जदयूक राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता राजीव रंजन बुधदिन कहलनि जे जगदीप धनखड़ महामहिम उपराष्ट्रपति छथि। हुनकासँ असहमत हेबाक कोनो सवाले नहि अछि। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जे कहलखिन ओकर व्यापक संदर्भ अछि। ओ कहलनि अछि जे किसानक लेल जे किछु हेबाक चाही से एखन धरि नहि भेल अछि, मुदा हम ई कहय चाहैत छी जे मोदी सरकारक अधीन कृषि क्षेत्रमे विकास दर नीक अछि। एहिसँ पता चलैत अछि जे कृषि उत्पादक उत्पादन, उपभोग आ वितरणक संभावना पहिलुक तुलनामे नीक अछि। किसानक स्थिति पहिनेसँ नीक अछि। बहुत किछु प्राप्त भेल अछि। संगहि बहुत किछु प्राप्त करबाक अछि।
ओतहि जदयू कोटाक मंत्री श्रवण कुमार उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़क बयानकेँ समर्थन कयलथि। ओ कहलनि जे उपराष्ट्रपति केंद्र सरकारकेँ सचेत करबाक लेल काज कऽ रहल छथि जे जे किछु किसानक हितमे अछि। एकर निपटारा हेबाक चाही। उपराष्ट्रपति किछु गलत नहि कहलनि। हम कहय चाहैत छी जे केंद्र सरकारकेँ वादा पूरा करबाक चाही। जँ केंद्र सरकार कहलक अछि जे ई किसानक हितमे अछि तखनि एकरा लागू कयल जेबाक चाही। सरकारकेँ किसान सभ पर ध्यान देबाक चाही। उपराष्ट्रपति जे किछु कहैत छथि से हम सहमत छी।
श्रवण कुमार कहलनि, “हम इ कहय चाहैत छी जे किसानकेँ नुकसान भऽ रहल अछि। प्राकृतिक आपदाक कारण किसान परेशान छथि। ओ कहलनि जे जहिना बिहारक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहारमे किसानक कल्याणक लेल काज कऽ रहल छथि, तहिना केंद्र सरकारकेँ पूरा देशक किसानक लेल काज करबाक चाही। बिहार देशक पहिल राज्य अछि जतय फसल क्षतिपूर्ति योजना लागू कयल जाइत अछि। फसिलक क्षति भेला पर बिहारक किसानक बैंक खातामे सोझे पाइ देल जाइत अछि। डीजल सब्सिडी समय पर देल जाइत अछि। बिहारमे किसानसभकेँ मात्र ५५ पैसा प्रति मिनटक दर पर बिजली देल जाइत अछि। हमर देश एकटा कृषि प्रधान देश अछि। जा धरि किसान समृद्ध आ खुशहाल नहि होयत, देश प्रगति नहि करत।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ किसानक मुद्दा पर केंद्र सरकारक आलोचना कयलनि अछि। सरकारक नीति पर सवाल उठल अछि। मुम्बईमे आयोजित एकटा कार्यक्रममे ओ केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहानसँ पूछलनि जे किसानसभसँ कयल गेल वचन किएक पूरा नहि कयल जा रहल अछि। वास्तवमे देशमे किसान आन्दोलन एक बेर फेर गति पकड़ि रहल अछि। एहेनमे उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ किसानक मुद्दा पर केंद्र सरकारकेँ घेरलनि अछि। उपराष्ट्रपति पुछलखिन, “कृपया हमरा बताउ जे किसानसँ की वादा कयल गेल छल ? वादा किएक पूरा नहि भेल ? पिछला साल विरोध प्रदर्शन भेल छल, एहि साल सेहो विरोध प्रदर्शन भऽ रहल अछि। समयक चक्र घुमि रहल अछि। मुदा हम किछु नहि कऽ रहल छी।”