राजद नेता तेजस्वी यादव प्रधानमंत्री मोदीकेँ एकटा पत्र लिखलनि अछि, जाहिमे ओ आरक्षण, जाति जनगणना, मंडल आयोग आ संविधान पर प्रधानमंत्रीकेँ ज्ञानवर्धन करय केर सलाह देलनि अछि।
बिहारक नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीकेँ एकटा लम्बा पत्र लिखलनि छथि। एहि पत्रमे ओ संविधान आ आरक्षण सहित कतेको मुद्दा उठौलनि अछि। ओ ई पत्र अपन सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट कयलनि अछि, जाहिमे ओ लिखलनि अछि जे अहाँ ‘भैंस’, ‘मंगलसूत्र’सँ ‘मुजरा’ शब्दावली पर आबि गेल छी। आब अहांसँ अपेक्षा नहिं अछि जे अहाँ अपन पदक गरिमाक ध्यान राखब, विमर्श केर ऊंच राखब।
चिट्ठीमे आगू छल “लोकतांत्रिक लड़ाई लड़बाक बदला अहाँ संघर्षरत ३४ वर्षक युवाकेँ जेलमे भेजबाक धमकी दऽ रहल छी। की अहाँ एहन धमकी जारी कए संविधानक उल्लंघन नहिं कए रहल छी ? चुनाव आओत-जायत, मुदा संविधान, देशक सामाजिक संरचना आ ओकर ढ़ाँचा पर आर अधिक हमला नहिं करू। अहां बिहार आबि एतय बहुत झूठ, आधारहीन आ तथ्यहीन बयान देलहुं। आब अहाँसँ उच्च चर्चा होयबाक अपेक्षा नहिं अछि। ओ इहो लिखलनि जे पैघ हृदय वला देशक प्रधानमंत्रीक भाषा की एहन हेबाक चाही, अहाँ स्वयं सोचू । अहाँक चुनावी भाषणक घटैत पैमाना अहाँक राजनीतिक सोचक सच्चा प्रतिबिंब अछि।
राजद नेता पत्रमे इहो लिखलनि जे जखन हम बिहारमे सत्तामे आयल छलहुं तखन सत्तामे अबैत राज्यक खर्चा पर जाति सर्वेक्षण कयलहुँ। “प्रधानमंत्री, हम ओहि सर्वेक्षणक आलोकमे आरक्षणक दायरा बढ़ा कय ७५ प्रतिशत कऽ देलहुं आ अहांसँ बेर-बेर अनुरोध करैत रहलहुँ आ हाथ जोड़ि मांग करैत रही जे एकरा संविधानक नवम अनुसूचीमे शामिल कयल जाय, मुदा प्रधानमंत्री, मूल रूपसँ अहाँ पिछड़ा आ दलित विरोधी मानसिकताक छी। के बिसरि सकैत अछि जे १९९० मे जखन मंडल आयोग लागू भेल छल तखन मंडल आयोगक विरोधमे आडवाणी जीक संग अहाँ आरक्षण विरोधी रथक सारथी छलहुं। बहुजन दलित समुदाय कोना बिसरि जाएत।