केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन आ डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह कहलनि कि भारत दुनियाक दोसर सबसँ पैघ माछ उत्पादक देश अछि, जतय 2013-14 सँ अंतर्देशीय उत्पादनमे 142 प्रतिशतक बढ़ोतरी भऽ 147 लाख टन भऽ गेल।
ओ ‘अंतर्देशीय मत्स्य आ जलीय कृषि सम्मेलन 2025’ कार्यक्रमक दौरान कहलनि कि मत्स्य क्षेत्रक औसत वार्षिक विकास दर 9 प्रतिशत अछि, जे कृषिसँ जुड़ल सब क्षेत्रमे सबसँ बेसी अछि।
केंद्रीय मंत्री नील क्रांति, मत्स्य आ जलीय कृषि बुनियादी ढांचा विकास कोष (एफआईडीएफ), प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पद योजना, पीएम-मत्स्या किसान समृद्धि सह योजना आ किसान क्रेडिट कार्ड जेहन पैघ पहल पर प्रकाश देलनि।
एहि आयोजनमे केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन राज्यसँ आग्रह कयलनि जे ओ एफआईडीएफक बेहतर उपयोग करथि, आईसीएआरक सहयोगसँ क्रियान्वयन कैलेंडर योजना बनाउ आ ठंढा जलमे मत्स्य पालन, सजावटी मत्स्य पालन आ खारा जलीय कृषिक विस्तार कय निर्यातमे वृद्धि करथि।
ओ पोषणमे सुधार, उत्पादनकेँ बढ़ावा आ विकसित भारतक दृष्टिमे योगदान देबा लेल अंतर्देशीय संसाधनक प्रभावी उपयोगकेँ प्रोत्साहित कयलनि।
केंद्रीय मंत्री मत्स्य क्षेत्रमे अंतर्देशीय राज्य द्वारा कयल गेल सराहनीय प्रगतिक प्रशंसा करैत उत्पादन आ उत्पादकता बढ़ाबै केर जरूरत पर प्रकाश देलनि।
मत्स्य पालन, पशुपालन आ डेयरी राज्य मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल कहलनि जे, किसानक आय दुगुना करबामे मत्स्य पालन अहम भूमिका निभा सकैत अछि। ओ सब सरोकारवालाक प्रयासक सराहना कयलनि।
एहि आयोजनमे डिजिटल उपकरण, मूल्य संवर्धन आ फसल कटाईक बादक गतिविधिमे काम करय वाला 300 सँ अधिक मत्स्य स्टार्टअप लेल समर्थनकेँ सेहो प्रोत्साहित कयल गेल।
मत्स्य, पशुपालन आ डेयरी राज्य मंत्री आ अल्पसंख्यक मामिलाक राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन पोषण सुरक्षा, ग्रामीण समृद्धि आ टिकाऊ आजीविका सुनिश्चित करयमे अंतर्देशीय मत्स्य पालन केर परिवर्तनकारी क्षमता पर जोर देलनि।
ओ पारंपरिक ज्ञानकेँ नवाचारक संग एकीकृत करय, देशी प्रजातिकेँ बढ़ावा देबय आ सामूहिक कार्यवाहीक माध्यमसँ समुदायकेँ सशक्त बनाबय केर महत्वकेँ रेखांकित कयलनि।