सुप्रीम कोर्ट शुक्रकेँ छह पाकिस्तानी नागरिककेँ वापस पठेबा पर रोक लगा देलक। याचिकाकर्ताक दावा अछि जे ओ भारतीय छथि। हुनका पास भारतीय नागरिकता प्रमाणित करय बला कतेको दस्तावेज मौजूद अछि, जाहिमे भारतीय पासपोर्ट, आधार कार्ड शामिल अछि।
याचिकाकर्ताक वकील नंदकिशोर एहि प्रकरणक बारेमे जानकारी दैत कहैत छथि जे ई बहुत हैरान करय बला बात अछि। एक व्यक्ति मूल रूपसँ हिंदुस्तानी अछि, ओकरा पास स्वयं केर हिंदुस्तानी साबित करय बला अनगिनत दस्तावेज अछि। एकर बावजूद, ओकरा पाकिस्तान जाए लेल कहल गेल। नोटिस भेजल गेल।
याचिकाकर्ता अपन वकीलक माध्यमसँ कहलनि कि हमरा परिवारमे कुल छह सदस्य अछि। ओहिमे सँ दू बेटा बेंगलुरुमे काज करैत अछि। एकर अलावे, परिवारमे माता, पिता, भाई आ बहिन छथि। याचिकाकर्ता कहलनि कि जखनि हमरा पाकिस्तान जाय लेल नोटिस आएल, तँ हम हतप्रभ भ’ गेलहुँ। एहिसँ बेसी, हमरा गाड़ीमे बैसा अटारी बॉर्डर तक लऽ जायल गेल आ कहल गेल कि हम देश छोड़ि दी, जखनि कि हम हिन्दुस्तानी छी।
वकील आ याचिकाकर्ताक दलील सब सुनला बाद सुप्रीम कोर्टक जस्टिस सूर्यकांतक अगुवाईमे पैनल सरकारी अधिकारी सबकेँ भारतीय नागरिकताक वैधताक बारेमे दस्तावेजक जाँच करबाक निर्देश देलनि। कोर्ट कहलक कि जाधरि सरकारी अधिकारी उचित निर्णय नहि करथि ता धरि परिवारक खिलाफ कोनो दंडात्मक कार्यवाही नहि कएल जाएत।
जनतब जे 22 अप्रैलकेँ जम्मू-कश्मीरक पहलगाममे भेल आतंकी हमलाक बाद केंद्र सरकार पाकिस्तानक खिलाफ कतेको पैघ कदम उठेलक। एहिमे सिंधु जल समझौताकेँ निलंबित करब, पाकिस्तानी नागरिक सबकेँ देश छोड़बाक आदेश देब आ राजनयिक संबंधमे कटौती करब शामिल अछि।