समारोह

मिथिला स्टूडेंट यूनियनक दू दिनक राष्ट्रीय अधिवेशन संपन्न, अलग मिथिला राज्य निर्माण लेल आंदोलन करत एमएसयू : अविनाश भारद्वाज

सहरसा समदिया
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मिथिला स्टूडेंट यूनियनक दू दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशनक दोसर दिन भारतीय संविधानक तहत अलग मिथिला राज्यक निर्माणक मांग पर चर्चा संग समापन समारोहक समापन नव संकल्पक संग विद्यापति नगरक अभिनव उत्सव सभागारमें भेल। संगठनात्मक चर्चामे राष्ट्रीय स्तरक सभ अधिकारी भाग लेलनि। मंचक संयोजन सुमित माउबहटिया कयने छलाह । धन्यवाद ज्ञापन भगवान राय द्वारा देल गेल।

कौशल क्रांतिकारी, टिंकू मैथिल, रतन मिश्र, विकास कुमारक व्यवस्थामे आयोजित एहि सत्रकेँ संबोधित करैत मिथिलावादी पार्टीक राष्ट्रीय अध्यक्ष अविनाश भारद्वाज कहलनि जे, “भौगोलिक, आर्थिक, ऐतिहासिक आ सांस्कृतिक दृष्टिकोणसँ मिथिला राज्यक सभ योग्यता अछि। ई दुर्भाग्यपूर्ण अछि जे भारतक स्वतंत्रताक समय एकरा राज्यक दर्जा नहिं देल गेल छल। एकर परिणाम ई भेल कि आजादीसँ पहिने आर बादक सालमे एकर.आर्थिक संरचना धीरे-धीरे नष्ट होइत गेल। शोषण आ उपेक्षा एतेक बढ़ि गेल जे सभ उद्योगक अंत भ’ गेल आ एहिसँ जुड़ल खेती-बाड़ी नष्ट भ’ गेल। हर साल बाढ़ि आ अकालक नंगा नाच आ राजनेताक खोखला आश्वासन आ शोषण एहि स्थान केर भाग्य बनि गेल। अतः शोषण आ विकासक आधार पर राज्यक निर्माण भेला पर सेहो मिथिला राज्यक निर्माण सर्वथा आवश्यक आ समीचीन अछि । राज्यक स्थापनाक बादहि एहि क्षेत्रक चौतरफा विकासक बारेमे सोचल जा सकैत अछि। कृषि, उद्योग, पर्यटन, शिक्षा आ संस्कृतिक विकाससँ मात्र एहि क्षेत्रक दुर्दशा आ बेरोजगारी समाप्त भऽ सकैत अछि आ लोकक पलायन बंद भऽ सकैत अछि। भाषा, लिपि, क्षेत्र, जनसंख्या आ ऐतिहासिक पृष्ठभूमिक मानक पूरा कऽ मिथिलाकेँ पूर्ण राज्य बनबाक अधिकार अछि।”

ओ आगू कहलनि, मिथिलामे कोनो सुव्यवस्थित केंद्रीय विश्वविद्यालय वा केंद्रीय अस्पताल नहिं अछि, कोनो बुनियादी ढांचा नहिं अछि, कोनो रोजगार नहिं अछि, कोनो भारी उद्योग नहिं अछि, कोनो खाद्य-डेयरी-मत्स्यपालन आधारित उद्योग वा तकनीकी नहिं अछि। कृषि बंद भऽ रहल अछि, लोक पलायन कऽ रहल अछि, ने कला-संस्कृति-भाषा बढ़ल अछि आ नहिं पर्यटन। जँ महाराष्ट्रमे मराठवाड़ा, विदर्भ आ गोरखालैंड, हैदराबाद, मिजोरम आदि स्थान पर पिछड़ल जिलाक लेल स्वायत्त विकास निकाय बनाओल जा सकैत अछि तखनि मिथिलाकेँ ओकर अधिकार किएक नहिं देल जा रहल अछि ? मिथिलाक लेल अलग विकास बोर्ड एकटा एहन विचार अछि जे हमरा हिसाबे मिथिलाकेँ वर्तमान राजनीतिक-आर्थिक-वास्तविक आ वैश्विक स्थितिक जरूरतमे एकदम फिट बैसैत अछि। हालहिमे राष्ट्रपति हैदराबाद-कर्नाटक केर ६ पिछड़ा जिला लेल विकास बोर्ड केर गठनक मंजूरी देलनि अछि। गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन सेहो एहने काज करैत अछि । महाराष्ट्रमे विदर्भ, मराठवाड़ा आ रेस्ट ऑफ महाराष्ट्र नामक तीन विकास बोर्डक सेहो मंजूरी देल गेल अछि, जे स्वतंत्र रूपसँ वा राज्यक संग समन्वय कय कऽ अपन-अपन क्षेत्रक विकासक जरूरत पूरा करय लेल काज करैत छै ।

मिथिला राज्य पर आयोजित सत्रमे विद्या भूषण राय, गुल्फम रहमणि, सागर नवदिया, अमित ठाकुर, रजनीश प्रियदर्शी, अर्जुन दास, राज पासवान, रमन झा, झमेली राम सहित दर्जनों लोक उपस्थित छलाह।

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