सूर्य अपन रौद्र रूपमे छथि। आकाशसँ आगि बरसि रहल अछि। गया बिहारक सबसँ गरम जिला अछि। गर्मी अईठाम तबाही मचा दैत अछि। चारि साल पहिने लूक आघातसँ ५० लोकक मृत्यु भऽ गेल छल। ओहि स्थितिकेँ ध्यानमे रखैत एहि बेर जिला लू आघातसँ निपटबाक लेल तैयार अछि। अस्पतालमे लू आघातक मरीजक लेल व्यवस्था कयल गेल अछि। डीएम मरीजक इलाजमे देरी नहिं करबाक निर्देश देलनि अछि।
मौसम विज्ञानक रिपोर्टक अनुसार एहि बेर गर्मी बेसी रहबाक आशंका अछि। अतः गर्मीक लहरक आशंका बढ़ि गेल अछि। एकरा देखैत अस्पतालमे विशेष तैयारी कयल गेल अछि। गर्मीसँ निपटबाक लेल वार्डमे विशेष व्यवस्था कयल जा रहल अछि। गया जिला बिहारक सबसँ गरम जिला अछि। हीट स्ट्रोक आ हीट वेव सेहो गर्मीक सङ्ग खूब चलैत अछि। चारि साल पहिने गया आ लगपासक जिलामे लूक कारण ५० लोकक मृत्यु भऽ गेल छल। तहियासँ स्वास्थ्य विभाग प्रत्येक वर्ष विशेष तैयारी करैत अछि। एहि बेर सेहो गया जिला प्रशासन लूसँ निपटबाक लेल पूर्ण रूपसँ तैयार अछि। मगध मेडिकल कॉलेज अस्पतालमे एकरा लेल १०० बिस्तर पूर्ण रूपसँ तैयार राखल गेल अछि। मगधक चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विनोद शंकर सिंह कहलनि कि अस्पतालमे लू केर मरीजकेँ देखैत प्री-फैब्रिकेटेड बिल्डिंगमे 100 बेड आरक्षित कयल गेल अछि, जाहिसँ गर्मीक लहरिक रोगीकेँ एतय भर्ती कयल जा सकय। डॉक्टर आ कर्मचारीसभकेँ सतर्क रहबाक निर्देश देल गेल अछि। आवश्यकतानुसार गर्मीसँ निपटबाक लेल सामान्य वार्डमे कूलर सेहो लगाओल जायत। जँ गर्मीक लहरसँ निपटबाक लेल उचित व्यवस्था नहिं कयल जायत तँ ई स्थिति गम्भीर भऽ जाइत अछि आ ई जीवनक लेल खतरा उत्पन्न करैत अछि।
गर्मीक मौसममे शिशु, छोट बच्चा आ बुजुर्गकेँ बहुत देखभालक आवश्यकता होइत छैक। पाँच सालसँ कम उम्रक बच्चासभकेँ पसीना कम होइत छैक आ ओ जल्दी गर्म वातावरणक अभ्यस्त नहिं भऽ पाबैत अछि। अतः सूर्यक प्रकाशक दीर्घ समय धरि सम्पर्कमे रहलासँ वा गर्मीक सम्पर्कमे अयबाक कारणेँ बच्चा बीमार पड़ि सकैत अछि। गर्मीक आघातसँ बचबाक लेल सभकेँ सावधान रहबाक आवश्यकता अछि।
गयाक डीएम डॉ. त्यागराजन एस.एम. स्वास्थ्य विभागकेँ लू आघातसँ निपटबाक लेल पूर्ण रूपसँ तैयार रहबाक लेल कहलनि अछि। गर्मीक लहरि आ एईएस, जेईक कारण सभटा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रमे रसद आ बुनियादी ढाँचाक पूर्ण दुरुस्त रखबाक निर्देश देल गेल अछि। एईएस, जेई केर मामिलामे जँ बच्चाकेँ कोनो पंचायतसँ निजी वाहनसँ अस्पताल आनल जाइत अछि तऽ सरकारक निर्देशक अनुसार संबंधित वाहनमे ईंधन सहित अन्य सुविधा वाहन मालिककेँ उपलब्ध कराओल जाए। संगहि ओ निर्देश देलनि जे प्रत्येक पंचायतमे दूटा वाहन केर चिन्हित कए एम्बुलेंस केर तर्ज पर तैयार राखल जाय जाहिसँ एईएस, जेईसँ पीड़ित बच्चाकेँ गोल्डेने पीरियडमे इलाजक लेल अस्पताल आनल जा सकय।
डीएम सभ प्रभारी चिकित्सा अधिकारीकेँ निर्देश देलनि अछि जे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रक जिम्मेदारी अछि जे ओ अपन क्षेत्रमे लूक मामिला भेला पर प्राथमिक चिकित्साक बादे हुनका रेफर करय। बहुधा ई देखल गेल अछि जे रेफरल बिना प्राथमिक उपचारक कयल जाइत अछि, जाहिसँ रोगी बेसी गम्भीर भऽ जाइत अछि। सभ अस्पतालक एम्बुलेंसमे हर समय आइस पैकक व्यवस्था करू। सबटा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रमे कूलर, ओआरएस पाउडर, आ अन्य दवाई पर्याप्त रूपसँ राखल जाय।