सर्वेक्षणक माध्यमसँ खतियानमे रयतक नाम दर्ज कयल जायत। सर्वेक्षणक लाभक व्याख्या करैत विभागक सचिव जय सिंह कहलनि जे एहिसँ सभ अभिलेख अद्यतन भऽ जायत।
बिहारमे काल्हि (मंगल) सँ भूमि सर्वेक्षण शुरू भऽ गेल अछि। राजस्व आ भूमि सुधार विभागक सचिव जय सिंह बतौलनि जे सर्वेक्षणक माध्यमसँ खतियानमे रयतक नाम पंजीकृत कयल जायत। गैरमाजरुआ मालिक आ गैरमाजरुआ आम ई सभ जमीन सरकारी जमीन अछि। एही जमीनसभमेसँ आम लोककेँ अलग-अलग योजनाक अन्तर्गत सेटलमेंटक रूपमे जमीन देल गेल अछि।
सरकार द्वारा देल गेल जमीनक दस्तावेजीकरण होएबाक चाही
जय सिंह कहलनि जे जँ सरकार उक्त जमीन पर ककरो घर बनेबाक लेल जगह देलक अछि तखन ई जमीन ओकर रहत। मुदा, सरकार द्वारा देल गेल कागज होयब आवश्यक अछि। जँ कोनो कागज नहि अछि तखन सर्वेक्षणक अन्तर्गत खतियानमे अहाँक नाम दर्ज नहिं कयल जायत। सर्वेक्षणक लाभक व्याख्या करैत जय सिंह कहलनि जे एहिसँ सभ अभिलेख अद्यतन भऽ जायत। खतियानक बाद सभक लग जमीनक जमाबंदी होइत छैक, जे दाखिल-खारिज भेलाक बाद कयल जाइत छैक, मुदा अधिकांश लोक लग जमीनक नक्शा नहिं होइत छैक। एहि सर्वेक्षणक बाद एकटा नव खतियान तैयार भऽ जाएत।
जँ कागजमे त्रुटि अछि तखन अपील तीन बेर कएल जा सकैत अछि।
जय सिंह कहलनि जे नव नक्शा बनत। जमीन सँ जुड़ल सभ जानकारी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आबि जायत। एकर बाद आओर कोनो सर्वेक्षणक आवश्यकता नहिं पड़त। डिजिटल अपडेटक बाद समय-समय पर नक्शाकेँ अद्यतन कयल जायत। जमाबंदी केर सेहो अपडेट कएल जाएत। सर्वेक्षणक दौरान जँ जमीन मालिकक कागजमे किछु त्रुटि अछि तँ सर्वेक्षणक अवधियेमे तीन बेर अपील कयल जा सकैत अछि। जँ अहाँ एहि सेवासँ संतुष्ट नहिं छी तखन अहाँ न्यायिक प्रक्रियाक अन्तर्गत अदालतमे अपील सेहो कऽ सकैत छी।
नाम केवल पर्याप्त दस्तावेजक संग खतियानमे दर्ज कएल जएत। ओ इहो कहलनि कि जे बिहारसँ बाहर वा देशसँ बाहर छथि ओ डिजिटल माध्यमसँ ऑनलाइन आवेदन कऽ सकैत छथि। जिनका लग लम्बा समयसँ जमीन पर कब्जा अछि हुनका सबूतक रूपमे जमीनक कागजात देबय पड़त। जँ दस्तावेज पर्याप्त होयत तखने ओकर नाम खतियानमे पंजीकृत होयत। जँ कियो गलत तरीकासँ कब्जा कऽ लेलक अछि आ ओकरा लग कागज नहिं अछि तखन खतियान पर नाम चढ़ायब संभव नहिं होयत। जँ मालिक लग मात्र रजिस्ट्रीक कागज अछि तखनि मालिककेँ ई स्थापित करय पड़त जे जाहि पूर्वजसँ जमीन कीनल गेल अछि ओकर नाम खतियानमे दर्ज होयबाक चाही आ जिनकासँ अहाँ जमीन लेलहुँ ओ ओकर पूर्वजक वास्तविक उत्तराधिकारी अछि।
जय सिंह कहलनि जे आब बहुत समय अछि। ई सर्वेक्षण एक साल तक चलत। जिनका लग म्यूटेशन नहिं अछि ओ दाखिल-खारिज करा कऽ कागज अद्यतन कऽ सकैत छथि। यद्यपि १९११ केर खतियानक आधार पर मालिक भले ही बदलि गेल होए, मुदा जे लोक जमीन किनने छथि, हुनका ई स्थापित करय पड़त जे जमीन खतियान पर दर्ज नामसँ जुड़ल लोके द्वारा खरीदल गेल अछि।