफरीज आशा व्यक्त कयलक अछि जे एहि बजटमे सरकारी कल्याणकारी योजनासभक व्ययमे ५०,००० करोड़ टाकाक वृद्धि कयल जा सकैत अछि। संगहि उधारी लक्ष्यकेँ कम कयल जा सकैत अछि। एकर अतिरिक्त, बजटमे एफ एंड ओ ट्रेडिंग पर कारवाई कयल जा सकैत अछि। मुदा, पूंजीगत लाभ कर व्यवस्थामे कोनो परिवर्तन नहिं होयबाक सम्भावना अछि।

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