सर्वोच्च न्यायालय बुधदिन अडानी-हिंडनबर्ग विवादक जाँच लेल एसआईटी या विशेषज्ञसभक एकटा समूहक गठन करबासँ मना कऽ देलक आ कहलक जे मीडिया आ तृतीय पक्षक रिपोर्ट निर्णायक सबूत नहिं अछि। अडानी समूहक अध्यक्ष गौतम अडानी ट्वीट कयलनि “सर्वोच्च न्यायालयक फैसलासँ पता चलैत अछि जे सत्यक विजय भेल अछि। हम हुनकर आभारी छी जे हमरा संग ठाढ़ भेलाह। भारतक विकासक गाथामे हमर विनम्र योगदान जारी रहत।”
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहताक एहि दलील पर संज्ञान लैत जे अडानी समूहक कंपनीक खिलाफ आरोपसँ संबंधित २४ मे सँ २२ जांच केर पहिलेहें अंतिम रूप देल जा चुकल अछि, पीठ जाहिमे न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला आ न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा सेहो शामिल छलथि, बाजार नियामकसँ लंबित जांच तीन महीनाक भीतर पुरा करय लेल कहलनि।
शीर्ष अदालत कहलक जे संगठित अपराध आ भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग परियोजना (ओसीसीआरपी) आ हिंडनबर्ग रिसर्च सन तृतीय पक्षक संगठन द्वारा तैयार कयल गेल रिपोर्टकेँ “निर्णायक साक्ष्य” नहि मानल जा सकैत अछि।
एहिमे कहल गेल “न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समितिक सदस्यक विरुद्ध हितक टकरावक आरोप निराधार अछि आ एकरा खारिज कयल जाइत अछि।”
सर्वोच्च न्यायालय केन्द्र सरकारसँ कहलक जे ओ सर्वोच्च न्यायालयक पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए.एम. सप्रेक नेतृत्ववला विशेषज्ञ पैनल द्वारा देल गेल सुझावपर रचनात्मक रूपसँ विचार करय।
एहिमे कहल गेल अछि जे भारत सरकार आ सेबी निवेशकसभक सुरक्षाक लेल प्रतिभूति बाजारक व्यवस्थित कामकाज सुनिश्चित करबाक लेल आ नियामक ढाँचाकेँ मजबूत करबाक लेल आवश्यक कार्रवाई करत।”
शीर्ष अदालत सेबी आ केंद्र सरकारक अन्य जांच एजेंसीसभसँ कहलक जे ओ शाॅर्ट सेलिंग आरोपक जाँच करथि जाहिसँ निवेशकसभक मूल्यक हानि भेल अछि।