शुक्रदिन राज्यसभामे विपक्षी सांसद नीटमे अनियमितता पर चर्चाक माँग कऽ रहल छलाह। एहि बातकेँ लऽ कऽ सदनमे जबरदस्त हंगामा भेल आ कथनानुसार मर्यादा तक नांघल गेल। एहि हंगामाक बीच पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा केंद्र सरकार द्वारा कयल गेल कारवाईकेँ उचित ठहरौलनि।
ओ कहलनि जे सीबीआई एहि मामिलाक जाँच कऽ रहल अछि आ विपक्षकेँ जाँच रिपोर्टक प्रतीक्षा करबाक चाही। जद(एस)क सांसद आ पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा कहलनि जे लाखों छात्र परीक्षाक एहि मुद्दासँ जूझि रहल छथि।
विपक्ष द्वारा चर्चाक माँग पर ओ कहलनि, “हमरा कोनो आपत्ति नहिं अछि। मुदा, मुद्दा ई अछि जे सरकार पहिनेसँ एहि मामिलाक सीबीआई जाञ्चक आदेश दऽ चुकल अछि। जांच एखन धरि पूरा नहिं भेल अछि। दू-तीन राज्यमे गिरफ्तारी भेल अछि। जतय धरि नीटक सवाल अछि, कतहु किछु गड़बड़ जरुर भेल अछि। संबंधित मंत्री जांचक आदेश देने छथि। जाबत धरि जाँच पूरा नहिं भऽ जायत ताबत धरि अहाँ सरकारक छविपर हमला नहिं कऽ सकैत छी। ओ कहलनि, जाबत धरि सीबीआई जाँच पूरा नहिं भऽ जायत, ककरो पर जिम्मेदारी नहिं राखि सकैत छी। पूर्व प्रधानमंत्री विपक्षी सांसदक लेल कहलनि जे ई सभ वरिष्ठ लोक छथि। हम एहि सब परिपक्व नेता सभसँ अपील करैत छी, सरकार जाञ्चक आदेश देलक अछि, रिपोर्ट आबय दियौक। ओ सभ सदस्यसँ हाथ जोड़ि अपील कयलनि जे जाञ्चक रिपोर्ट आबय दियौक, तखने हमरासभकेँ पता चलत जे एहि मामिलामे के दोषी अछि।
उपसभापति विपक्षसँ एहि मुद्दा पर पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा केर विचार पर विचार करय लेल कहलनि। एम्हर विपक्षी सदस्य लोकनि अपन विरोध तेज कऽ देलनि आ नाराबाजी जारी रखलनि। सदनमे शोर-शराबक बीच सदनक नेता जेपी नड्डा बजबाक लेल ठाढ़ भेलाह। ओ कहलनि जे कार्य सलाहकार समितिमे ई निर्णय लेल गेल छल जे राष्ट्रपतिक अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्तावक लेल २१ घंटा देल जायत, जे रिकॉर्ड समय अछि। एहिसँ पहिने २१ घंटा कहियो आबंटित नहिं कयल गेल छल। लेकिन, ओतय सहमतिक बावजूद आइ सदनमे स्थगन प्रस्ताव आनल गेल। एकर उद्देश्य नीट पर चर्चा करबाक नहिं अछि, अपितु सदनकेँ बाधित करबाक अछि। नड्डा कहलनि जे कांग्रेस पार्टी पहिनेसँ अपन मन बना लेने छल जे ओ चर्चा नहिं करय चाहैत अछि। राष्ट्रपतिक अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर अहाँकेँ २१ घंटाक भीतर नीट पर गप्प करबाक हर अवसर भेटैत अछि। सरकार एकर जवाब देबए लेल तैयार अछि।
एहि दौरान विपक्ष नीट केर लऽ कऽ नाराबाजी करैत रहल। हंगामासँ नाराज सभापति जगदीप धनखड़ कहलनि जे “भारतीय संसदक इतिहासमे आजुक दिन एतेक दागी भऽ गेल अछि जे प्रतिपक्षक नेता स्वयं वेलमे आबि गेलाह। ई कहियो नहिं भेल अछि। हम हैरान छी, हम पीड़ित छी। संसदीय परम्परा एतेक निचला स्तर पर आबि जायत कि विपक्षक नेता वेलमे आबि जाएत, उपनेता वेलमे आबि जाएत ?” एहि केर संग सभापति सदनक कार्यवाही स्थगित कऽ देलनि।