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इसरोक दिग्गजसँ शिक्षाविद् धरि, अंतरिक्ष मिशन आ शिक्षा सुधारमे कस्तूरीरंगनक विरासत जीवित रहत

बंगलूरू समदिया
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नहिं रहलाह भारतक महान अंतरिक्ष वैज्ञानिक आ शिक्षाविद् डॉ. कृष्णस्वामी कस्तूरीरंगन। हुनक शुक्रक भोरमे 84 वर्षक उम्रमे निधन भऽ गेलनि।

ओ बंगलूरूमे स्थित अपन आवास पर भोर 10:43 बजे अंतिम साँस लेलनि। ओहिठाम ओ पिछला किछु समयसँ अस्वस्थ रहला। वर्ष 2023 मे श्रीलंका यात्राक दौरान हुनका दिलक दौरा पड़ल छल, तकर बाद ओ बहुत कम बाहर निकलैत वा देखल जाइत रहैत।

के. कस्तूरीरंगन केवल एकटा वैज्ञानिक नहिं छलाह, बल्कि ओ भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम आ शिक्षा प्रणाली केर दू स्तंभमे महत्वपूर्ण भूमिका निभैनहार व्यक्ति छलाह। हुनका लोक ज्ञानकोश (इनसाइक्लोपीडिया) केर नामसँ सेहो जानैत छथि, कारण हुनका लग विज्ञान आ शिक्षा दुनू क्षेत्रमे गहिंरगर ज्ञान छल।

डॉ. कस्तूरीरंगन लगभग 35 वर्ष धरि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) मे सेवा देलनि। ओ 1994 सँ 2003 धरि इसरोक अध्यक्ष, अंतरिक्ष आयोगक प्रमुख आ भारत सरकारक अंतरिक्ष विभागक सचिव रहलथि। 27 अगस्त 2003 केँ ओ ई जिम्मेदारी छोड़ि देलनि। हुनक नेतृत्वमे भारतक कतेको महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशन सफलतापूर्वक संपन्न भेल। ओ भारतक पहिल दू एक्सपेरिमेंटल अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट्स – भास्कर प्रथम आ द्वितीयक परियोजना निदेशक रहलनि। ओ आईआरएस-1ए, भारतक पहिल ऑपरेशनल रिमोट सेंसिंग सैटेलाइटक सेहो नेतृत्व करैत रहथि।

भारतक सबसँ सफल रॉकेट पीएसएलवी (पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) के लॉन्च आओर ऑपरेशनल बनेबाक श्रेय हुनके भेटैत अछि। ओ जीएसएलवी (जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) केर पहिल सफल उड़ानक परीक्षण कयलनि। हुनकर कार्यकालमे भारतक पहिल स्पेस-बेस्ड हाई-एनर्जी एस्ट्रोनॉमी ऑब्जर्वेटरीक नींव सेहो राखल गेल। ओ अंतरिक्षमें कॉस्मिक एक्स-रे आओर गामा रे स्रोत सभ पर कएल गेल शोधक लेल सेहो जानल जाइत छथि। ओ ई अध्ययन सेहो कएलनि कि ई किरण सबक हमरा वायुमंडल पर की प्रभाव पड़ैत अछि।

इसरोसँ सेवानिवृत्त भेलाक बाद, डॉ. कस्तूरीरंगन शिक्षा केर क्षेत्रमे पैघ भूमिका निभौलथि। ओ 2003 सँ 2009 तक राज्यसभा सांसद रहला आ एहि दौरान नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज केर निदेशक सेहो रहला। वर्ष 2008 मे ओ कर्नाटक नॉलेज कमीशनक प्रमुख बनलाह। 2009 सँ 2014 तक ओ योजना आयोगक सदस्य रहला।

वर्तमान सरकार 2017मे हुनका राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार करबाक 9 सदस्यीय समितिक अध्यक्ष बनौने छल। डॉ. कस्तूरीरंगनक समितिसँ तैयार नव शिक्षा नीति 2020 आई भारतमे नव शिक्षा नीति केर रूपमे लागू भेल अछि। एकर बाद हुनका राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा तैयार करबाक जिम्मेदारी सेहो सौंपल गेल।
ओ आईआईटी रुड़की, आईआईटी मद्रास आ आईआईएससी बंगलूरू जेकाँ देशक प्रतिष्ठित संस्थानक बोर्ड ऑफ गवर्नर्सक सदस्य सेहो रहथि। शिक्षा मंत्रालयक अधिकारिक लोकनि केर अनुसार, ओ प्रत्येक क्षेत्रक गहिंर शसँ बुझनिहार व्यक्तिक रूपमे जानल जाइत छलथि, तें हुनका चलैत-फिरैत ज्ञानकोश कहल जाइत छल। शिक्षा आ विज्ञानमे सर्वोच्च सम्मान डॉ. कस्तूरीरंगनकेँ हुनक योगदानक लेल भारत सरकार द्वार देशक तीन पैघ नागरिक सम्मान देल गेल: पद्मश्री (1982),पद्म भूषण (1992),पद्म विभूषण (2000) मे।

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