तीनटा आपराधिक कानून सुधार विधेयक भेल संसदसँ पारित
कहलनि प्रधानमंत्री मोदी, ई एकटा ऐतिहासिक क्षण
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नई दिल्ली
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बृहस्पतिकेँ राज्यसभा द्वारा तीनटा आपराधिक कानून सुधार विधेयक (भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता आ भारतीय (द्वितीय) संहिता) पारित कयल गेल। विपक्षी सांसदक अनुपस्थितिमे विधेयक ध्वनिमतसँ पारित कयल गेल छल।
ब्रिटिश युगक आपराधिक कानूनमे सुधारक लेल नव विधेयक आनल गेल छल। एहिमे आतंकवाद, मॉब लिंचिंग आ राष्ट्रीय सुरक्षाकेँ खतरा उत्पन्न करयवला अपराधक लेल बढ़ल सजा सम्मिलित अछि। ई विधेयक आईपीसी (भारतीय दंड संहिता), कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिड्योर आ इंडियन एविडेंस एक्टक स्थान लेत। बुधदिन लोकसभा द्वारा ई विधेयक पारित कयल गेल।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राज्यसभासँ तीनू विधेयक पारित भेलापर प्रसन्नता व्यक्त कयलनि अछि। ओ एक्स पर अपन पोस्टमे एकरा एकटा ऐतिहासिक क्षणक रूपमे वर्णित कयलनि।
एक्स पर प्रधानमंत्री लिखलनि “भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३, भारतीय न्याय संहिता २०२३ आ भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३क पारित होयब हमर इतिहासक एकटा ऐतिहासिक क्षण अछि। ई विधेयक औपनिवेशिक युगक कानूनक अन्तक प्रतीक अछि। लोक पर केन्द्रित कानूनक सङ्ग सेवा आ कल्याणक एकटा नव युगक आरम्भ भऽ रहल अछि।”
ओ पोस्ट कयलनि “ई परिवर्तनकारी विधेयक सुधारक प्रति भारतक प्रतिबद्धताक प्रमाण अछि। ओ प्रौद्योगिकी आ फोरेंसिक विज्ञान पर ध्यान केन्द्रित करैत हमर कानूनी, पुलिस आ जाँच प्रणालीकेँ आधुनिक युगमे अनैत अछि। ई विधेयक हमर समाजक गरीब, उपेक्षित आ कमजोर वर्गक लेल बढ़ल सुरक्षा सुनिश्चित करैत अछि।” नरेन्द्र मोदी कहलनि जे नव विधेयक संगठित अपराध आ आतंकवाद सन अपराध पर भारी पड़त।