जनसरोकार

मिथिला राज्य निर्माण सहित २१ सूत्रीय मांगक ज्ञापन मधुबनी डीएमकेँ माध्यमसँ मुख्यमंत्रीकेँ : प्रो. शीतलांबर झा

मधुबनी समदिया
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एकटा प्रेस विज्ञप्ति जारी कऽ मैथिल समाज रहिका मधुबनीक महासचिव आ कांग्रेसक पूर्व जिला अध्यक्ष प्रो शीतलाम्बर झा कहलनि अछि जे ओ जिलाधिकारी मधुबनीक माध्यमसँ बिहारक मुख्यमंत्रीकेँ ज्ञापन दैत मिथिलाराजक निर्माण सहित 21 सूत्रीय मांगक दिशामे आवश्यक डेग उठाबय केर आग्रह कयलनि अछि।

प्रो झा अपन स्मारपत्रमे कहलनि अछि जे भारतक सांस्कृतिक इतिहासमे मिथिलाक योगदान बहुत महत्वपूर्ण अछि, समय-समय पर मिथिलाक भौगोलिक विस्तार घटैत रहल अछि आ सत्ताक केंद्र विंदु अलग-अलग कालमे अलग-अलग स्थान पर रहल अछि, मुदा प्राचीन कालसँ मिथिलाक सांस्कृतिक केंद्र मधुबनी रहल अछि। जनतब जे प्राचीन विदेह राजाक राजधानी सेहो एहिठाम रहल अछि, आधुनिक समयमे सुगौनाक ओइनवार आ भौंरक खंडवलाक मिथिलामे एकटा मजबूत राज्य स्थापित भेल अछि, बौद्धिक गतिविधिक दृष्टिसँ दुनू राजवंशक शासनकालकेँ स्वर्ण युग कहल जाइत अछि, मिथिला भूमिकेँ मोक्षदायिनी सेहो कहल गेल अछि, विदेह राजा जनक हर जोतैत काल पृथ्वीसँ जगज्जननी जानकीजीक प्रादुर्भावक गौरवसँ परिचय देलनि अछि, कालान्तरमे कपिल, कणाद, जैमिनी, याज्ञवल्क्य, ज्योतिश्वर, वाचस्पति, उदयन, गङ्गेश, अयाची, शंकर, पक्षधर, मदन, गोकुलनाथ आ लक्ष्मीनाथ गोसाईं सन असंख्य महर्षि आ मनीषी लोकनि अपन ज्ञान आ आध्यात्मिक चिंतन आ अध्यापनसँ सम्पूर्ण मानवताकेँ आलोकित कयने छथि। साहित्यक क्षेत्रमे महाकवि कालिदास शिखर पर प्रतिष्ठित छथि तऽ मैथिली भाषामे आदि कविक रुपमे विद्यापतिक मधुर गीत आ पदावली जग विख्यात अछि। मिथिला लोककला आ चित्रकला, माछ आ माखन लेल सेहो विश्व प्रसिद्ध अछि, देशक स्वतन्त्रता सङ्ग्राममे मिथिला क्षेत्रक योगदान बहुत महत्वपूर्ण रहल अछि, बीसम शताब्दीमे महात्मा गाँधीक नेतृत्वमे लोक अपन प्राणक आहुति देलनि अछि। आजादीक तुरन्त बाद मिथिला केसरी स्वर्गीय बाबू जानकी नंदन सिंह जी मिथिलाराज्यक मांग कयने छलाह, मिथिलाक सभ्यता, संस्कृति, विद्वता समृद्धि रहय केर बावजूद मिथिला क्षेत्र देशक बाकी हिस्सासँ बहुत पाछू अछि, मिथिला क्षेत्रक जनताक लेल बाढ़ि, रौदी, भुखमरी आ पलायन एकर भाग्यमे लिखल अछि। जखनकि मिथिला भू-भागमे कतेको उद्योग छल जे आइ बंद अछि, मातृभाषा मैथिली प्रशासन द्वारा उपेक्षित अछि, रोजगारक घोर अभाव अछि, राष्ट्रीय औसत आयसँ मिथिलावासीक आय बहुत कम अछि, विकास कार्य बहुत कम भऽ रहल अछि, तेँ ब्रिटिश कालमे मधुबनीक तत्कालीन एसडीओ जॉर्ज अब्राहम ग्रियर्सनक मिथिला क्षेत्रक नक्शाक आधार पर मिथिलाराजक मांग बहुत उपयुक्त बुझाइत अछि।

प्रो झा अपन मांग पत्रमे मुख्यमंत्री नीतीश कुमारसँ कहलनि अछि जे मिथिला राजक निर्माण, तत्काल मिथिला विकास बोर्डक गठन करैत सकरी, लोहट, रय्याम चीनी मिल, पंडौलक कपास कारखाना, अशोक पेपर मिल, रामेश्वर जूट मिल सहित मिथिला क्षेत्रक सब बंद उद्योगक स्थापना आ नव उद्योग स्थापित कए भारतक संविधानक तहत अलग बजटक प्रावधान करय। सम्पूर्ण मिथिला क्षेत्रमे राजकाजक भाषा मैथिली घोषित करय, प्राथमिकसँ उच्चतर माध्यमिक धरि शिक्षाक माध्यम मैथिली करय, सम्पूर्ण मिथिलामे मैथिली अनिवार्य विषय रहय, मैथिली शिक्षकक भर्ती आ पोथी प्रकाशित करय, मैथिली भाषाकेँ शास्त्रीय भाषाक दर्जा देबय, बिहारक द्वितीय राजधानी दरभंगा करय, दरभंगामे उच्च न्यायालयक एकटा पीठक स्थापना, मधुबनी जिलामे आईआईटी आ आईआईएम संस्थानक निर्माण, मधुबनी रेलवे स्टेशनक नाम बदलि कालिदास विद्यापति स्टेशन, मधुबनी रेलवे स्टेशनसँ सीतामढ़ी धरि नव रेल लाइनक निर्माण, मधुबनी मुख्यालयमे केन्द्रीय विद्यालयक स्थापना, दरभंगाक आईटी पार्क, मिथिला विश्वविद्यालयकेँ केन्द्रीय विश्वविद्यालयक दर्जा देब, मिथिला गौरव विकास पुरुष स्वर्गीय ललित नारायण मिश्रकेँ भारत रत्न देब, सम्पूर्ण मिथिलामे सड़क आ रेलवेक विस्तार, मिथिलाक सभ मनोरम आ प्रसिद्ध स्थलकेँ पर्यटन स्थलक रूपमे विकास, मिथिला पाण्डुलिपिक संरक्षण आ संवर्धन, सीबीएसई आ केन्द्रीय विद्यालयमे मैथिली भाषाक अध्यापनक मांग करैत ओ मुख्यमंत्रीसँ मिथिलाक सर्वांगीण विकास लेल मिथिला राज्य निर्माणक दिशामे आवश्यक डेग उठाबय केर आग्रह कयलनि अछि।

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