संपादकीय

पूर्णियाक पप्पू

पूर्णियाक पप्पू
*

लोकसभा चुनावक पहिल चरणमे 21 राज्य आ केंद्रशासित प्रदेशक 102 लोकसभा क्षेत्रमे मतदान भेल। आब दोसर चरणक मतदान 26 अप्रिलके होयत, जाहिमे 13 राज्यक 89 लोकसभा क्षेत्रमे मतदान होयत। दोसर चरणमे अनेको प्रमुख राजनेताक भविष्य दाव पर अछि, देशक अनेको हाई प्रोफाइल सीटमे शामिल पूर्णिया लोकसभा सीट पर सेहो 26 अप्रैलके मतदान होयत। ओना त’ अधिकांश सीट पर मुख्य मुकाबला इंडिया गठबंधन आ राजग गठबंधनक मध्य अछि, मुदा पूर्णियाक वस्तुस्थिति एहि सीट सभसँ फराक अछि। पूर्णिया सीटसँ बीमा भारतीकेँ राजद द्वारा महागठबंधनक प्रत्याशी बनाओल गेल अछि त’ राजग गठबंधनके तरफसँ जदयू, अप्पन निवर्तमान सांसद संतोष कुशवाहाके उतारने अछि। मानल गेल कि, पूर्णिया लोकसभा क्षेत्रमे एहि दुनू प्रत्याशीक मध्य मुकाबला होयत। मुदा एहि दुनू प्रत्याशीक मध्य बाहुबली नेता पप्पू यादव सेहो निर्दलीय मैदानमे छथि। आब अनुमान लगाओल जा रहल अछि कि, पप्पू यादवके मैदानमे उतरलाक उपरांत एहि ठाम मुकाबला त्रिकोणीय होयत। राजद प्रत्याशी बीमा भारतीक राह आब आसान नहि रहल, तहिना संतोष कुशवाहा सेहो मंझधारमे फसल सन छथि। एहि ठाम, बीमा भारती लेल, तेजस्वी यादव, रैली आ रोड शो सेहो कएलनि, एक तरहेँ कही त’ एहि सीटके तेजस्वी यादव अप्पन नाकक प्रश्न बना लेने छथि। भरिसक तैं, ओ एकटा जनसभाके संबोधित करैत कहलनि कि, “या त’ इंडिया, नहि त’ एनडीए”। हुनकर इशारा पप्पू यादवके ल’ क’ छलैन्ह, किएक त’ तेजस्वी ठानि लेने छथि कि, भले बीमा भारती चुनावमे पराजित भ’ जाए मुदा ओ, पप्पू यादवक जीत नहि देखि सकैत छथि। आखिर की कारण छैक जे, तेजस्वी यादव, पप्पू यादवक पराजय देखए चाहैत छथि छथि ? आखिर किएक तेजस्वी यादव आन – आन क्षेत्रके तुलनामे पूर्णियामे बेसी मेहनति क’ रहल छथि ? त’ एकर एकटा प्रमुख कारण अछि, पप्पू यादवक लोकप्रियता आ पप्पू यादवक उपनाम। राजनीतिक जानकारक मानी त’ लालू प्रसाद यादव, तेजस्वीके प्रदेशक मुख्यमंत्री बनैत देखए चाहैत छथि। राजद, एकटा जनाधारवला राजनीतिक दल रहल अछि, प्रदेशमे लालू यादवक माय समीकरण एखनहुँ कारगर अछि आ पप्पू यादव एहि लक्ष्य प्राप्तिक मार्गक एकटा प्रमुख रोड़ा सिद्ध भ’ सकैत छथि। बिहारमे एखन धरि यादवक सर्वमान्य नेता, लालुए रहल छथि, आ लालू यादवक बाद ई, पदवी तेजस्वीकेँ भेटैक, ताहि हेतु लालू प्रसाद यादव, कोनो कसैर बांकी नहि छोड़लनि। एमहर, पूर्णिया लोकसभा सीटसँ टिकटक आश लगौने पप्पू यादव, अप्पन बोरिया – विस्तर बान्हि अप्पन पार्टीक विलय, कॉंग्रेसमे सेहो कएलनि, मुदा हाथ किछु नहि लगलनि। सीट बंटवारामे, एकटा ठोस रणनीतिके अंतर्गत पूर्णिया लोकसभा सीट, राजद अपने लग रखलक आ राजद, ओहि सीटसँ बिमा भारतीकेँ प्रत्याशी बनौलक। त’ पप्पू यादव लेल हर राजनीतिक द्वारा लगभग बंद भ’ गेल, किएक त’ अप्पन जन अधिकार पार्टीके ओ पहिनहि, कॉंग्रेसमे विलय करा चुकल छलथि, एहि स्थितिमे हुनका लग निर्दलीय लड़बाक अतिरिक्त कोनो आन विकल्प मौजूद नहि छलैन्ह त’ निर्दलीय प्रत्याशीक रूपमे ओ नामांकन कएलनि। पप्पू यादव अपना भरि बड्ड मान मनौअलि कएलनि, अनुनय – विनय कएलनि, मुदा हुनकर तमाम प्रयास असफल सिद्ध भेल। फलतः पूर्णिया सीटक स्थिति एखन एहेन अछि, जतय निजगुत किछु कहल नहि जा सकैत अछि। पूर्णियामें आब त्रिकोणीय मुकाबला होइत प्रतीत भ’ रहल अछि। पप्पू यादवकेँ अनुसार एहि स्थिक जिम्मेदार, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादवक पुत्रमोह आ तेजस्वी यादव स्वयं छथि। अल्पसंख्यक बाहुल्य सीमांचलमे, आन – आन सीटक भांति, पूर्णिया लोकसभाक मुसलमान मतदाता, इंडिया गठबंधनक आधार मानल जाइत अछि। राजद सेहो अप्पन माय समीकरणके ल’ क’ आश्वस्त छल, मुदा एहि क्षेत्रमे असदुद्दीन ओवैसीक प्रभाव सेहो तेजीसँ बढ़ल अछि जे, इंडिया गठबंधन लेल कोनो संकटसँ कम नहि अछि। पप्पू यादवक अप्पन छवि, एकटा कर्मठ नेताक रहल अछि, मुदा पप्पू यादव सेहो ओही अल्पसंख्यक वोट प्राप्त करबाक लेल कांग्रेसमें शामिल भेल छलाह, जाहिमे ओवैसी एखन सेंधमारी करबाक प्रयास क’ रहल छथि। पूर्णिया लोकसभा क्षेत्रमे, पप्पू यादव लगातार मेहनति करैत रहल छथि, किएक त’ एहि सीटसँ ओ तीन बेर सांसद सेहो रहल छथि। दू बेर त’ ओ, निर्दलीय चुनाव जीतल छथि, हँ एक बेर ओ, सपाक प्रत्याशीक रूपमे विजयी भेल छथि, मुदा एहि क्षेत्रमे सपाक कोनो जनाधार नहि छलैक त’ कहल जा सकैत अछि कि, 1996 में संपन्न भेल लोकसभा चुनाव सेहो, ओ अपनहि बुते जीतल छलाह। पप्पू यादव सीमांचलक किछु सीट पर अप्पन पकड बनौने छथि, पप्पू यादवक गिनती जनाधारवला नेतामे होइत छैक। आ हुनकर इएह योग्यता देखि आब, एआइएमआइएम द्वारा समर्थनक गप्प सेहो कहल गेल। एमहर पप्पू यादव लगातार लालू यादव पर परिवारवादक आरोप लगबैत आम जनमानसमे अप्पन स्थिति दिनोदिन मजबूत क’ रहल छथि। जनाक्रोश एतेक हद धरि बढ़ल अछि कि, काल्हिए पूर्णियामे तेजस्वीक रैलीके दौरान, पप्पू यादव आ बीमा भारतीक समर्थक आपसमे भिड़ गेल छलाह। मतलब साफ़ अछि कि, तेजस्वी यादवक आब मात्र, इएह ध्येय छैन्ह कि, कहूना पप्पू यादव हारि जाए। तेजस्वी नहि चाहैत छथि कि, पप्पू यादवक छवि, यादवक नेताके रूपमे बनए। मुदा, पप्पू यादव अप्पन संघर्षक बल पर स्वयंके सिद्ध करबाक प्रयास, सदिखन करिते रहैत छथि।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *