संपादकीय

उतार चढ़ावसँ भरल दू वर्षक प्रकाशन यात्रा

धर्मेन्द्र कुमार झा (प्रबंध संपादक)

*

दिनांक 26 दिसंबर 2021, ई तिथि मिथिलाक इतिहासमे निश्चित रूपसँ अप्पन महत्वपूर्ण स्थान सुरक्षित कएलक अछि, किएक त’ 26 दिसंबर 2021 सँ शुरू भेल मैथिल पुनर्जागरण प्रकाशक ई प्रकाशन यात्रा अप्पन दोसर वर्ष पूर्ण करैत, आब तेसर वर्षक यात्राक लेल अग्रसर अछि। गाम देहात, शहर – महानगरसँ देश – विदेश धरिक पाठक लोकनिक लेल ई कोनो सनेशसँ कम नहि अछि। एक तरहेँ कहल जाए त’ निश्चित रूपसँ ई अख़बार मिथिलामे इतिहास रचलक अछि। कहल गेल अछि कि, जहन सभ अस्त्र बेअसर भ’ जाइत अछि त’ मात्र अखबार काज अबैत अछि। मनुष्य एकटा सामाजिक प्राणी अछि, तैं हर मनुष्य, समाजमे घटयवला दिन-प्रतिदिनक तमाम घटनाके बुझबाक लेल उत्सुक रहैत अछि। आ एहि सभ लेल मात्र, समाचार-पत्र एकटा सशक्त साधन अछि, जे हर तरहक जानकारी उपलब्ध करबैत अछि। एखुनका डिजिटल युगमे सेहो अखबारक महत्त्व निर्विवाद अछि, मात्र समाचार पत्र एकटा प्रबल साधन अछि, जाहिके द्वारा हमरा सभ विश्वक तमाम गतिविधिक ब्यौरा, अप्पन घर पर बैसि सुलभतासँ प्राप्त क’ सकैत छी। अखबारके सरकार तथा जनताक मध्यक कड़ी सेहो मानल जाइत अछि, सरकारक नीति तथा विचारके हम सभ समाचार पत्रके माध्यमसँ बुझि सकैत छी। सरकारक गलत नीतिक विरोध होय अथवा जनताके आक्रोश, एहि तमाम मुद्दा पर समाचारपत्र, एकटा माध्यमक कार्य करैत अछि। अखबार पहिनहु महत्वपूर्ण छलैक आ एकर महत्ता एखनहुँ कायम अछि, मुदा सोशल मीडिया आ इंटरनेटके स्मार्टयुगमे अखबारक जीवन पर अनेको प्रश्नचिन्ह लगाओल जाइत रहल अछि। समाजक एक वर्ग, जे मानैत छथि कि, अखबार बंद भ’ जाएत आ एकर महत्व सेहो समाप्त भ’ जाएत। तहिना दोसर वर्ग कहैत अछि कि, ई असंभव अछि, अखबारक अप्पन महत्व छैक आ ओ बरकरार रहत। किएक त’ भारत देशमे अखबार, मात्र घटना आ खबैरके सन्दर्भमे जानकारी प्राप्त करबाक माध्यम धरि नहि अछि, अपितु एहि ठाम त’ अखबार, अध्ययनरत छात्र – छात्राक उज्जवल भविष्यक माध्यम सेहो अछि। संतुलित आ मर्यादित समाचार पत्रक, खगता सदिखन रहलैक आ रहतैक। समाचार-पत्रमें ओ शक्ति छैक, जे कोनो समस्याके ल’ क’ जनताके प्रबुद्ध तथा जागरूक करैत सरकारके ओहि समस्याक समाधान करबाक लेल विवश करैत अछि। लोकतंत्र तखनहि सशक्त होयत जहन पत्रकारिता, सामाजिक जिम्मदेारीके प्रति अपन सार्थक भूमिकाक निर्वाह करत। पत्रकारिताक उद्देश्य इएह होयबाक चाही कि ओ प्रशासन आ समाजके मध्य एकटा महत्वपूर्ण कड़ीक भूमिका निर्वाह करए। पत्रकारिता एकटा एहेन कलात्मक सेवा कार्य अछि जाहिमे, सामयिक घटनाके शब्द एवं चित्रक माध्यमसँ जन-जन धरि, आकर्षक ढंगसँ प्रस्तुत कएल जाइत अछि, आ जे व्यक्तिसँ समूह धरि आ देशसँ ल’ क’ विश्व पर्यन्तक विचार, अर्थ, राजनीति आ संस्कृतिके सेहो प्रभावित करबामे सक्षम अछि। मुदा समयके संग पत्रकारिताक मूल्य सेहो बदैल रहल अछि। आजुक डिजिटल युगमे इंटरनेट आ सूचना अधिकार, पत्रकारिताकेँ बहुआयामी बना रहल अछि। अखबार समाजक दर्पण अछि, समाजमें कखन, कतय, किएक, केना आ की भ’ रहल अछि, एहि तरहक तमाम प्रश्नक उत्तर मात्र अखबार अछि। अखबार ओ माध्यम अछि, जाहिसँ हमरा सभ अपन मस्तिष्कमें ओहि संसारक सन्दर्भमे तमाम सूचना संकलित करैत छी, जे हम सभ स्वतः कहियो नहि बुझि सकैत छी। समाजमें व्याप्त कुरीति, अंधविश्वास रूढ़िवादी विचार आदिके प्रति सेहो अखबार संघर्षरत रहैत अछि, आ समाजसँ एहि तरहक कुरीतिके दूर करबाक प्रयत्न करैत अछि। लोकतंत्रके हितमे इएह उचित अछि कि, अखबार आ पत्रकारिताके स्वतंत्र आ निर्बाध छोरि देल जाए। आ अखबार संगहि पत्रकारिताक हितमें इएह उचित अछि कि, ओ अभिव्यक्तिक स्वतंत्रताक उपयोग, समाज आ सामाजिक जिम्मेदारी निर्वाहक लेल ईमानदारीपूर्वक निर्वहन करैत रहए। अखबार एकटा एहेन शक्तिशाली यंत्र अछि जे व्यक्तिके आत्मविश्वास आ ओकर व्यक्तित्वके विकसित करैत अछि। अखबार ज्ञानक सभसँ महत्वपूर्ण माध्यम अछि, संगहि अधिक ज्ञान आ सूचना प्राप्त करबाक संग कुशलताक स्तरके बढएबाक एकटा महत्वपूर्ण स्रोत सेहो अछि। देशमे हर प्रदेशक अप्पन – अप्पन भाषामे अखबार प्रकशित होइत छैक, आ पाठकवर्ग प्रतिदिन भोरे – भोर उत्सुक्ताक संग एकर प्रतीक्षामे रहैत छथि। मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश ,आब डिजिटल स्वरुपमे सेहो अप्पन स्थान सुरक्षित क’ चुकल अछि, देश विदेशमे बैसल मैथिलजन नित् एहि डिजिटल संस्करणके माध्यमे, अप्पन गाम देहातसँ देश विदेशक समाचार पढ़ैत छथि। तमाम मैथिलमे अप्पन भाषा आ अप्पन लिपिके प्रति अस्मिताक भाव कोना उत्पन्न होय, एहि अखबारक शुरुएसँ इएह ध्येय रहलैक, आ अख़बार अप्पन प्रकाशित सामग्री आ ओकर शैलीसँ ई सिद्ध कएलक अछि। सिमित संसाधन आ बिनु सरकारी सहयोगक ई अखबार, अप्पन प्रकाशन यात्राके क्रममे, अनेको विघ्न – बाधा पार करैत रहल अछि। अहाँ सभक अप्पन मैथिली दैनिक अखबार “मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश” मिथिला आ मैथिलीक इतिहासमे ई पहिल अखबार सिद्ध भेल जे निरंतर प्रकाशित होइत तेसर वर्षमे पहुँचल अछि। आ एकर आवश्यकता सेहो छलैक, कारण मिथिला आ मिथिलावासी एखन धरि अप्पन भाषाक अखबारक प्रतीक्षामे छलथि। कोनो भाषाक समृद्धता एहि पर निर्भर करैत अछि जे ओहि भाषाके उपयोग कएनिहार कतेक लोक अछि, ओहि भाषामें केहेन तरहक साहित्य सृजन होइत अछि। ओहि भाषाक अप्पन लिपि अछि कि नहि ? भाषा कतेक परिष्कृत अछि, ताहिक अनुमान एहि बातसँ सेहो लगाओल जा सकैत अछि कि ओहि भाषामें काव्य, गीत संगीतक रचना कतेक आ कोन तरहक भ’ रहल अछि। एखुनका परिप्रेक्ष्यमे इहो महत्वपूर्ण अछि कि कोन भाषाक अख़बार प्रकाशित होइत अछि आ कोन – कोन भाषाक टी वी चैनल उपलब्ध अछि। उपरोक्त तमाम मानक आ योग्यता मैथिलीक संग अछि, मैथिली भाषा संविधानक अष्टम अनुसूचीमे सेहो शामिल अछि, करोड़ोके संख्यामे मैथिलीभाषी मिथिलासँ देश विदेश धरि मौजूद छथि, मैथिलीक अप्पन लिपि मिथिलाक्षर सेहो अप्पन प्राचीन गौरव पुनः प्राप्त करबाक लेल अग्रसर अछि। अप्पन भाषा आ अप्पन लोकके प्रधानता दैत, ई अख़बार ओ तमाम विषय – वस्तु, पाठकक समक्ष रखबाक प्रयास करैत अछि जे, आन अखबार द्वारा पहिनहिसँ कतियाएल जाइत रहल अछि। विद्वानक धरती रहल अछि मिथिला, एहि ठाम एकसँ एक विद्वान भेलाह, एकसँ एक कवि आ साहित्यकार भेलाह आ मिथिलाक धरा एखनहुँ एहेन विद्वानसँ भरल अछि। मैथिली काव्य, साहित्य आ कथाक प्रचार – प्रसारमे ई अखबार सेहो अप्पन भागीदारी सुनिश्चित करैत आबि रहल अछि। प्रकाशन यात्राक प्रारंभहिसँ स्थापित विद्वतजनक रचना एहि अखबारमे प्रकाशित होइत रहल अछि, संगहि नव – नव रचनाकार सेहो अप्पन रचना प्रकाशित करबा स्थापित भेलाह। तहिना कला आ संस्कृतिसँ जुड़ल तमाम कलाकारक कृति, एहि अखबारक माध्यमे प्रचारित आ प्रकाशित होइत रहल अछि। समय – समय पर मैथिली गीतकार, संगीतकार आ तमाम गायक – गायिकाक साक्षात्कार आ हुनक जीवनी एहि अखबारमे प्रकाशित कएल जाइत रहल अछि। एक तरहेँ ई अखबार ओहि तमाम रचनाकार आ कलाकार लोकनिक लेल, प्रकाशित दस्तावेज संग्रह करबाक कार्य कएलक अछि। कहबाक तात्पर्य ई जे, एहि अखबारमे ओ तमाम विषय – वस्तु समेटबाक प्रयास कएल गेल जे मिथिला, मैथिल आ मैथिलीसँ संबंधित छल, मुदा आन अखबार द्वारा एकरा अंठाओल गेल अथवा तिरस्कृत कएल गेल छल। शुरुएसँ अखबारक प्रयास रहलैक कि, गाम सँ शहर महानगर धरिक खबैर एहि अखबारमे प्रकाशित होय आ ई प्रयास सफल सेहो भेल। दिल्ली मुंबई सहित अनेको शहर महानगरक प्रमुख खबैर जे मिथिला आ मैथिलसँ संबंधित छलैक ओ प्रकाशित भेल। हर मानक पर ई अखबार कोनो आन भाषा – भाषी अखबारसँ कतौह उन्नैस नहि अछि, हर तरहक समाचार एहि अखबार माध्यमे पाठकक समक्ष रखबाक प्रयास कएल जाइत अछि। कला, संस्कृति, साहित्य, काव्य, पोथी समीक्षा, समाचारमे प्रादेशिक, देश कोसके माध्यमे सम्पूर्ण भारतक प्रमुख समाचार समेटबाक प्रयास रहैत अछि। किसान वर्गक लेल खेती – बारीसँ संबंधित तमाम नव पुरान तकनीकक ब्यौरा सप्ताहक एक दिन विशेष रूपसँ प्रकशित होइत अछि। नेना – भुटका लेल बाल साहित्य आ कविताक प्रकाशन सेहो एक दिन निश्चित कएल गेल अछि, जे नव पीढ़ीमें अप्पन भाषाक प्रति स्नेह जगएबाक लेल उत्तम साधन सिद्ध भ’ रहल अछि। राष्ट्रीय – अंतर्राष्ट्रीय समाचारक संग खेल, चिकित्सा आ वित्त सम्बन्धी समाचार प्रमुखतासँ नित्यहि छपैत अछि। संक्षेपमे कहल जाए त’ ई मैथिलि दैनिक अखबार निश्चित रूपसँ मिथिला आ मैथिलक आवाज सिद्ध भ’ रहल अछि। मिथिलाक तमाम समस्याक एक्कहिटा समाधान अछि, आ ओ अछि अप्पन भाषाक अखबार। एहिना जौं ई अखबार, नियमित रूपसँ प्रकशित होइत रहल त’ निश्चित रूपसँ तमाम तरहक समस्याक समाधान स्वतः भ’ जाएत। मिथिला आ शहर – महानगरमे, मैथिल द्वारा हजारोके संख्यामे संस्था आ संगठनक निर्माण कएल गेल अछि आ ,ओ तमाम संस्था आ संगठन मिथिला आ मैथिल लेल अपना – अपना स्तरसँ प्रयास क’ रहल छथि। मुदा ओ लोकनि की क’ रहल छथि, से जनबाक लेल त’ कोनो माध्यम अबस्से चाही। त’ ई अप्पन मैथिली अखबार ओहि तमाम संस्था आ संगठनक आवाज बनि अप्पन स्थिति पहिनहि स्पष्ट कएने अछि। आब बारी अछि ओहि तमाम संस्था आ संगठनक जे सोचैथ कि, आखिर कतेक दिन ई मैथिली अखबार बिनु सरकारी सहयोगे चलत ? आ जौं सरकारी सहयोग नहि भेटत त’ कि, अखबार नहि चलि सकैत अछि ? सक्षम मिथिलावासी जौं ठानि लेथि त’ निश्चित रूपसँ ई अखबार निरंतर बढ़ैत रहत। एहि विषय पर तमाम पाठक वर्गकेँ चिंतन करबाक आवश्यकता अछि। आखिर कहिया धरि मैथिली संग भेदभाव कएल जाएत ? मिथिलामे किछु पत्र – पत्रिकाक प्रकाशन पहिनहु शुरू भेल, मुदा ओ निरंतर प्रकाशित नहि भ’ सकल । हँ पाक्षिक, मासिक, आ त्रैमासिक पत्रिका बहराइत रहल, मुदा दैनिक अखबार लेल मिथिला तरसैत रहल । एकाध बेर दैनिक अखबारक प्रकाशन सेहो शुरू भेल, मुदा ओकरो अंत ओहिना भेल। सरकारी उदासीनता सेहो, एहि सभमे बाधक बनल आ आम मैथिलकें सेहो एहिमें कोनो विशेष रूचि नहि रहलैन। हँ एकटा आशाक किरण ल’ क’ आयल “मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश” जे 26 दिसंबर 2021 सँ नियमित प्रकाशित भ’ रहल अछि। ई अखबार आब अप्पन प्रकाशन यात्राक तेसर वर्षमे अछि, मुदा एखनहुँ प्रदेश सरकारक तमाम योजना आ लाभसँ वंचित अछि। प्रदेशक एकमात्र भाषा मैथिली, जे संविधानक अष्टम अनुसूचीमे सेहो दर्ज अछि, मुदा एहि ठाम ओहि संवैधानिक भाषाक पत्र – पत्रिकाक संरक्षण लेल सरकार लग कोनो तरहक योजना नहि अछि। आखिर कहिया धरि सरकार मैथिलीक महत्ताके बुझत ? आखिर कहिया धरि मैथिली, सरकारी संरक्षणसँ वंचित रहत ?

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *