संपादकीय

बिना चच्चाक सत्ता नहिं, बिहारक स्थितिक एक्सरे

अजय नाथ झा शास्त्री (प्रधान संपादक)
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चच्चाक उपयोगिता, राजदक समस्या, भाजपाक चौचकताक आवश्यकता आ प्रशांत किशोरक एन्ट्रीक गहनता पर चातुर्दिक दृष्टिकोण।

तेजस्वी यादवक सभसँ पैघ गलती जे गंठबंधन कालमे नीतीश कुमारकेँ ओवरटेक करय केर प्रयास कयलाह, क्रेडिट लेबय केर चक्करमे राजदक नेता सभ समेत अपनो थोड़ेक अधिके बयानबाजी करय लगलाह। एम्हर नीतीश कुमारकेँ अखरि गेल, जे ई तऽ किछु अधिके उड़य लागल, किछु समय आर संग रहलौंह तऽ हाइजैक कऽ लेत हमरो आ संगहि हमर पार्टीयो केर, बस की छल, नीतीश कुमारक अखड़ब जगविदीत अछि, सटाकसँ लगाम खिंचलनि आ राजदक गुड्डीक डोरी काटि देलनि एवं पुनः एनडीए केर जोड़ि लेलनि।

नीतीश कुमार प्रायः एहेन राजयोग लिखा कऽ आयल छथि जे हिनका बिना कोनो सरकार चलिते नहिं अछि चाहे बाकी दलकेँ कतबो अधिको सीट किएक नहिं होय, आब तऽ केंद्रो केर हिनकर आवश्यकता छैक कारण तेहने समीकरण केंद्रोमे बनि गेल अछि, बिहारक तऽ कोनो बाते नहिं। बिहारमे तऽ राजद आ एनडीए दुनू बैचैन रहैत अछि जे नीतीश कुमार हमरा दिसि रहैथ तऽ हमरा दिसि।

एम्हर तेजस्वी यादवकेँ अपरिपक्वताक आभास तखनि भेल जखनि गुड्डीक डोरी कटि गेल, कारण सत्ताक स्वाद हिनका लागि गेल छल, आब ई धीरे-धीरे बैचेन होबय लगलाह आ शुरुएसँ कथित चच्चाक प्रति नरम रुख रखलाह ताकि चच्चा पुनः आबैथ, मुदा चच्चाकेँ सेहो एहि बेर आभास भऽ गेलनि जे एनडीए तऽ माथ पर राखैत अछि, ई तऽ लोटिये गोल करय लागल आ किछु दिनमे हमरा मार्गदर्शक बना अपने सर्वेसर्वा बनि जाएत, फलतः चच्चा तऽ फेर चच्चे, राजनीतिक मांजल खेलाड़ी, एहि बेर भाँपि गेलैथ जे नहिं, पुनः आगिमे पाकय केर प्रयास नहिं करब आ लगलाह एनडीए आ मोदीक गुणगान करय आ बेर-बेर कहय लगलाह जे ‘आब नहिं, दू बेर गलती कयलौंह, हमरा लेल हमर पुरने संगी एनडीए ठीक, आब कतौह किन्नौंह ने जाएब।” कारण इहो छल जे समीकरणक अनुसार केंद्र पर सेहो दबाव बना सकैत छी, आ तखनि केंद्रसँ भरपूर भेटत बिहारक लेल, आ तहिना भेबो कयल, भरपूर भेटल आ भरपूर उद्घाटन भऽ रहल अछि।

एम्हर तेजस्वी यादवक बैचेनी बढ़ले जा रहल अछि, कखनो कोनो राजदक नेता जदयू केर मिलाबय केर बात करैत अछि तऽ कखनो स्वयं राजदक सूप्रीमो स्वयं लालू यादव। तेजस्वी स्थितिकेँ भाँफैत रहैत छथि, नकारात्मक जबाब सुनैत विरोधीक तेवर देखबय लगैत छथि जे, “नहिं आब जदयू केर राजदेकेँ कोनो आवश्यकता नहिं अछि, लालूजीक अपन अंदाज छनि, सभ जनिते छी, अपन अंदाजमे ओ बाजि गेलथि।” मुदा वास्तविकता ई अछि जे तेजस्वीकेँ भली-भांति ई ज्ञात अछि जे बिना जदयू केर सत्ताक सहभागी नहिं बनि सकैत छी, हमरा एतेक रास सीट जीतलाक बादो एनडीए जदयू केर मिला कऽ सत्ता पर काबिज भऽ गेल, फलतः ‘बिना चच्चाक सत्ता नहिं,’ तें स्वयं आ राजदक नेतासभ नीतीश कुमारकेँ मिलाबय लेल बैचेन अछि, वास्तविकता इएह अछि।

एम्हर भाजपाक किछु नेता सेहो कखनो काल किछु एहेन बाजि जाइत छथि जे नीतीश कुमारक भौंह सिकुड़ि जाइत अछि आ खास कऽ ओ बात राजदक लेल पियासलकेँ पानिवाला बात सिद्ध होइत छैक आ थोड़ेक आशा जगैत छैक एवं तकरा हवा देबय लगैत अछि। जेना भाजपासँ उपमुख्यमंत्रीये विजय सिन्हा अटलजीक जन्मदिवस पर बड़का बात बाजि देलथि जे – ‘अटलजीक चाह रहनि बिहारमे भाजपाक सरकार, से जाधरि पूरा नहिं होएत, अटलजीक सपना साकार नहिं होएत।’ वास्तवमे गठबंधनक दृष्टिकोणसँ ई कम भारी बात नहिं, कारण भाजपोक चरित्र सभकेँ ज्ञात छैक, खास कऽ टटकामे उदाहरण महाराष्ट्र अछि, जतय मुख्यमंत्री शिन्देकेँ केना अवसर भेटैत देरी दूध महक माछी बना देलक, तऽ तकर आँच बिहार तक तऽ पहुँचले अछि आ पूनः विजय सिन्हा ताहि आगिमे घी ढ़ारि देलनि तऽ नीतीश कुमारकेँ धधकब स्वाभाविक छल, यद्यपि ओ बस मात्र गुम्म भऽ गेलाह, बहुत संयम देखौलनि, मुदा राजदकेँ अवसर भेटलै आ ताहि आगिकेँ ओ हवा देबय केर प्रयास कयलक मुदा बात बनलै ने आ एम्हर नीतीश कुमार मांजल परिपक्वताक परिचय देलनि। तऽ स्थिति प्रायः एखनि सामान्य भेल।

कहय केर अर्थ जे राजदकेँ एखनि केम्हरोसँ सितारा बुलंद दृष्टिगोचर नहिं भऽ रहल अछि। एम्हर एनडीएमे भाजपा आ जदयू दुनूकेर एक-दोसरक नितांत आवश्यकता चुल्लौड़क चुरा आ गुड़ जँका छैक, भाजपाक खास कऽ वरिष्ठ नेता सेहो संयम देखाबैथ तऽ उत्तम रहत, खास कऽ नीतीश कुमार जाधरि सही-सलामत छथि ताधरि भाजपा अपन छुपल एजेंडाक बारेमे दम साधने रहय आ सत्ताक भागीदारी बनल रहय, अन्यथा भाजपो केर बिहारमे कल्याण नहिं।

एम्हर प्रशांत किशोरक जन-सुराजक रुपमे एन्ट्री सेहो घुमा-फिरा कय राजदे लेल फिलहाल नोकसानदायक भऽ रहल अछि, जे कि बिहारमे भेल उपचुनावमे देखबामे आयल अछि। प्रशांत किशोरक विचारधारा सेहो महागठबंधनेक विचारधारासँ मेल खाइत अछि आ वोटक प्रयास सेहो ओही तौर-तरीकासँ अछि, फलतः मानल ई जा रहल अछि जे प्रशांत किशोर सेहो महागठबंधन आ खास कय राजदे केर वोट अधिक कटताह जे सीधे एनडीए केर लाभ होएत, जकर तेजस्वी यादव बेर-बेर जिक्र करैत छथि आ आरोप लगबैत छथि जे ई भाजपाक चालि अछि, भाजपे एकरा उठा रहल छैक। अर्थात ओम्हर जेना ओवैसीकेँ भाजपे केर हितचिंतक करार देल जाइत छैक, तहिना एम्हर प्रशांत किशोरकेँ भाजपे केर हितलाभ संज्ञक कहल जा रहल अछि।

जनसुराजक उपचुनावमे खराब प्रदर्शनक वावजूद प्रशांत किशोर अपन हाइट बढ़ाबयमे लागल छथि, ताहिमे खास कऽ बीपीएससी केर छात्र प्रदर्शनकेँ प्रायः प्रायः अनशन द्वारा अपना दिसि मोड़ब, पुनः सरकार द्वारा बन्दी बनाओल जाएब आ सशर्त जमानत देबय केर विरोधक फलस्वरूप बिना शर्त जमानत कतौह ने कतौह सरकारकेँ झुकायब केर रूपमे प्रशांत किशोरक पहिल जीतक रूपमे देखल जा रहल अछि आ फलतः लोकप्रियतामे बढ़त सेहो बुझना जा रहल अछि, संगहि धरना-प्रदर्शनमे करोड़ोक गाड़ी ठाढ़ करब, बाउंसर सभ घेरने रहब अर्थात रुतबाक प्रदर्शन सेहो खास कऽ बिहारक बहुत रास जनतामे एकटा सक्षम लीडरक भाव उत्पन्न करयवाला प्रतीत भेल बुझना जाइछ, कहय केर तात्पर्य ई जे गाँधी मैदानमे एहि शीतलहरीमे एकटा योजनाबद्ध कयल प्रयास प्रशांत किशोर लेल लाभकारी सिद्ध भेल, से बुझना जा रहल अछि‌। तऽ ई प्रशांत किशोर एखनि भलेही राजदक लेल नोकसानदायक सिद्धि भऽ रहल होथि, मुदा भविष्यमे कहीं केजरीवालक कहानी ने बनि बिहारक सत्ता पर आसीन होइथ, से एहू दृष्टिकोणकेँ नकारल नहिं जा सकैछ, कारण जनताक मूड अक्सर बदलाव दिसि होइत रहैत छैक, तऽ एहि बेर नहिं ओहि बेर जनता बदलावक रूपमे प्रशांत किशोरक चयन कय लेलक तऽ ताहू एंगल केर खारिज नहिं कय सकैत छी। खास कऽ इतिहासमे ई देखबामे आयल अछि कि, जे अपना हितमे ककरो दोसरकेँ परास्त करय लेल ठाढ़ करैत अछि, वैऽह आगू ओकरो लेल अहितकर सिद्ध होइत छैक, तऽ जँ राजदक एहि बातमे दम छैक जे एनडीए केर बी टीम छथि प्रशांत किशोर तऽ एनडीए केर सेहो सावधान रहय केर आवश्यकता होयत आ ताहि लेल एनडीए केर अपन विकासात्मक प्रक्रियाक संग क्षेत्रक लोकक भाषायी अस्तित्व, सांस्कृतिक अस्तित्व, धार्मिक अस्तित्व आ सामाजिक अस्तित्व सभक ध्यान राखय पड़त आ लोकक कोपसँ बाँचय पड़त कारण कखनो काल माटिक स्वाभिमान भेल विकासात्मक काज पर सेहो भाड़ी पड़ि जाइत छैक, तें तकर ध्यान सेहो एनडीए केर रखबाक आवश्यकता अछि।

आ जँ एहि सभ बात पर एनडीए ध्यानपूर्वक ध्यान राखत तऽ जनतामे जमल विश्वास स्थाई रहतै, जनतामे ई भरोसा जागल रहतै जे एनडीए केर बदललासँ भऽ रहल बहुत रास विकासात्मक काज, योजना आ नव सृजन सभ प्रभावित होएत, दोसर कोनो सरकार आओत तऽ एकरा एहि लेल रोकि देत कारण ई एनडीए केर शुरु कयल छैक आ क्रेडिट एनडीए केर जयतैक, जेना दिल्लीमे केजरीवालक आप सरकार प्रधानमंत्री आयुष्मान स्वास्थ्य योजना भाजपाक होयबाक कारण लागू नहिं कयलक आ ओहि लाभसँ दिल्लीक जनता वंचित रहल। कहय केर अर्थ जे बिहार विधानसभा २०२५ केर संग्राम तऽ अहम् अछिए, आगूओ जे जनताक हितक ध्यान राखैत काज करत से जनताक हृदय पर राज करत, आब पहिलुक स्थिति नहिं रहल अछि, क्षण-क्षणक स्थिति आ ठाम-ठामक समाचार पल भरिमे सगरो पसरैत रहैत अछि।

मुख्य रुपसँ तीनटा दृष्टिकोण ओ विचारधारा एखनि बिहारक जनताक मस्तिष्कमे हिलकोर मारि रहल अछि, प्रभावी अछि, हावी अछि, चुनावक समय तक एहिमे कोन कतेक हावी रहत, से राजनीतिक दलक सक्रियता, बुझाबय केर ढ़ंग ओ विभिन्न श्रेणीक मतदाताकेँ मनाबय केर तौर-तरीकाक योजना पर निर्भर अछि :-

प्रशांत किशोरक राजनीतिक योजनाकारक छवि, शैक्षणिक कुशलताक कारण प्रगतिवादी सोचक दृष्टिकोण जनताकेँ प्रभावित कय सकैत अछि, बशर्ते जनता परिवर्तनक मोन बनाबय तखनि।

तेजस्वीक १७ महिनाक उपमुख्यमंत्रीत्वक शासनकालक रोजगार आदिक उपलब्धि जकरा तेजस्वी यादव मुख्य हथियार बनौने छथि, थोड़ेक जनताकेँ ई बात जँचियो रहल छैक, कारण ताहिसँ पहिने आ तकर पश्चात सेहो सरकारी रोजगार देबाक ओ गति नहिं देखल गेल, जदयू यद्यपि ई कहि रहल अछि जे ओहि १७ महिनामे जे रोजगार देल गेल से जदयू केर योजनाक अंग अछि, मुख्यमंत्रीक कार्यक्षेत्रमे ई सभ होइत छैक, मुदा टाइमिंग तेजस्वी यादवक कथन पर बल दऽ रहल अछि। दोसर जनतामे एकटा विश्वासक किरण ई फूटि रहल अछि जे तेजस्वीक हाथमे सत्ता जाइत अछि तऽ तेजस्वी कमसँ कम अपन पहिल पँचवर्षीयमे जमि कऽ चहुँतरफा विकास ओ उन्नतिक प्रयास करताह, कारण पिछला राजदक शासनकालक किछु दाग सभ धोबय केर प्रयास करताह छवि बनाबय लेल, तथापि राजदक पिछला छाप जनताक मन-मस्तिष्ककेँ एकाएक बदलि देत तकर कम उम्मीद, तखनि तऽ जनते अछि।

एनडीए केर पलड़ा सभसँ थोड़ेक अधिक भारी कहल जा सकैछ। कारण सत्तामे रहलाक कारण होइत विकास अनवरत जारी रहय केर सोच, ओहिमे विघ्न-बाधा नहिं आबय केर सोच, जनता पर हावी अछि। एकर अतिरिक्त विभिन्न प्रकारक भेटैत राहत ओ अनुदान सेहो प्रभावित रहत। एनडीए केर सभ तरहसँ सतत सक्रियता, प्रचार आदि जीवंत बनेने रहबाक ढ़ंग, डबल इंजन सरकारक कारण भरोस, नीतीश कुमार, नरेंद्र मोदी, योगी आदिक छवि, बाकी धार्मिक एंगल सेहो रहबे करत, तऽ ई सभ एनडीए केर पलड़ा भारी करैत छैक।

बाकी कांग्रेस, बामदल आदि एखनि चित्रसँ प्रायः गायब अछि। तऽ बिहारक मिजाजक एखनि एक्सरे केर रिपोर्ट किछु एही प्रकारसँ अछि, तखनि तऽ जोर सभ लगाओत।

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