स्वास्थ्य

आईसीएमआर कोवैक्सिन पर बीएचयू केर अध्ययनकेँ कयलक खारिज, कहलक गलत ढंगसँ कयल गेल ओकर नामक उपयोग

नई दिल्ली
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भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू)क नेतृत्वमे हालक एकटा अध्ययनकेँ खारिज कऽ देलक अछि जाहिमे दावा कयल गेल छल जे कोवैक्सिनसँ स्ट्रोक आ गुइलिन-बैरे सिंड्रोमक दुर्लभ खतरा बढ़ल अछि।

आईसीएमआर न्यूजीलैण्ड स्थित औषधि सुरक्षा पत्रिकाक संपादककेँ पत्र लिखि बीएचयूक लेखकसभ द्वारा हालहिमे प्रकाशित कोवैक्सीन दुष्प्रभाव अध्ययनकेँ वापिस लेबाक लेल लिखने अछि, कियैक तँ शोधपत्रमे “गलत आ भ्रामक रूपसँ” शीर्ष शोध निकायक नाम देल गेल छल।

शीर्ष शोध निकाय पत्रमे लिखलक, “आईसीएमआर एहि अध्ययनसँ जुड़ल नहिं अछि आ शोधक लेल कोनो वित्तीय वा तकनीकी सहायता प्रदान नहि कयलक अछि।”

पत्रमे आगू लिखलक “एकर अतिरिक्त, अहाँ बिना कोनो पूर्व अनुमोदन वा सूचनाक कहलहुँ अछि जे आईसीएमआर शोधक लेल समर्थन देलक अछि, जे अनुचित आ अस्वीकार्य अछि।”

आईसीएमआरक महानिदेशक डॉ. राजीव बहल पत्रमे कहलनि जे शीर्ष शोध निकायकेँ एहि खराब ढंगसँ संचालित अध्ययनसँ नहिं जोड़ल जा सकैत अछि, जकर उद्देश्य कोवैक्सीनक “सुरक्षा विश्लेषण”केँ गलत रूपसँ प्रस्तुत केनाइ छैक।

डॉ. बहल अध्ययनक लेखक आ पत्रिकाक संपादककेँ आईसीएमआरक जानकारी हटा कऽ शुद्धिकरण प्रकाशित करबाक लेल कहलनि अछि।

डॉ. बहल लिखलनि, “हम इहो देखलहुं जे अहां बिना अनुमतिकेँ एहने पिछला कागजातमे आईसीएमआर केर नाम लेलहुं।”

ओ अध्ययनक लेखकसभसँ स्पष्टीकरण सेहो माँगलनि जे “आईसीएमआरकेँ हुनकासभक विरुद्ध कानूनी आ प्रशासनिक कार्रवाई किएक नहिं करबाक चाही”।

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