बिहारक कम वर्षावला क्षेत्रमे मोटगर अनाजक खेतीकेँ बढ़ावा देल जायत। एकरा लेल गयामे मोटगर अनाजक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित कयल जा रहल अछि। गया जिलाक टनकुप्पा प्रखण्ड क्षेत्रक मायापुर गाममे ५२ एकड़ बीज गुणन प्रक्षेत्रमे १५० करोड़ टाकाक लागतसँ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस केर निर्माण कयल जा रहल अछि। ई संस्थान मोटगर अनाजक फसिलक कटनी, ब्लॉक आ गाम स्तर पर इकाइ स्थापित करबामे सहायता करत। एकर संगहि मोटगर अनाजक खेती लेल राज्यक कोन जिला सही अछि, एकर चयन सेहो कयल जायत। ई मोटगर अनाजक प्रसंस्करण, किसानक प्रशिक्षण, बीज सुधार आ नीक बजारमे सेहो सहयोग करत।
राज्य सरकार मोटगर अनाज विकास कार्यक्रमक लेल तेलंगाना राज्यक अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय फसल हैदराबाद (इक्रीसैट) लेल अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थानक चयन कयलक अछि। ई संस्था कम बरखामे मोटगर अनाज वला जिलाक पहिचान करत। संगहि पूरा जानकारी देल जायत जे कोन जिलामे कोन फसलक खेती होएत। वर्तमानमे एतय केर कृषि विशेषज्ञ ई देखि रहल छथि जे कोन जिलाक माटि कोन फसिलक लेल उपयुक्त अछि। एकर सङ्गहि कम पानि आ सूखाक स्थितिमे सेहो मोटगर अनाजक फसिल आसानीसँ उगायल जा सकैत अछि।
बिहारक किसानकेँ फायदा होएत।
मायापुरमे उत्कृष्टता केन्द्र एखन १२ एकड़मे बाजराक खेती कऽ रहल अछि जाहिमे मुख्य रूपसँ मड़ुआ (रागी), ज्वार, बाजरा, कौनी, रागी, चीना, कुटकी, सावां आ कोदो सम्मिलित अछि। एतय किसानसभकेँ प्रशिक्षित कयल जायत आ कम पानिमे नीक सिंचाई आ पोखरिक मॉडल सेहो बनायल जायत। एहि संबंधमे इक्रीसैट कृषि वैज्ञानिक डॉ. राहुल प्रियदर्शी कहैत छथि जे मोटगर अनाजक उत्कृष्टता केंद्र बनेबाक काज तेज गतिसँ चलि रहल अछि आ एहिसँ बिहारक किसानकेँ बहुत लाभ होयत। विशेष रूपसँ मोटगर अनाजक खेती करयवला किसानसभकेँ एतय सभ तरहक प्रशिक्षण देल जायत। ओ कहलनि जे एतय विभिन्न प्रकारक मोटगर अनाजक खेती कयल जायत आ नीक उपज देबयवला बीयाकेँ बढ़ावा देल जायत आ किसानसभकेँ एकर खेती करबाक लेल प्रोत्साहित कयल जायत। एतय कतेको प्रकारक मोटगर अनाजक खेती कयल जा रहल अछि जाहिसँ किसानसभकेँ बीया आसानी सँ भेटि सकय। एकर अतिरिक्त किसानसभकेँ मशीनीकरण द्वारा खेतीक जानकारी देल जायत जाहिसँ कम समयमे बेसी उत्पादन कोना कयल जाय।