विधि-व्यवस्था

जँ धर्मांतरण नहिं रोकल गेल तँ एक दिन बहुसंख्यक होएत अल्पसंख्यक : इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद
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इलाहाबाद उच्च न्यायालय कहलक अछि जे जँ धार्मिक समारोहमे धर्म परिवर्तन तत्काल नहिं रोकल गेल तँ देशक अधिकांश आबादी एक दिन अल्पसंख्यक बनि जायत।

न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल कैलाश नामक व्यक्तिक जमानत याचिका खारिज करैत ई टिप्पणी कयलनि, जकरा पर एतय एकटा गामक कतेको लोकक धर्मांतरण करयबाक कृत्यमे शामिल हेबाक आरोप अछि। अदालत कहलक, “प्रचार शब्दक अर्थ प्रोत्साहन अछि मुदा एकर अर्थ कोनो व्यक्तिकेँ एक धर्मसँ दोसर धर्ममे परिवर्तित करब नहिं अछि।”

आगू अदालत कहलक “वर्तमान मामिलामे, शिकायतकर्ता द्वारा याचिकाकर्ताक विरुद्ध गम्भीर आरोप लगाओल गेल अछि जाहिमे कहल गेल अछि जे हुनक भाय सहित आन लोकसभकेँ गामसँ एकटा मण्डलीमे भाग लेबाक लेल नई दिल्ली लऽ जायल गेल छल जतय हुनका सभकेँ ईसाई धर्ममे परिवर्तित कऽ देल गेल। हुनकर भाय कहियो गाम नहि घुरलाह।”

अदालत कहलक, “जँ एहि प्रक्रियाकेँ जारी रखबाक अनुमति देल जायत तँ एक दिन एहि देशक बहुसंख्यक आबादी अल्पसंख्यक बनि जायत, एहन धार्मिक सभा जतय धर्मांतरण भऽ रहल अछि ओकरा तत्काल रोकल जेबाक चाही।”

अदालत सोमदिन अपन आदेशमे कहलक जे जाँच अधिकारी द्वारा दर्ज कयल गेल कतेको आन व्यक्तिक बयानसँ स्पष्ट रूपसँ पता चलैत अछि जे कैलाश गामक लोकसभकेँ नई दिल्लीक एकटा धार्मिक सभामे भाग लेबाक लेल लऽ जा रहल छथि जतय हुनका सभकेँ ईसाई धर्ममे परिवर्तित कऽ देल जाइत अछि।

अदालत कहलक, “कतेको मामिलामे ई अदालतक संज्ञानमे आयल अछि जे पूरा उत्तर प्रदेशमे अनुसूचित जाति आ अनुसूचित जनजाति आ आर्थिक रूपसँ कमजोर वर्ग सहित अन्य जातिक लोकसभकेँ अवैध रूपसँ ईसाई धर्ममे परिवर्तित कयल जा रहल अछि।”

आदेशमे कहल गेल अछि, “अदालत प्रथम दृष्टया पओलक अछि जे याचिकाकर्ता जमानत देबाक योग्य नहिं अछि आ तेँ ओकर जमानत आवेदन खारिज कऽ देल जाइत अछि।”

एहि मामिलामे कैलाशक खिलाफ २०२३ मे जिला हमीरपुरक मौदह थानामे भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) केर धारा ३६५ आ गैरकानूनी धर्म परिवर्तन अधिनियम, उत्तर प्रदेश केर धारा ३/५ (१) केर तहत मामिला दर्ज कयल गेल छल। एफ.आई.आर. केर अनुसार, रामकली प्रजापतिक भाय रामफल सहित गामक कतेको लोककेँ कैलाश एकटा धार्मिक सभामे भाग लेबाक लेल नई दिल्ली लऽ गेलाह जतय हुनका सभकेँ ईसाई धर्ममे परिवर्तित कऽ देल गेल।

कैलाश रामकलीसँ वादा कयने छलाह जे मानसिक बीमारीसँ पीड़ित हुनक भायक इलाज कयल जायत आ एक सप्ताहक भीतर गाम घुरि आयब, मुदा ओ नहिं घुरलाह। जखन रामकली कैलाशसँ एहि विषयमे पूछलनि तखन कोनो संतोषजनक उत्तर नहिं भेटल। तखन ओ पुलिस लग गेल।

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