विष्णुपद पर प्रतिदिन १०,००० सँ बेसी श्रद्धालु पिण्ड दान कऽ रहल छथि।
कुम्भ मेलासँ घुरलाक बाद श्रद्धालु विष्णुपद पर अपन पूर्वजकेँ मोक्ष प्रदान करबा रहल छथि।
फरवरीमे विष्णुपदपर भक्तलोकनिक संख्यामे वृद्धि देखल जा रहल अछि।
बिहारक गयामे विष्णुपदमे साल भरि पिण्ड दानक परम्परा रहैत अछि। एतय रोज पिंड दान होइत अछि। विशेष रूपसँ पितृ पक्षक मासमे देश-विदेशसँ लगभग २० लाख श्रद्धालु अपन पूर्वजक लेल पिण्डदान लेल एतय अबैत छथि। मुदा एखनि कुम्भमे आयल श्रद्धालु प्रयागराजसँ घुरैत काल एहि फरवरीमे अपन पूर्वजक आत्माक शान्तिक लेल पिण्ड दान करबाक लेल प्रतिदिन १०,००० सँ बेसी भक्त गयाक विष्णुपद पहुँचि रहल छथि।
तऽ अधिकांश श्रद्धालु प्रयागराजमे आयोजित कुम्भ मेलासँ घुरैत काल गया आबि अपन पूर्वजकेँ मोक्ष प्रदान करबख रहल छथि।
वर्तमानमे ओडिशा, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, गुजरात आ दक्षिणी जिलासँ श्रद्धालु विष्णु पाद पहुँचि रहल छथि। ई सभ भक्त महाकुम्भ लेल निकलल छलाह आ ओतय स्नान कऽ आ अपन पूर्वजक मोक्षक लेल विभिन्न तीर्थस्थलक भ्रमण करैत गया सेहो पहुँचि रहल छथि। अपन पूर्वजक लेल पिण्डदान कयलाक बाद ई सभ भक्त अपन घर वापस चली जयताह।
जनतब अछि जे पछिला एक माससँ विष्णुपद पर भक्तलोकनिक संख्यामे लगातार वृद्धि भऽ रहल अछि। पिंड दान करबाक लेल प्रतिदिन १०,००० सँ बेसी श्रद्धालु एतय आबि रहल छथि। विष्णुपद क्षेत्रक पुजारी आ ब्राह्मणक अनुसार, फरवरी मासमे भक्तलोकनिक एतेक भीड़ कहियो नहि भेल छल। मुदा, एहि साल प्रयागराजमे आयोजित महाकुम्भक कारण गयामे सेहो पैघ संख्यामे श्रद्धालु देखल जा रहल अछि। महाकुम्भसँ घुरलाक बाद भक्त लोकनि अपन पूर्वजकेँ मोक्ष देबाक लेल गया पहुँचि रहल छथि। एहिमेसँ अधिकांश भक्त पश्चिम बंगाल, ओडिशा, महाराष्ट्र, आ दक्षिणी राज्यसँ आयल छथि। जतय गया आ बोधगयाक कुम्भसँ घुरयवला भक्तलोकनिक संख्या बहुत बेसी अछि, ओहिमेसँ आधासँ बेसी पिण्ड दान कऽ रहल छथि।