उदित नारायण महाराष्ट्रमे उठल हिन्दी आ मराठी भाषा विवाद पर साधल आ संतुलित बयान देलनि अछि। ओ सब गोटेसँ ‘संस्कृतिक सम्मान’ करबाक अपील कयलनि अछि।
गायक एहि मुद्दा पर गप करैत कहलनि जे महाराष्ट्रमे रहैत स्थानीय भाषा आ संस्कृतिक सम्मान करबाक चाही। ओना ओ कहलनि जे, लोककेँ भारतक दोसर भाषाक सेहो सम्मान करबाक चाही।
उदित कहलनि जे जँ अहां महाराष्ट्रमे रहैत छी तँ मराठी भाषा आओर ओतय केर संस्कृतिक सम्मान करहे पड़त। मुदा संगहि भारतक अन्य भाषाक सेहो सम्मान करबाक चाही।
ओ कहलनि जे, “हम सब महाराष्ट्रमे रहैत छी आ ई हमर कर्मभूमि अछि, ताहि लेल एहि ठामक भाषा विशेष अछि। एकर संग-संग हमर देशक सब भाषा मराठी जकाँ समान सम्मानक हकदार अछि।”
उदितसँ पहिने कंगना रनौत सेहो एहि मामिलामे कहलनि, किछु लोक राजनीतिक लाभ लेल सनसनी पसारबाक प्रयासमे छथि। मराठी आ हिमाचली लोकक तुलना करैत कंगना कहलनि, “महाराष्ट्रक लोक खास कऽ मराठी प्यारा आ सीधा-सादा होइत छथि, ठीक हमर हिमाचली लोक जकाँ। किछु लोक राजनीतिमे अपन छाप छोड़य लेल सनसनीखेजता पसारैत अछि, मुदा हमरा सबकेँ ई नहिं बिसरबाक चाही कि हम सब एक देशक हिस्सा छी।”
ओ आगू बजलीह, “महाराष्ट्र, गुजरात आ दक्षिण भारतसँ लोक हिमाचल अबैत छथि। ओ सब एतेक निर्दोष लोक छथि। हमरा सबकेँ अपन देशक एकताकेँ नहि बिसरबाक चाही।”
बता दी जे महाराष्ट्रमे हिन्दी आ मराठी विवाद दिन प्रतिदिन गरम भऽ रहल अछि। ई विवाद महाराष्ट्र सरकारकेँ स्कूलमे हिंदीक पढ़ाईक संबंधमे आदेश जारी कयलाक बाद शुरू भेल छल। जनतब जे, महाराष्ट्र सरकार एकटा आदेश जारी कयलक जाहिमे हिन्दीक पढ़ाई कक्षा 1 सँ क्लास 5 तक अनिवार्य कयलक, विपक्ष क्रोधित भऽ गेल आ आदेश जारी भेलाक बाद ओकर आलोचना कयलक। एहि बीच राज्य सरकार हिन्दीक संबंधमे जारी सरकारी आदेश वापस लऽ लेलक।