श्रद्धांजलि

रतन टाटा कहलनि सभकेँ अंतिम टाटा, तिरंगामे लपेटल पार्थिव शरीरक अंतिम दर्शन लेल उमड़ल भीड़

मुंबई
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दिग्गज उद्योगपति रतन टाटाक पार्थिव शरीर मुंबईक नरीमन प्वाइंटमे एन.सी.पी.ए. लॉनमे लोकक अन्तिम श्रद्धाञ्जलिक लेल उपलब्ध छल। टाटा ट्रस्टक एकटा वक्तव्यक अनुसार, पार्थिव शरीरकेँ बृहस्पतिकेँ साँझ ४ बजे अन्तिम यात्रापर लऽ जायल जायत। नेता आ प्रशासनक लोकसँ लऽ कऽ कतेको नामी हस्ती पार्थिव शरीक दर्शन लेल पहुँचि रहल छलथि।

महाराष्ट्रक उपमुख्यमंत्री अजित पवार, हुनक काका आ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टीक प्रमुख शरद पवार बृहस्पति दिन दक्षिण मुंबईक नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स (एनसीपीए) लॉनमे उद्योगपति रतन टाटाकेँ अन्तिम श्रद्धाञ्जलि देलनि।

एनसीपी-एससीपीक नेता सुप्रिया सुले आ एनसीपीक कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल सेहो रतन टाटाकेँ श्रद्धांजलि देलनि।

भारतीय रिजर्व बैंकक गवर्नर शक्तिकान्त दास बृहस्पतिकेँ मुम्बईमे उद्योगपति रतन टाटाकेँ अन्तिम श्रद्धांजलि देलनि आ हुनका एकटा सच्चा दूरदर्शी आ नैतिक कॉर्पोरेट शासनक चैंपियन बतौलनि। टाटाक उल्लेखनीय विरासत पर विचार करैत दास एहि बातपर जोर देलनि जे आधुनिक भारतक आर्थिक इतिहासमे हुनक उपलब्धिक पर्याप्त वर्णन करबाक लेल एकटा पूर्ण पुस्तकक आवश्यकता होयत।

आरबीआई गवर्नर कहलनि, “रतन टाटाक बारेमे दूटा बात उल्लेखनीय अछि। पहिल, ओ एकटा सच्चा दूरदर्शी छलाह। दोसर, ओ कॉर्पोरेट शासनमे नैतिकतामे दृढ़ विश्वास रखैत छलाह। हमरा लगैत अछि जे जखनि-जखनि आधुनिक भारतक आर्थिक इतिहास लिखल जायत तखनि-तखनि हुनक उपलब्धिक वर्णन करबाक लेल एकटा पूर्ण पुस्तक सेहो पर्याप्त नहिं होयत। भारतक महान सपूत आ एकटा असाधारण व्यक्ति, हुनकर आत्माकेँ शांति भेटय।”

आदित्य बिड़ला समूहक अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला सेहो मुम्बईमे रतन टाटाकेँ अन्तिम श्रद्धांजलि देलनि आ हुनक निधनकेँ “देशक लेल पैघ क्षति” बतौलनि।
ओ कहलनि, “ई देशक लेल बहुत पैघ क्षति अछि – मात्र कॉरपोरेट भारतक लेल नहिं अपितु सम्पूर्ण राष्ट्रक लेल। हुनक काजक प्रभाव अद्वितीय अछि। हुनक काजक समृद्धिक माध्यमसँ हमरा हुनका स्मरण रखबाक चाही। हम कतेको साल पहिले कतेको बेर भेंट कयलौंह – ओ शांत, मितव्ययी छलाह आ हरदम देशक हितक बारेमे सोचैत छलाह।

उद्यमी अनन्या बिड़ला सेहो स्वर्गीय रतन टाटाकेँ श्रद्धांजलि देबयवलीमे शामिल भेलीह आ हुनक विरासतकेँ आगू बढ़यबाक लेल कठिन परिश्रम करबाक आशा व्यक्त कयलनि।
ओ कहलनि, “ओ दूरदर्शी छलाह। ओ एतेक वर्ष धरि कठिन परिश्रम आ अनुशासनक पालन कयलनि। आशा करैत छी जे हम सभ कठिन परिश्रम करब आ हुनक विरासतकेँ आगू बढ़यब।”

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