कांग्रेस पार्टीक अखिल भारतीय कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी)क एकटा महत्वपूर्ण बैसार दिल्लीमे होबय जा रहल अछि। बैसारमे दूटा प्रमुख मुद्दा पर चर्चा होयबाक संभावना अछि – हरियाणामे कांग्रेसक प्रतिपक्षक नेताक चयन आ महाराष्ट्रमे पार्टीक पराजयक कारण। विशेष रूपसँ हरियाणामे एकटा नव प्रतिपक्षक नेताक घोषणा कयल जा सकैत अछि, जे पार्टीक भविष्यक लेल महत्वपूर्ण भऽ सकैत अछि।
हालक विधानसभा चुनावमे हरियाणामे कांग्रेसकेँ करारी पराजयक सामना करय पड़ल, जे पार्टीक नेतृत्वक लेल चिन्ताक विषय बनि गेल अछि। एहि हारिसँ पार्टीक भीतर कतेको प्रश्न उठि रहल अछि। कांग्रेसकेँ आब ई बुझबाक जरूरत अछि जे हारिक कारण की छल आ पार्टीकेँ कोन दिशामे आगू बढ़बाक चाही। पछिला चुनावमे पार्टीक प्रदर्शन निराशाजनक रहल अछि, आ सत्तामे घुरबाक प्रयास बेर-बेर विफल रहल अछि।
एहि हारिक बाद कांग्रेस पार्टीक नेतृत्व, विशेष रूपसँ चुनावी प्रक्रियाक दौरान सामने आयल वरिष्ठ नेताक बीच मतभेदक विषयमे प्रश्न उठि रहल अछि। ई मतभेद पार्टीक समस्याकेँ आओर बढ़ा देलक, जाहिसँ ओकरा भविष्यक कार्ययोजनाक विषयमे गम्भीरतासँ सोचय पड़ल।
महाराष्ट्रमे सेहो कांग्रेसक प्रदर्शन निराशाजनक रहल अछि। ओतय सेहो पार्टीकेँ अपन रणनीति आ अपन नेताक कार्यप्रणाली पर पुनर्विचार करय पड़ि रहल अछि। आब कांग्रेसक समक्ष प्रश्न ई अछि जे ओ अगिला चुनावमे अपनाकेँ प्रभावी विपक्षक रूपमे कोना प्रस्तुत करत, आ जनताक विश्वास कोना पुनः प्राप्त कयल जाय।
सीडब्ल्यूसीक बैसारमे एहि दुनू राज्यक पराजयपर विस्तारसँ चर्चा कयल जायत। पार्टी आ राष्ट्रीय नेतृत्वक वरिष्ठ नेता बैसारमे अपन विचार देताह आ एकटा रोडमैप तैयार करताह जे आगामी चुनावमे पार्टीकेँ मजबूत कऽ सकैत अछि। एहि बैसारक बाद इहो सवाल उठत जे कांग्रेस अपन रणनीतिमे कोनो बदलाव करत कि नहिं आ पार्टीक नेतृत्वमे नव चेहरा शामिल होयत कि नहि।
ई बैसार कांग्रेस पार्टीक लेल एकटा महत्वपूर्ण मोड़ साबित भऽ सकैत अछि। हरियाणा आ महाराष्ट्रमे भेटल पराजयक बाद, पार्टीकेँ आब अपन रणनीतिकेँ फेरसँ जाँचय आ अपना भीतर बदलाव अनवाक आवश्यकता अछि, ताकि आगामी चुनावमे बेहतर प्रदर्शन कय सकय।