महाकुम्भक लेल जल, थल आ नभक भऽ रहल कनेक्टिविटी मजबूत
प्रयागराज
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उत्तर प्रदेश सरकार एहि बेर महाकुम्भक माध्यमसँ दुनिया भरिमे सनातनी वैभवक डंका बजाबय लेल प्रयास तेज कऽ देलक अछि। महाकुम्भ २०२५ केर कुम्भ २०१९ सँ आओर बेसी दिव्य आ भव्य बनेबाक लेल अभिनव प्रयोग कयल जा रहल अछि। एहि बेर देश आ दुनियाक भक्तलोकनिकेँ आकर्षित करबाक लेल पानि, जमीन आ हवाक सङ्ग सम्पर्ककेँ सुदृढ़ करबा पर जोर देल जा रहल अछि।
देशक ३० प्रमुख शहरकेँ हवाई मार्गसँ जोड़बाक तैयारी अछि। ई कनेक्टिविटी दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, बंगाल, ओडिशा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडुक विभिन्न हवाई अड्डासँ होयत। देशभरिसँ लगभग १२०० कुम्भ स्पेशल ट्रेन चलयबाक तैयारी कयल जा रहल अछि। ओना, पूरा महाकुम्भ आ शाही स्नान महोत्सवक दौरान लगभग २,००० ट्रेन चलत। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान, उत्तराखंड, दिल्ली, पंजाब लेल छह हजार बसक सङ्ग टूर कम्पनीक माध्यमसँ नौ हजारसँ बेसी निजी बस आ टैक्सी चलयबाक प्रस्तावकेँ मंजूरी देल गेल अछि।
एकर अतिरिक्त श्रद्धालु जल मार्गसँ सेहो आबि सकैत छथि। एकरा लेल प्रयागराजसँ वाराणसी तक जलमार्गक मरम्मत आ ओहि पर मोटरबोट आ स्टीमर चलाबय केर योजना तैयार कयल जा रहल अछि। आगरासँ झाँसी होइत प्रयागराज धरि यमुनाक लहरिपर मोटर बोट चलयबाक प्रस्ताव सेहो अछि।
महाकुम्भ २०२५ सँ पहिने वाराणसीक लेल प्रस्तावित मिनी क्रूजक संचालन शुरू करबाक तैयारी सेहो शुरू भऽ गेल अछि। एकरा लेल पर्यटन विभाग भारतीय राष्ट्रीय जलमार्ग प्राधिकरणक अधिकारीसभक सङ्ग बातचीत कयलक अछि। गंगामे पर्याप्त पानि सुनिश्चित करबाक लेल नदी चैनेलाइजेशन (तटीकरण) पर १६ करोड़ टाका खर्च कयल जायत। एकर अन्तर्गत गेज बनाओल जायत आ ड्रेजिंगक काज कयल जायत। आईआईटी रुड़की आ एमएनएन आईटीक एकटा टीम अध्ययन कऽ रहल अछि। दिल्ली, राजस्थान आ उत्तराखण्डक नदी चैनलाइजेशन एजेंसीकेँ बजाओल जा रहल अछि। सिंचाई विभागक बाढ़ि खण्डकेँ एहिमे लगाओल गेल अछि। चैनलाइजेशनसँ प्रयागराज आ वाराणसीक बीच मिनी क्रूज चलि सकत।