बिहारक शिक्षा विभागक अपर मुख्य सचिव केके पाठक एकटा ऐतिहासिक आदेश देलनि अछि। पाठक कहलनि अछि जे बेंच -डेस्क सरकारी स्कूलमे उपलब्ध करायल जाय जतय बच्चा सभक बैसबाक लेल बेंच डेस्क नहिं अछि। पाठकक एहि निर्णयक बाद बिहारक सरकारी स्कूलमे बोरा-चट्टी पर बैसल बच्चाकेँ पढ़ाई-लिखाईक बात अतीतक बात बनि जाएत।
अपन फरमान लेल खबरिमे रहनिहार केके पाठक एकटा ऐतिहासिक आदेश देलनि अछि। एहि निर्णयक बाद बिहारक सरकारी स्कूलमे जमीन पर बोरा-चट्टी पर बैसल बच्चाकेँ शिक्षा अतीतक बात बनि जाएत। बिहारक कतेको स्कूलमे एखनो बच्चासभ कड़ाकाक ठंढामे जमीन पर बैसल पढ़ैत अछि। एहिसँ हुनका बहुत समस्याक सामना करय पड़ैत अछि। केके पाठक सभ जिलाधिकारीकेँ निर्देश देलनि अछि जे ओ ई सुनिश्चित करथि जे निर्धारित अवधिमे सभ स्कूलमे फर्नीचर उपलब्ध करायल जाय।
शिक्षा विभागक अपर मुख्य सचिव केके पाठक कहलनि अछि जे बिहारक सब जिलाक बेंच आ डेस्कक लेल ६८० करोड़ टका देल गेल अछि। एहि राशिक उपयोग डेस्क बेंच किनबाक लेल कयल जेबाक चाही। कड़ाकाक ठंढामे बच्चासभकेँ जमीन पर बैसबाक अनुमति नहिं देल जायत।
केके पाठक जिला मजिस्ट्रेटकेँ निर्देश देलनि अछि जे गुणवत्तापर ध्यान दैत निर्धारित समयसँ पहिने स्कूलमे फर्नीचर उपलब्ध करायल जाय। आदेशमे कहल गेल अछि जे छुट्टीक दिन स्कूलसभमे विशेष अभियान चलायल जाय जाहिसँ जतय आवश्यक हो, फर्नीचरक आपूर्ति सुनिश्चित कयल जा सकय। पाठकक आदेशमे इहो कहल गेल अछि जे बेंच आ डेस्कक गुणवत्ता आ संख्याक जाँच कयल जेबाक चाही।
एकर संगहि बिहारमे जीर्ण-शीर्ण स्थितिमे स्कूलक जीर्णोद्धार वा मरम्मतक निर्देश सेहो देल गेल अछि। संगहि जिला शिक्षा अधिकारीकेँ निर्देश देल गेल अछि जे छुट्टी पर स्कूल परिसर खोलल जाय जाहिसँ नवीकरण, मरम्मत आ फर्नीचरक काज पूरा भऽ सकय।
बिहारक खराब शिक्षा प्रणालीमे सुधार लेल कवायदमे लागल केके पाठक अपन फरमानसँ चर्चामे बनल छथि। केके पाठकक फरमानकेँ भले ही शिक्षक सभ विरोध करैथ होइथ, मुदा बिहारक स्कुलक स्थिति बदलैत नजरि आबि रहल अछि। स्कूलमे बच्चा सभक उपस्थिति बढ़ल अछि, संगहि शिक्षक सभ सेहो समय पर स्कूल पहुंचि रहल छथि आ तय समय तक रुकि रहल छथि।