जनसरोकार

नेचुरल डेमोक्रेसी’क दस साल पूरा भेला पर मनाओल गेल दशकीय अधिवेशन

‘नेचुरल डेमोक्रेसी’क अवधारणा लेखक डॉ. जावेद अब्दुल्ला २०१४ मे कयने छलथि प्रारम्भ
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यूएनओ, पीएमओकेँ संविधानक प्रस्तावनामे पृथ्वी ग्रहकेँ शामिल करबाक प्रस्ताव भेजय पर विचार
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दरभंगा समदिया
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वैश्विक लोकतंत्र आ भूमंडलीय शान्तिक संस्था डब्ल्यूएनडी (वर्ल्ड नेचुरल डेमोक्रेसी )क तत्वावधानमे ‘नेचुरल डेमोक्रेसी’क संकल्पनाक दस वर्ष पूरा होयबाक अवसर पर अखिल भारतीय मैथिली साहित्य परिषद, दरभंगाक प्रांगणमे एकर दशकीय अधिवेशन (डिसेनिअल सेशन ऑफ नेचुरल डेमोक्रेसी)क आयोजन कयल गेल। सत्रक आरम्भ ‘तालाब बचाओ अभियान’क संयोजक नारायण जी चौधरीक स्वागत भाषणसँ भेल। नेचुरल डेमोक्रेसीक अवधारणाक संग आगू आबयवाला लेखक-दार्शनिक डॉ. जावेद अब्दुल्ला अपन पुस्तकक किछु अंश पढ़ैत कहलनि जे ब्रांडर मैथ्यूज अपन पुस्तक ‘अमेरिकन कैरेक्टर’ (१९०६) मे ग्रहीय चेतनाक विषयमे कहने छथि “मनुष्य पृथ्वी ग्रहक समाजक ओहने सदस्य अछि, जेहन कि ओ अपन राष्ट्र, प्रान्त, जिला, द्वीप, शहर वा गामक सदस्य अछि।” आगू ओ इतिहासकार युवाल नोआ हरारीक शब्दकेँ उद्धृत करैत कहलनि, “सब किछु एहि बात पर निर्भर करैत अछि जे हम की चुनैत छी,आ हमरा आशा अछि जे हम राष्ट्रवादी प्रतिस्पर्धा नहिं बल्कि वैश्विक एकजुटताकेँ चुनब।” मुख्य वक्ता कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालयक पूर्व कुलपति प्रो देव नारायण झा ‘प्रकृति’ विषय पर विद्वतापूर्ण आख्यान प्रस्तुत कयलनि। ओ कहलनि जे प्रकृति सांख्य, न्याय आदि दर्शनक भिन्न रूपमे सन्दर्भित अछि। हमरा एकर हर रूप केर सुरक्षित करय केर आवश्यकता अछि। महोपनिषद, अध्याय ६, मन्त्र ७१ केँ उद्धृत करैत ओ कहलनि, “अयं निजः परोवेति गणना लघुचेतसाम्। उदारचरितनां तु वसुधैवकुटुम्बकम्। डब्ल्यूआईटी केर पूर्व निदेशक प्रो. एम. नेहाल चार्ल्स डार्विन आ फ्रैंक फैनर केर चर्चा करैत बतौलनि जे आइ हमरा नेचुरल डेमोक्रेसी केर अपनयबाक आवश्यकता किएक बुझाइत अछि। हमरा सभकेँ अपन भीतर एकटा सार्वभौमिक दृष्टि आ नव सम्भावनाक समझ विकसित करबाक आवश्यकता अछि जे दुनियामे जीवनक स्वतन्त्रता आ जीवनमे दुनियाक निर्भरता दुनूकेँ समान महत्व दैत हो।

एमएलएसएम कॉलेजक पूर्व प्राचार्य विद्यानाथ झा कहलनि जे मनुष्यक अनियंत्रित व्यवहारक कारण एकटा सीमा एहनो आबि सकैत अछि जे हमरासभकेँ कहय पड़ि जाय – ‘जहान है तो जान है।’ आइ मानवता कतौह ने कतौह एही सीमाक करीब आबि गेल अछि। भारत-नेपाल कमला मैत्री मंचक संयोजक अजित कुमार मिश्र अधिवेशनक संचालन करैत कहलनि जे पृथ्वी एकमात्र ग्रह अछि जे जीवनक समर्थन करबाक लेल जानल जाइत अछि। हमरा एकरा सुरक्षित करबाक जरूरत अछि। संगहि बाल कल्याण समितिक पूर्व सदस्य इन्दिरा कुमारी धन्यवाद ज्ञापन करैत प्रकृतिक लेल काज करबाक प्रतिबद्धता व्यक्त कयलनि। पृथ्वी ग्रहकेँ संविधानक प्रस्तावनामे शामिल करबाक आ प्रस्तावनामे प्रकृति संरक्षण संकल्पकेँ शामिल करबाक प्रस्ताव पठयबाक प्रस्तावपर यूएनओ, पीएमओ भेजय केर प्रस्ताव पर विचार कयल गेल। विश्व शान्तिक लेल एक मिनटक मौनक सङ्ग दशकीय सत्रक समापन भेल। एहि अवसर पर सकलैन, किबलतैन, प्रकाश बन्धु, अंकित, सुभाष, डॉ. बाबर खान, डॉ. यासिर सज्जाद, रमेश, डॉ. मणिशंकर झा, साजिद अब्दुल्लाह, मोहम्मद तासीम नवाब, आशिष, गौरी बाबू आदि उपस्थित छलाह।

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