सब अफवाह आ अटकलबाजीक बाद ललन सिंह शुक्रदिन जदयूक राष्ट्रीय अध्यक्ष पदसँ इस्तीफा दऽ देलनि। आब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पार्टीक कमान अपन हाथमे राखि लेने छथि। ओतहि ललन सिंहक इस्तीफाक बाद विपक्ष लगातार पार्टी पर आक्रमण करैत नजरि आबि रहल अछि। राजद प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा कहलनि जे “एखन धरि नीतीश महागठबंधनक हिस्सा छथि आ ललन सिंह राजदक निकट भऽ गेल छथि। जेडीयू के ललन सिंह धमकी देलखिन। अतः हुनकर इस्तीफा लेल गेल।” संगहि कुशवाहा नीतीशक बारेमे एकटा बयान सेहो देने छलाह जे अगर नीतीश कुमार चाहैत छथि त ओ एनडीएमे आबय लेल पैरवी कऽ सकैत छथि। नीतीश कुमार राजगमे शामिल भऽ सकैत छथि कि नहि, एहि पर कयास लागल अछि।
ललन सिंहक इस्तीफा पर भाजपा नेता विजय कुमार सिन्हा कहलनि कि “एकटा स्वाभिमानी नेताक एहन विदाई अस्वीकार्य अछि आ जँ पार्टी हुनक नेतृत्वपर भरोसा नहिं करैत अछि तखन एहि पदपर बनल रहबाक कोनो अर्थ नहिं अछि।”
ललन सिंहक इस्तीफा पर जीतन राम मांझी ट्वीट कयलनि कि “नीतीश कुमारक तीन वर्षीय योजनाक तहत ललन सिंहक पत्ता सेहो साफ कऽ देल गेल अछि। ओना, ललन बाबूकेँ बुझबाक चाही जे नीतीश कुमार फर्नांडिस साहेब, आरसीपी बाबू, शरद यादव, दिग्विजय सिंहक जखनि नहिं भेलथि, ओ हुनकर केना भऽ जयताह ? ‘कोई ऐसा सगा नहीं, जिसे नीतीश ठगा नहीं’।”
ओतहि लोजपा (रामविलास) पार्टीक राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान कहलनि जे “जे कहियो दोसरक घर तोड़ब आ अध्यक्ष पदसँ हटाबय केर साजिश रचैत छलाह, ओ आइ स्वयं षड्यंत्रक शिकार भऽ गेलाह। ललन बाबू, कहावत अछि जे कर्म वापिस आबि जाइत अछि, आइ अहाँक संग सेहो किछु एहने भऽ रहल अछि। हम अहांक दर्द बुझि सकैत छी। अहां सेहो आइ नीतीश कुमार जीक महत्वाकांक्षाक शिकार बनि गेल छी। एहिसँ पहिने सेहो नीतीश जी जेडीयूक कतेको राष्ट्रीय अध्यक्षकेँ पार्टीसँ बाहर निकलबाक रास्ता देखा चुकल छथि। हुनका अपन नेताक बढ़ैत कदसँ सबसँ बेसी परेशानी होइत अछि। जनता दल यूनाइटेडमे आब गुटबाजी एहि तरहसँ बढ़ि गेल अछि कि ई मतभेद आ अंतर्कलह पार्टीक अस्तित्व समाप्ते कय कऽ रहत। आबयवाला चुनावमे जदयूक कियो नाम लेबयवाला पर्यंत नहिं बाँचत।”