यद्यपि बिहारमे भयंकर जाड़ अछि, मुदा राजनीतिक उथल-पुथलक कारण राजनीतिक पारा गरम अछि। काल्हि धरि जे भाजपा नेता आक्रामक रूपसँ बिहारक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना बना रहल छलाह ओ आब नरम भऽ गेल छथि, जेडीयू सेहो फिलहाल भाजपा नेताक खिलाफ उठाओल गेल हथियार लटका देलक अछि।
राज्यक राजनीतिमे चर्चा चलि रहल अछि जे नीतीश कुमारक भाजपासँ निकटता बढ़ि गेल अछि। ओना, भाजपा आ जेडीयूक कोनो नेता एहि मामिला पर खुलल बयान नहिं दऽ रहल छथि।
सीट बंटवाराकेँ लऽ कऽ इंडिया गठबन्धनक सहयोगी दलक बीच तनाव अछि। जदयू जतय जल्दिये सीट बंटवारा लेल गठबंधन पर दबाव बना रहल अछि, ओतहि राजद एकरा जल्दबाजी कहि सीट बंटवारासँ परहेज कऽ रहल अछि। एहनमे राज्यक राजनीतिमे चर्चा जोर पकड़ि लेलक अछि जे नीतीश फेर राजगमे जाएत।
दरअसल, एहि चर्चा केर गर्म होए केर कारण अछि। जाहि तरहें भाजपाक वरिष्ठ नेता आ केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाहक बयान आयल जे ‘जँ प्रस्ताव अबैत अछि तँ पार्टी विचार करत’, दुनू दलक स्वर बदलि गेल। एहि बयानक बारेमे कहल गेल छल जे भाजपा दरवाजा नहि खोललक अछि बल्कि नीतीशक लेल खिड़की खोललक अछि। एन.डी.ए.क घटक दल सेहो एकर विरुद्ध नहिं अछि। सब एकरा लेल तैयार अछि।
जेडीयू सेहो गृह मंत्री अमित शाहक बयान पर भाजपाक शैलीमे प्रतिक्रिया देलक अछि। जदयू नेता आ बिहारक भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी एतेक धरि कहलनि जे अमित शाह कहियो एहन बयान नहिं देलनि जे नीतीश लेल दरवाजा बंद अछि। एहनमे इ निश्चित अछि जे जेडीयू केर व्यवहार सेहो नरम भ गेल अछि।
एहि बयानकेँ देखैत ई स्पष्ट अछि जे दुनू पुरान मित्रक बीच आपसी सद्भाव बढ़ि रहल अछि, मुदा अमित शाह अपन बिहार दौराक दौरान सार्वजनिक मंचसँ कहने छलाह जे नीतीश कुमारक लेल भाजपाक दरवाजा हमेशाक लेल बंद कऽ देल गेल अछि। एकर बाद स्थानीय भाजपा नेता सेहो नीतीश पर आक्रामक बयान दऽ रहल छलाह।
एहन स्थितिमे हालक दिनमे राज्यमे जाहि तरहें राजनीतिक बसात बदलल अछि, से स्पष्ट अछि जे किछु भऽ सकैत अछि। कहल जाइत अछि जे
राजनीतिमे कियो स्थायी मित्र आ शत्रु नहिं होइत अछि।
एतय जेडीयू इहो मानि रहल अछि जे अगर जेडीयू केर एनडीएक संग जाय केर मामिला फेर राजनीतिक हलकामे बनल रहत तऽ इंडिया गठबंधनमे सीट बंटवाराक लाभ भऽ सकैत अछि। एहि दौरान उल्लेखनीय अछि जे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीक बिहार यात्रा सेहो स्थगित कऽ देल गेल अछि। झारखण्डसँ अपन यात्रा शुरू करय बला नीतीश कुमारक तारीख सेहो बढ़ा देल गेल अछि।
ओना राजनीति संभावनासभ पर आधारित अछि, एहन स्थितिमे बहुत जल्दी बदलावक कोनो उम्मीद नहिं अछि, मुदा ई जरूर कहल जा सकैत अछि जे नीतीश भाजपा लेल ‘जरुरी’ छथि वा ‘मजबूरी’, ई आबयवाला दिनमे साफ भऽ जायत।