जनसरोकार

मिथिलामे जल संकट आ पर्यावरणक रक्षाक लेल कमला नदीक ९ टा मृतप्राय सहायक धाराकेँ पुनर्जीवित कयल जाय

दरभंगा समदिया

*

‘मिथिलामे पर्यावरण आ जल प्रबंधन’ विषय पर १५-१६ दिसंबर, २०२३ केँ बेहरा कॉलेजमे दू दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठीक आयोजन भेल छल। गोष्ठीमे २० सँ बेसी विद्वान आ पर्यावरण कार्यकर्ता भाग लेलनि, जिनकर सुझावक दस्तावेजीकरणक लेल अवकाश प्राप्त आईएएस गजानन मिश्रक अध्यक्षतामे एकटा ‘रिपोर्टिंग कमेटी’क गठन कयल गेल, जकर सदस्य विद्या नाथ झा, रणजीव, मोद नाथ मिश्र, इन्दिरा कुमारी, महेन्द्र यादव, नारायण जी चौधरी छथि।

एहि समितिक बैसार काल्हि २८/१२/२०२३ केँ मैथिली साहित्य परिषदक प्रांगणमे प्रो. विद्यानाथ झाक अध्यक्षतामे भेल। समिति अपन रिपोर्टमे जल संसाधन विभाग, कृषि, सड़क आ रेल विभागकेँ निम्नलिखित सुझाव देलक अछि :-

कमला नदीक ९ टा मृतप्राय सहायक धारा (गौसा घाट कमला, बिस्फी कमला, केउटी कमला, रहिका कमला, जीबछ कमला, राजनगर कमला, मधुबनी कमला, पैटघाट कमला, रामपट्टी कमला) केँ इंजीनियरिंग सर्वेक्षण कय सभटा धाराकेँ रि-सेक्सिनिंग कय पुनः ओहि धारा सभकेँ प्राकृतिक रूपमे वापस आनल जाय जाहिसँ पानिकेँ संग्रहित कयल जा सकय आ ठीकसँ प्रवाहित कयल जा सकय।

नेपाल आ भारत (बिहार) मे कमला नदीक सम्पूर्ण संरचनाकेँ समग्रतामे जीवित प्राणीक दर्जा दऽ कऽ एकर सुरक्षा आ संरक्षित कयल जेबाक चाही।नेपालक कमला नदी जलसंग्रहण क्षेत्र आ बिहारमे ओकर सहायक नदी आ उप-धाराक दुनू कातमे व्यापक स्तर पर गाछ झार झंकार रोपि हरित पट्टी करबआवश्यक अछि।

कमला नदीक बेसिनमे रासायनिक उर्वरकक बढ़ैत उपयोगकेँ धीरे-धीरे कम करबाक लेल आ प्राकृतिक खेतीकेँ बढ़ावा देबाक लेल प्रभावी नीति आ कार्यक्रम बनयबाक चाही। प्राकृतिक खेती विधि -: जीवामृत, घनाजिवामृत, मल्चिंग) केर बढ़ावा देबय लेल प्रभावशाली निति आ कार्यक्रम बनाओल जाय।

सड़क आ रेलवेक निर्माणमे पुल आ पुलिया सभक उचित व्यवस्था होयबाक चाही जाहिसँ बरखा आ नदीक पानिक प्रवाहमे बाधा नहि आबि सकय।

सड़क आ रेल मार्ग पर जतय पुल आ पुलिया संकीर्ण अछि, ओकर मरम्मत करबाक चाही। एकर अतिरिक्त रिपोर्टिंग कमेटी द्वारा शान्ति नाला केर पुनर्जीवित करब, तिलकेसर केर नीचा कोसी नदीक प्रवाहकेँ आगा सुधार करब, नदी आ पोखरिमे जहर मिला कए माछ मारय केर प्रचलन केर रोकब आ तटबंध परियोजना केर सोशल आ तकनीकी ऑडिट करय के सुझाव देल गेल अछि।

एकर अतिरिक्त समितिक सदस्य लोकनि स्वामी शिवानन्द सरस्वतीजी, कनखल, हरिद्वारक नेतृत्व आ मार्गदर्शनमे मिथिलामे पर्यावरण आ जल प्रबन्धनक कार्यक्रमकेँ आगू बढ़यबाक निर्णय लेलनि।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *