संपादकीय

राजनीतिक स्थिरताक आशमे पाकिस्तान

धर्मेन्द्र कुमार झा (प्रबंध संपादक)
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पाकिस्तानमे राजनीतिक अस्थिरता, कोनो नव विषय नहि छैक, ओहि ठाम त’ स्वतंत्रताक बादहिसँ एहि तरहक उठा – पटक चलि रहल अछि। आजादीक बाद जहन, भारत-पाक विभाजन भेल त’ मात्र पहिल 10 वर्षक अवधिमे पाकिस्तान, 7 गोट प्रधानमंत्री देखलक । हर क्षेत्रमे पकिस्तान पाछा रहल, भारत विकासक मार्ग पर बढ़ैत रहल आ पाकिस्तान, आतंकवादके प्रोत्साहित करैत आतंकवादक रोगसँ ग्रसित भ’ गेल। पाकिस्तान हर क्षेत्रमे पछरल रहल, एकर पाछा राजनीतिक अस्थिरता सेहो एकटा पैघ कारण रहल अछि। पाकिस्तानमे एतेक राजनीतिक उथल – पुथल देखल जाइत अछि कि, पाकिस्तानक कोनो प्रधानमंत्री, एखन धरि अप्पन कार्यकाल पूर्ण नहि कएने अछि। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खानकेँ सेहो, अप्पन कार्यकालक चारिए वर्षमें कुर्सी छोड़ए पड़लनि। तहिना शाहबाज शरीफक संग सेहो भेल, हुनको संसदीय कार्यकालक समाप्तिसँ पहिनहि त्यागपत्र देबय पड़लनि। 1947 सँ एखन धरि पाकिस्तानमे जतेक गोटे प्रधानमंत्री भेलाह, ओहिमे सँ कियो आई धरि अप्पन कार्यकाल पूर्ण नहि कएलनि। सत्ता परिवर्तनक उपरांत जहन, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान, जे विगत दू दशकसँ राजनीतिमे सक्रिय छथि, हुनकर गिरफ्तारी भेल त’ पकिस्तानमे जे स्थिति तनावपूर्ण बनल ओ एखन धरि बनल अछि। इमरान खानक गिरफ्तारीके बाद, विभिन्न स्थान पर इमरान खानक समर्थक द्वारा विरोध-प्रदर्शन भेल, सरकारी कार्यालय पर कब्जा क’ जमि क’ तोड़फोड़ आ अगिलग्गी कएल गेल। सरल भाषामे कहल जाए त’ पाकिस्तान, गृहयुद्धक चपेटमें छल। ओना, प्रतिशोधक राजनीतिक सेहो, पकिस्तानमे पुरान परंपरा रहल छैक। भरिसक तैं, अधिकांश पीएम कुर्सी छोड़लाक उपरांत या त’ देश छोड़ैत छथि नहि त’ जेल जाइत छथि। मुदा जे माहौल एखन पाकिस्तानमे अछि, ओ पूर्वमे नहि रहलैक। इमरानक कार्यकालमे नवाज शरीफ देश छोड़लाह त’ शाहबाज शरीफक कार्यकालमें इमरानकेँ जेल जाए पड़लनि। जेना – तेना पाकिस्तानमे एकटा लोकतांत्रिक सरकारक गठन लेल चुनाव कराओल गेल, पाकिस्तानक नेशनल असेंबलीक 336 सीट आ चारि प्रांतीय विधानसभाक लेल चुनाव संपन्न भेल। नेशनल असेंबलीक 336 सीटमे सँ 266 पर मतदान कराओल जाइत छैक, मुदा एक गोट प्रत्याशीक मृत्युक पश्चात् ओहि ठाम मतदान, स्थगित क’ देल गेल। बाकि 60 सीट महिलाक लेल आओर 10 सीट अल्पसंख्यकके लेल आरक्षित अछि, जे चुनावमे विजयी दलक आनुपातिक प्रतिनिधित्वके आधार पर आवंटित कएल जाइत अछि। नव सरकार बनएबाक लेल, कोनो दलके 265 सीटमे सँ 133 सीट चाही। पाकिस्तानमे चुनाव बैलेट पेपर पर भेल, जाहिसँ चुनावक उपरांत सुस्त गतिसँ मतगणनाक प्रक्रिया जारी अछि, एखन धरि कोनो राजनीतिक दलकेँ स्पष्ट बहुमत भेटैत प्रतीत नहि भ’ रहल अछि। आर्थिक संकटसँ ग्रस्त देशमे राजनीतिक स्थिरता, एखनहुँ स्वप्न प्रतीत भ’ रहल अछि। अनुमान लगाओल गेल कि, मतगणनाक परिणाम शुक्रदिन धरि सोझा आबि जाएत, मुदा कहल जा रहल अछि कि, धाँधली आ हेर – फेरके चलते प्रक्रियामें जानि – बुझि क’ विलंब कएल जा रहल अछि। एखन धरिक परिणामसँ कोनो एक दलके स्पष्ट बहुमत त’ नहि भेटि रहल छैक, मुदा इमरान समर्थित प्रत्याशी रेसमे आगू छथि। पूर्व प्रधान मंत्री नवाज़ शरीफ़, पूर्व पीएम इमरान खान आ विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो, तीनू नेता संसदीय चुनावमे अप्पन – अप्पन दलक जीतके प्रति आश्वस्त त’ छलथि, मुदा सत्ताक मार्ग आब तीनू दल लेल, कठिन सिद्ध भ’ रहल अछि। प्राप्त जानकारीके मोताबिक निर्दलीय प्रत्याशीक भूमिका, एहि सत्ताक समीकरणमे महत्वपूर्ण होबय जा रहल अछि। पाकिस्तानक समाचार एजेंसी जियो न्यूजके अनुसार, संसदक 241 सीटक आयल परिणाममे, पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) समर्थित प्रत्याशी 96 सीट पर विजय प्राप्त कएलक अछि जहनकि, 69 सीटक संग, दोसर स्थान पर नवाज शरीफक पार्टी – पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) अछि। बेनजीर भुट्टोक विरासतवला पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के भागमे 52 सीट आयल अछि। आब पीटीआई प्रवक्ताक कहब अछि कि, “ओ अप्पन राजनीतिक आ कानूनी विकल्प पर सावधानीपूर्वक विचार क’ रहल छथि”। पीटीआई प्रवक्ताके अनुसार एखन स्थिति पर नजैर राखल जा रहल अछि, आ सभसँ पैघ दलक रूपमे, अंतिम परिणामक प्रतीक्षा कएल जा रहल अछि। पीटीआई समर्थक द्वारा चुनाव आ मतगणनामें धाँधलीक आरोप लगाओल जा रहल अछि, दावा कएल जा रहल कि, हेर फेर करैत चुनाव परिणाम बदलल जा रहल अछि। जानकार लोकनि सेहो एकर आशंका पहिनहिसँ व्यक्त करैत रहल छथि, किएक त’ इमरान जेलमे छथि, आ एहि स्थितिमे इमरान समर्थित उम्मीदवारके साम, दाम दंड आ भेदक उपयोग करैत तोड़बाक प्रयास सेहो कएल जाएत। एहि सभके देखैत पीटीआई द्वारा आरओ कार्यालयके समक्ष विरोध प्रदर्शन सेहो करबाक नियार अछि। ओना, त’ पीटीआई सरकार बनएबाक प्रयासमे अछि, किएक त’ एखन धरि पाकिस्तानक आम चुनावमे सभसँ बेसी सीट जीतलक अछि, मुदा शाहबाज शरीफ आ बिलावल भुट्टोके रहैत, ई कतेक धरि संभव होइत अछि, एहि पर संशय बनल अछि। एमहर, पाकिस्तानक कार्यवाहक पीएम अनवर उल हक काकड़ आशा व्यक्त कएलनि अछि कि, पाकिस्तानमे गठबंधनक सरकार बनि सकैत अछि। मिडिया रिपोर्ट्सके मानी त’ राजनीतिक दलक मध्य बातचीत शीघ्र शुरू कएल जाएत। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ आ इमरान खान सेहो अप्पन – अप्पन जीतक घोषणा क’ चुकल छथि, मुदा बहुमतसँ हर दल दूर अछि। धांधलीक आरोपके मध्य, पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर, देशवासीकेँ राष्ट्रीय चुनावक सफल आयोजनके लेल बधाई देलनि, संगहि कहलनि कि, देशके “अराजकता आ ध्रुवीकरण” के राजनीतिसँ आगू बढ़बाक लेल स्थिर हाथक दरकार अछि। चुनावमे धाँधलीक आरोप लगाओल जा रहल छैक, इमरान समर्थित प्रत्याशीकेँ हरएबाक प्रयास भ’ रहल अछि, मुदा इमरान खान जेलमे रहितो, अप्पन पूरा जोड़ लगा रहल छथि। पकिस्तान संगहि आनो – आन देशमे लोकप्रिय इमरान खान, पूर्व क्रिकेटर रहल छथि, ओ अपना समयक विश्व प्रसिद्ध आलराउंडर छलाह आ हुनकहि कप्तानीमे पाकिस्तान विश्व कप जितने छल। सम्पूर्ण विश्वमे हुनकर प्रसंशक मौजूद अछि, तहिना पाकिस्तानमे सेहो ओ, आन राजनेताक अपेक्षाकृत किछु बेसिए लोकप्रिय छथि। हुनकर मात्र एक आव्हान पर लाखो पाकिस्तानी सड़क पर उतरि जाइत अछि। पूर्वक भांति पुनः एक बेर इमरान समर्थक सड़क पर उतरि, विरोध-प्रदर्शन करबाक लेल विवश छथि। आब सभक नजैर अंतिम परिणाम पर अछि, आ अनुमान लगाओल जा रहल अछि कि, जीतलाक बादहु इमरानकेँ सरकार बनाबयसँ रोकल जाएत। ओना त’ अनेको विषय छैक, जे पकिस्तान लेल चिंताजनक छैक, मुदा आर्थिक रूपसँ कंगाल पकिस्तान, एखनहु आतंकसँ संबंध विच्छेद करबाक लेल तैयार नहि अछि। सेना आ आईएसआईके रहैत पाकिस्तानमे सेहो अनेको आतंकवादी हमला भेल अछि आ एखनहु होइत रहैत अछि। तहिना पाकिस्तानमे अल्पसंख्यकके विरुद्ध हिंसा सहित मानवाधिकार उल्लंघनक अनेको मामिला सोझा अबिते रहैत अछि। मुदा तैयो, आब ई निश्चित अछि कि, जोड़ तोड़ करैत नवाज शरीफ पुनः एक बेर पाकिस्तानक प्रधानमंत्री बनताह। मुदा, ओ कहिया धरि लेल प्रधानमंत्री बनताह से किछु कहल नहि जा सकैत अछि। किएक त’ 76 वर्षक इतिहासमे पाकिस्तानमे 29 प्रधानमंत्री भेल अछि, आ एखन धरि कोनो प्रधानमंत्री अप्पन पांच वर्षक कार्यकाल पूरा नहि क’ सकल अछि। 29 मे सँ 18 प्रधानमंत्रीके, भ्रष्टाचारक आरोप, सैन्य तख्तापलट आ राजनीतिक दलक आपसी कलह चलते पद छोड़य पड़लनि त’ 11 आन प्रधानमंत्री बहुत अल्प अवधिके लेल एहि पद पर नियुक्त भेल छलाह। आब पुनः पाकिस्तानी जनता पर एकटा नव प्रधानमंत्री थोपल त’ जाएत, मुदा नबका प्रधानमंत्री अप्पन कार्यकाल पूर्ण करैत छथि कि, नहि ई आबयवला समय कहत।

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