कवि विद्यापतिक बाद मैथिली साहित्यक आकाशमे चन्दा झा सर्वाधिक उज्ज्वल नक्षत्र भेलाह। चन्दा झा रचित मैथिली रामायण मैथिली साहित्यक गौरव थिक। ई गप्प शनिदिन मैथिली साहित्यक शीर्ष पुरूष कवीश्वर चन्दा झाक पुण्यतिथि पर विद्यापति सेवा संस्थान दिसिसँ श्रद्धा सुमन अर्पित करैत महासचिव डा बैद्यनाथ चौधरी बैजू कहलनि। ओ कहलनि जे चन्दा झा मिथिला आ मैथिली साहित्यकेँ अपन उत्तम कृतिसँ संसार भरिमे अमर कऽ देलनि।
मैथिली अकादमीक पूर्व अध्यक्ष पं कमलाकांत झा, चंदा झा कृत मैथिली भाषा रामायण केर महत्ताकेँ उद्घाटित करैत कहलनि जे हुनक पूर्व मिथिलामे कृष्ण काव्य केर धारा विशेष रूपसँ प्रवाहमान छल। चन्दा झा पहिल एहेन कवि भेलाह जे मैथिली भाषा रामायणक माध्यमसँ मिथिला क्षेत्रमे राम काव्य केर धारा प्रवाहित कयलनि। एकर मूल कारण तत्कालीन विशृंखलित समाजकेँ उन्नयन केर बाट पर अग्रसर करबा लेल हुनका कृष्णसँ बेसी राम केर चरित्र प्रेरणास्पद लगलनि।
मणिकांत झा कहलनि जे तुलसी केर क्वचिदन्यतोपि केर विशेषता चंदा झाक रामायणमे सेहो परिलक्षित होइत अछि। ओ मिथिला भाषा रामायण केर रचना लेल वाल्मीकि रामायण, आध्यात्म रामायण, अद्भुत रामायण, प्रसन्न राघवम, हनुमन्नाटक सबहक आधार लेलनि मुदा ओहि कृतिमे अनेक मौलिक उद्भावना सेहो प्रस्तुत कऽ अपन रचनाधर्मिताकेँ उजागर कयलनि। मिथिलाक लोकाचार आ एहिठामक संस्कृति केर चित्रण ओ अहिल्या प्रसंगमे ई नवीनता सहजहिं देखल जा सकैत अछि।
मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा कहलनि जे चंदा झा हिंदी पट्टी केर समस्त भाषाकेँ पहिल बेर अनुवादक महत्तासँ अवगत करोलनि। ई हुनक विशेषता छल। विद्यापति कृत पुरुष परीक्षा केर अनुवाद कऽ ओ एहि क्षेत्रमे अनुवाद परंपराक श्रीगणेश कयलनि। लेखक रमेश कहलनि जे कवीश्वर चन्दा झा संस्कृत, मैथिली आ हिंदी तीनू भाषाक निष्णात पंडित छलाह।
श्रद्धांजलि देनिहारमे प्रो विजयकांत झा, विनोद कुमार झा, प्रो चंद्रशेखर झा बूढ़ाभाई, दुर्गा नन्द झा, आशीष चौधरी, पुरुषोत्तम वत्स, मणिभूषण राजू आदि शामिल छलाह।