जनसरोकार

पीएम मोदी ‘मन की बात’मे कहलनि : संविधान हमर पथ प्रदर्शक, देशवासीसँ प्रस्तावना पढ़बाक अपील

नई दिल्ली
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविकेँ वर्ष २०२४क अन्तिम ‘मन की बात’मे देशवासीकेँ सम्बोधित कयलनि। एहि ११७म कड़ीमे पीएम मोदी संविधानक महत्व पर जोर दैत एकरा देशक पथ प्रदर्शक बतौलनि। संगहि ओ महाकुम्भ २०२५क भव्य तैयारी आ एकर ऐतिहासिक महत्व पर सेहो चर्चा कयलनि। पीएम मोदी कहलनि, “२६ जनवरी, २०२५ केँ हमर संविधान लागू होयबाक ७५ वर्ष पूरा करत। ई हमरा सबके लेल गर्वक बात अछि। हमर संविधानक निर्माता लोकनि जे संविधान हमरासभकेँ सौंपने छथि ओ समयक कसौटीपर खरा उतरल अछि। ई संविधान हमरा सभक लेल गाइडिंग, लाइट आ मार्गदर्शक अछि। एहि कारणेँ हम ‘मन की बात’क माध्यमसँ अहाँसँ संवाद करबामे सक्षम छी।”

आगामी महाकुंभ २०२५क उल्लेख करैत प्रधानमंत्री कहलनि जे “ई आयोजन १३ जनवरीसँ प्रयागराजमे शुरू होमय जा रहल अछि। महाकुम्भ मात्र एकटा धार्मिक आयोजन नहि अछि अपितु विविधतामे एकताक जीवन्त उदाहरण अछि। एहि आयोजनमे करोड़ो लोक, लाखो सन्त, हजारो परम्परा आ सैकड़ो संप्रदाय भाग लैत अछि। एतय कोनो भेदभाव नहि होइत अछि, कोनो पैघ या छोट नहि होइत अछि। ई आयोजन वास्तवमे एकताक महाकुम्भ अछि।”

प्रधानमंत्री मोदी महाकुम्भक दौरान आधुनिक तकनीकक उपयोगपर सेहो चर्चा कयलनि। ओ कहलनि जे एहि आयोजनमे पहिल बेर एआई आधारित चैटबॉटक उपयोग कयल जायत, जे ११ भारतीय भाषामे कुम्भसँ सम्बन्धित प्रत्येक जानकारी प्रदान करत। “डिजिटल नेविगेशनक सहायतासँ श्रद्धालु साधुसभक विभिन्न घाट, मन्दिर आ अखाड़ा धरि पहुँचि सकैत छथि। पार्किंग स्थान आ अन्य सुविधाक उपयोग करब सेहो आसान होयत। मेला क्षेत्रमे एआई संचालित कैमरा लगाओल जायत, जाहिसँ हराओल लोककेँ हुनक परिवारक सङ्ग फेरसँ जोड़बामे सहायता भेटत। एकर अलावा डिजिटल ‘खोया-पाया केंद्र’क सुविधा सेहो उपलब्ध रहत।”

कुम्भक महत्वकेँ रेखांकित करैत प्रधानमंत्री कहलनि जे ई आयोजन मात्र धार्मिक आस्थाक प्रतीक नहि अछि, अपितु समाजमे विभाजन आ घृणाक भावनाकेँ समाप्त करबाक सन्देश सेहो दैत अछि। ओ सभसँ आह्वान कयलनि जे कुम्भमे भाग लेबाक समय एकता आ भाईचाराक शपथ लेबाक चाही। डिजिटल तकनीक आ एआईक समावेशक संग महाकुम्भ २०२५ नहिं मात्र एकटा ऐतिहासिक धार्मिक आयोजन होयत, बल्कि एकरा आधुनिकता आ परंपराक सामंजस्यक उत्कृष्ट उदाहरण सेहो मानल जाएत।

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