संपादकीय

राहुल गाँधीक राह

धर्मेन्द्र कुमार झा (प्रबंध संपादक)
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राजनीतिमे आब विचार आ नीति सनक शब्द, अर्थहीन भेल जा रहल अछि। भारतीय राजनीतिमे पहिने, विरोधी पक्षक नेताक संग सेहो, सामंजस्य बनल रहैत छलैक, अनेको एहेन उदहारण मौजूद अछि जतय, जनहित वा राष्ट्रहित लेल राजनेता, अप्पन – अप्पन दलीय विचारधाराके कतिया क’ एकजुट भेलाह। देशक प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी, अटल बिहारी बाजपेयी, चंद्रशेखर, नरसिम्हा राव, पूर्व विदेशमंत्री सुषमा स्वराज, आओर अनेको एहेन राजनेता भेलाह जे, समय – समय पर अप्पन निर्णय आ व्यवहारसँ एहि विषयके परिभाषित कएने छथि। एखन त’ प्रतिद्वन्दीके शत्रु समान बुझल जाइत छैक, मुदा पूर्वमे त’ चुनावमे सेहो, अप्पन प्रतिद्वंदी लेल मतदानक आव्हान कएल गेल अछि। ओना एकटा परंपरा त’ एहनो छलैक कि, चुनावमे कोनो दलक पैघ नेताक समक्ष या त’ प्रत्याशी देले नहि जाइत छलैक आ जौं, प्रत्याशी उतारब आवश्यक होइत छलैक त’ मजबूत प्रत्याशी नहि देल जाइत छलैक। मुदा आब राजनीति आ चुनावक स्वरुप बदैल गेल अछि, आब विरोधी पक्षक नेताक संग हर तरहेँ शत्रुता निमाहल जाइत अछि। राजनेताक वक्तव्यमे आब कोनो तरहक अपनापन नहि सुनल जाइत अछि, राजनीतिक बयानबाजीक स्तर दिनोदिन खसिते जा रहल अछि। विगत दस वर्षमे, अर्थात मोदी युगमे, देशमे जे राजनीतिक उठापटक भेल ओ आई धरि कहियो नहि देखल गेल छल। चुनाव कोना लड़ल जाइत छैक आ कोना जीतल जाइत छैक, एकर तमाम सूत्र, पुनः परिभाषित कएल गेल अछि। ओना त’ राजनीतिमे, रणनीति पहिनहुँ महत्वपूर्ण छल, मुदा आब योजना, रणनीतिके संग – संग, षड्यंत्र सेहो प्रभावकारी अस्त्र सिद्ध भ’ रहल अछि। प्रचार – प्रसार आ जन संपर्क, आन दल लेल भले चुनावी विषय होय, मुदा भाजपा नेता आ कार्यकर्त्ता लेल, ई दैनिक प्रक्रिया अछि। किएक त’ भाजपा सदिखन चुनावी मोड पर रहैत अछि। आ मानल जाइत अछि कि, आक्रामक राजनीति, भाजपाक प्रमुख अस्त्र छैक। भाजपाक रणनीतिकार, कोनो चुनावके छोट आ पैघके दृष्टिए नहि देखैत छथि, भाजपा लेल हर चुनाव महत्वपूर्ण रहैत छैक, चाहे ओ पंचायत चुनाव हो वा लोकसभा चुनाव। भाजपा अप्पन हर चुनाव मजबुतीक संग लड़ैत अछि आ आगुक रणनीति पर कार्य करैत अछि। एहि रणनीतिके अंतर्गत विरोधी दलक प्रमुख नेताकेँ, हुनकहि गढ़मे घेरबाक परंपरा सेहो शुरू भेल। भाजपा, हर चुनाव जीतबाक लेल लड़ैत अछि, भरिसक तैं विपक्षी प्रत्याशी कतबो पैघ वा प्रसिद्ध रहथि, भाजपा अप्पन सर्वश्रेष्ठ प्रत्याशी उतारैत अछि। एहि रणनीतिके अंतर्गत भाजपा द्वारा, कांग्रेस नेता राहुल गाँधी, सोनिया गाँधी, अखिलेश यादव सनक नेता सेहो नहि बख्सल गेलाह। आ भाजपाक ई रणनीति प्रभावकारी सेहो सिद्ध भ’ रहल अछि, किएक त’ राहुल गाँधी अप्पन पारंपरिक सीट अमेठीसँ चुनाव हारि चुकल छथि। 2014 के लोकसभा चुनावमे, राहुल गांधीक समक्ष स्मृति ईरानी, भाजपाक प्रत्याशी छलीह, ओहि चुनावमे राहुल गाँधी विजयी भेलाह मुदा, स्मृति ईरानी प्रयास करैत रहलीह आ 2019 के लोकसभा चुनावमे चुनाव परिणाम विपरीत भेल। अमेठी सीटसँ स्मृति ईरानी विजयी भेलीह आ कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ओहि चुनावमे पराजित भेलाह। अमेठी सीटक चुनाव परिणाम भले अप्रत्याशित छल, मुदा कांग्रेस पार्टी आ स्वयं राहुल गाँधी, चुनाव परिणामके प्रति आश्वस्त नहि छलाह, भरिसक तैं, राहुल गाँधी केरलके वायनाड सीटसँ सेहो नामांकन कएने छलाह। राहुल गाँधी अमेठी सीटसँ त’ चुनाव हारि गेलाह मुदा वायनाड सीट पर हुनका भारी जीत प्राप्त भेलनि। भाजपाक इएह रणनीति, उत्तरप्रदेशक आजमगढ़मे सेहो कारगर सिद्ध भेल, 2019 के लोकसभा चुनावमे सपा प्रमुख अखिलेश यादवक समक्ष भाजपा, भोजपुरी सिनेमाक सुपरस्टार दिनेशलाल यादव निरहुआके उतारलक, ओहि चुनावमे निरहुआ हारि गेलाह आ अखिलेश यादव विजयी भेल छलाह, मुदा अखिलेश यादव द्वारा सीट छोड़लाक उपरांत भेल उपचुनावमे, पुनः निरहुआ, भाजपा प्रत्याशीक रूपमे चुनावी मैदानमे छलाह। उपचुनावमे निरहुआ विजयी भेलाह आ एहि बेरक चुनावमे सेहो भाजपा, निरहुआ पर दांव लगौलक अछि। कांग्रेस नेता सोनिया गाँधी एहि बेर राज्यसभामे छथि, त’ भाजपाक नजैर आब रायबरेली सीट पर सेहो छैक। एमहर कांग्रेस पार्टी द्वारा रायबरेली आ अमेठी सीटके ल’ क’ कोनो प्रत्याशीक घोषणा नहि कएल गेल अछि। मानल जा रहल अछि कि, गाँधी परिवारक एहि पुश्तैनी सीट पर, मात्र गाँधी परिवारक सदस्य चुनाव लड़त। एखन धरि कोनो नामक घोषणा नहि कएल गेल छैक, मुदा कहल जा रहल कि, रायबरेलीसँ प्रियंका गाँधी आ अमेठीसँ पुनः राहुल गाँधी अप्पन दावेदारी प्रस्तुत करताह। भरिसक तैं, भाजपा सेहो एखन धरि रायबरेली सीट पर प्रत्याशीक नाम फाइनल नहि कएलक अछि। मानल जा रहल अछि कि, कांग्रेसक घोषणाके बादहि भाजपा सेहो अप्पन प्रत्याशीक नामक घोषणा करत। लोकसभा चुनाव 2024 के पहिल चरणक मतदान संपन्न भ’ गेल अछि, पहिल चरणमे 21 राज्य आ केंद्रशासित प्रदेशक 102 लोकसभा क्षेत्रमे मतदान भेल। आब दोसर चरणक मतदान 26 अप्रिलके होयत, जाहिमे 13 राज्यक 89 लोकसभा क्षेत्रमे मतदान होयत, जाहिमे केरलक वायनाड सीट सेहो शामिल अछि। 2019 में भेल लोकसभा चुनावमे कांग्रेस नेता राहुल गाँधी भारी मतसँ विजयी भेल छलाह मुदा एहि बेर हुनकर मार्ग कठिन कहल जा रहल अछि। भाजपा सेहो एहि बेर वायनाड सीटके ल’ क’ गंभीर अछि, त’ मानल जा रहल अछि कि, वायनाड सीट पर चुनावी मुकाबला, त्रिकोणीय होयत। भाजपा कोनो तरहक जोखिम उठएबाक पक्षमें नहि अछि, तैं अमेठीसँ सांसद आ केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, भाजपा प्रत्याशीक चुनाव प्रचार लेल, वायनाड धरि पहुँचल छलीह। राहुल गांधीकेँ वायनाडमे बझा रखबाक भाजपाक रणनीति, सफल होइत प्रतीत भ’ रहल अछि। जानकारक मानी त’ कांग्रेस पार्टी आ स्वयं राहुल गाँधी वायनाडक चुनौतीसँ अवगत छथि, भरिसक तैं ओहि ठामक मतदानके उपरांत अमेठीसँ राहुल गांधीक नामक घोषणा कएल जा सकैत अछि। किछु राजनीतिक विश्लेषकक मानी त’ राहुल गाँधी, व्यर्थमे वायनाडसँ लड़ि रहल छथि, वायनाडसँ निक स्थिति त’ अमेठीक अछि। जौं ढंगसँ प्रयास करितथि त’ अमेठीक पारंपरिक सीट पुनः प्राप्त कएल जा सकैत छल। एखन धरिक राजनीतिक बयानबाजी पर जौं गौर करी त’ साफ़ होइत अछि कि, भाजपा द्वारा राहुल गांधीक अमेठीसँ वायनाड धरिक यात्राके लेल हुनका, भगोड़ा सिद्ध करबाक प्रयास कएल जा रहल अछि। प्रधानमंत्री मोदी सेहो अप्पन वक्तव्यमे कहलनि कि, राहुल गाँधी अमेठीसँ भागि क’ वायनाड पहुँचलाह आब वायनाडसँ सेहो पड़ा जेताह। कहबाक तात्पर्य ई जे, स्वयं पीएम मोदी सेहो बुझैत छथि कि, वायनाडमें मतदानक प्रतीक्षा कएल जा रहल अछि, जौं सर्वे रिपोर्ट अनुकूल नहि रहल त’ राहुल गाँधी पुनः अमेठीसँ अप्पन दावेदारी प्रस्तुत करताह। मतलब, भाजपा द्वारा एहि तरहक बयान जारी करैत, आगुक लेल विकल्प राखल जा रहल अछि। आ, ई एकटा ठोस रणनीतिके अंतर्गत कएल जा रहल अछि, आब जौं राहुल गाँधी अमेठीसँ चुनाव नहि लड़ैत छथि त’ अमेठीमे राहुल गाँधीकेँ रणछोड़ सिद्ध करबाक प्रयास कएल जाएत। आ, जौं राहुल गाँधी अमेठीसँ नामांकन करैत छथि त’ हुनका उपर वायनाडक जनताक संग छल करबाक आरोप लगाओल जाएत। कहबाक तात्पर्य ई, जे लोकसभा चुनाव 2024, कांग्रेस नेता राहुल गाँधी लेल एकटा कठिन परीक्षा सिद्ध होबय जा रहल अछि, आ एहि लेल भाजपा द्वारा तमाम तरहक इंतजाम कएल जा चुकल अछि। तमाम घटनाक्रमके देखैत, सोझ भाषामे जौं कहल जाए त’ भाजपा नेता द्वारा देल जा रहल वक्तव्य, निश्चित रूपसँ वायनाड आ अमेठीक जनताकेँ भ्रमित करबाक प्रयास अछि। ओना त’ एहि चुनावमे भाजपा 400 पारक लक्ष्य निर्धारित कएने अछि आ एहि लेल दक्षिणक राज्य लेल विशेष रणनीति बनाओल गेल अछि। राजनीतिक जानकारक मानी त’ तमिलनाडु आ केरलमे भाजपा, किछु सीट अवश्य प्राप्त क’ सकैत अछि। एहि रणनीतिके अंतर्गत, अमेठीक संग – संग आब भाजपा, वायनाडमे सेहो राहुल गांधीकेँ घेरबाक प्रयास क’ रहल अछि । वायनाडमे, सेहो, राहुल गांधीक राह ओतेक आसान नहि छैन्ह, किएक त’ 2019 सँ एखुनका स्थितिमे पैघ अंतर छैक। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधीक बयान पर गौर करी त’ वस्तुस्थितिक अनुमान सहजहि लगाओल जा सकैत अछि। किएक त’ किछुए दिन पूर्व प्रियंका अप्पन वक्तव्यमे कहलनि कि, केरलक मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन “समझौता”क’ लेने छथि, किएक त’ ओ, मात्र सभसँ पुरान पार्टी आ राहुल गांधी पर “हमला”करैत छथि, मुदा भाजपा पर नहि। प्रियंका अप्पन बयानमे आगू कहलनि कि, विजयनक नाम ‘लाइफ मिशन’ आओर राजनयिक बैगके माध्यमसँ सोनाक तस्करी सहित अनेको घोटालामे आयल अछि, मुदा भाजपाक नेतृत्ववला केंद्र सरकार, विजयनके विरुद्ध नहि त’ कोनो मामिला उठौलक अछि, आ नहिए छापेमारी वा कोनो प्रकारक कार्रवाई कएलक अछि। प्रियंका गांधीक अनुसार, विजयन आ भाजपाक मध्य गुप्त समझौता पहिनहि भ’ चुकल अछि, आ तैं हर नेताक निशाना पर मात्र राहुल छथि। इंडिया गठबंधनमे रहितो, कांग्रेस पार्टी आ सीपीआई (एम) केरलमे एक दोसरक विरुद्ध चुनाव लड़ि रहल अछि, तैं कांग्रेस पार्टी द्वारा विजयन सरकार पर आ सीपीआई द्वारा कांग्रेस पर आरोप – प्रत्यारोप शुरू अछि। हालक घटनाक्रमसँ ज्ञात होइत अछि कि, वायनाडमे त्रिकोणीय मुकाबला अछि, जतय राहुल गांधीकेँ कठिन प्रतिस्पर्धाक सामना करए पड़ि रहल छैन्ह, विशेष रूपसँ सीपीआई केर प्रत्याशी एनी राजा सँ। एहि बेरक चुनावमे अप्पन स्थिति मजबूत करबाक लेल, भाजपा सेहो अप्पन केरल प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रनकेँ वायनाडसँ प्रत्याशीक रूपमे नामित कएने अछि। केरल, कांग्रेसक गढ़ रहल अछि, प्रदेशसँ, लोकसभामे 20 सांसद सेहो गेल छथि। 2019 के चुनावमे, राहुल गांधी वायनाडमे 64.94% वोट शेयर प्राप्त कएने छलाह आ पैघ अंतरसँ जीतल छलाह। आब केरल, 26 अप्रिलके होबयवला दोसर चरणक मतदान लेल तैयार अछि, एहि बीच केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के संग कथित संबंधक आरोप लगाओल गेल अछि जे, विवादक कारण सिद्ध भ’ रहल अछि। ईरानी द्वारा कहल गेल कि, राहुल गाँधी केरलके वायनाडमे अप्पन लोकसभा चुनाव अभियानके दौरान, पीएफआईसँ समर्थन मंगने छलाह। ओना त’ वायनाड, कांग्रेस नेता राहुल गांधीके लेल एकटा सुरक्षित अछि, आ इएह एकटा प्रमुख कारण अछि जे राहुल अपना लेल वायनाडक चयन कएलनि। मुदा एहि चुनावमे, इंडिया गठबंधनमे शामिल सीपीआई, राहुल गांधीक विरुद्ध एकटा मजबूत प्रत्याशी उतारि, राहुलक मार्ग कठिन बनएबाक प्रयास कएलक अछि। एमहर भाजपा सेहो, वायनाडके लेल एकटा दमदार प्रत्याशी उतारने अछि। कहैत चली कि, सीपीआई महासचिव, डी राजाक पत्नी एनी राजा, वायनाडसँ प्रत्याशी छथि। ओ, सीपीआई केर राष्ट्रीय कार्यकारी समितिक सदस्य सेहो छथि, त’ भाजपाक प्रत्याशी प्रदेश अध्यक्ष, के सुरेंद्रन छथि। मतलब साफ़ अछि कि, कोनो दल ओहिना नहि उतरल अछि, हर दल, एहि सीटके प्रति गंभीर अछि आ विजय प्राप्त करबाक लेल तैयार अछि। तैं, वायनाडमे राहुल गांधीक मार्ग आसान नहि कहल जा रहल अछि आ मजबूत प्रत्याशीक संग – संग, सीपीआई द्वारा अनेको मोर्चा पर राहुल गांधीकेँ घेरबाक प्रयास सेहो कएल जा रहल अछि। स्वयं मुख्यमंत्री विजयनक लगातार वायनाडक दौरा आ कांग्रेस पार्टी संगहि राहुल गाँधी पर बयानबाजीसँ लागि रहल अछि कि, पार्टी वायनाड सीट पर कोनो तरहक खतरा मोल लेबाक स्थितिमे नहि अछि। सीपीआई द्वारा जखनहि, एनी राजा सनक वरिष्ठ नेताके वायनाडसँ प्रत्याशी बनाओल गेल, लगभग तखनहिसँ राजनीतिक जगतमे “वायनाड सीट” चर्चाक केन्द्रमे आबि गेल। मानल जाइत अछि कि, मुसलमान मतदाताक समर्थनके बिना, वायनाड जीतब असंभव अछि, आ केरलक सीएम विजयन, ई भलीभांति बुझैत छथि। तैं, सीएम विजयन, सीएएके विरुद्ध किछु बेसिए बयान जारी करैत देखल जाइत छथि। केरलक वामपंथी सरकार त’ सीएए कानूनके चुनौती देबाक लेल सर्वोच्च न्यायालय धरि पहुँचल अछि। विजयन, मुस्लिम मतदातामें अप्पन पकड़ मजबूत करबाक उद्देश्यसँ 2019 के सीएए विरोध प्रदर्शनके संबंधमे दर्ज तमाम मामिला वापस लेबाक निर्णय सेहो कएलनि अछि। मतलब साफ अछि कि, सीएए के चुनावी मुद्दा बना सीपीआई अप्पन स्थिति मजबूत करबाक प्रयासमे अछि। विजयन बुझैत छथि कि, सीएएके विरोधक प्रभाव निश्चित रूपसँ कांग्रेस पर पड़त, नहि कि भाजपा पर, आ इएह कारण अछि कि, ई विषय कांग्रेस पार्टी लेल ग’रक घेघ बनल अछि। किएक त’ एखन धरि केरलमे वामपंथीक मध्य, हिंदू पार्टीक तमगा, कांग्रेसक नाम रहलैक, आब कांग्रेसके भय छैक कि, प्रदेशमे ओकर हिंदू वोट बैंकमे सेंधमारी संभव अछि। कांग्रेसके इहो भय छैक कि, सीपीआईके भांति सीएएके विरुद्ध मजबूत स्थिति नहि रखलाक चलते, मुस्लिम मतदाताक झुकाव सीपीआई (एम) के तरफ भ’ जाएत। केरलक वामपंथी सरकार द्वारा कांग्रेस आ राहुल गाँधी पर संसदमे नागरिकता संशोधन विधेयक पर अप्पन बात नहि रखबाक आरोप लगाओल जा रहल अछि। विजयन, सीएएके ल’ क’ कांग्रेस पर आक्रामक छथि, ओ कहैत छथि कि, विधेयकके संसदक मंजूरी भेटलाक उपरांत केरल विधानसभा, सीएए विरोधी प्रस्ताव पारित कएलक मुदा कांग्रेस, मध्य प्रदेश आ राजस्थान सनक राज्य पर शासन करैत, एहेन नहि कएलक। जाधरि केरलमे, भाजपा मजबूत नहि छल त’ अधिकांश हिंदू मत, कांग्रेस पार्टीक पक्षमे जाइत रहलैक, मुदा आब भाजपा सेहो केरलमें अप्पन मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहल अछि त’ हिंदू वर्गक मतदाता लग विकल्प मौजूद छैक, आ इएह एकटा पैघ संकट राहुलक मार्गक रोड़ा सिद्ध भ’ रहल अछि। आब कांग्रेस [पार्टी लेल एहि बेर “दूध माँछ दुनू बांतर” सिद्ध भ’ रहल अछि, किएक त’ वाम दल द्वारा कांग्रेस के मुस्लिम विरोधी सिद्ध करबाक प्रयास कएल जा रहल अछि, आ भाजपा द्वारा हिंदू विरोधी। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के सुरेंद्रन, केरलमे कएक बेर चुनाव लड़ि चुकल छथि, पछिला विधानसभा चुनावमे त’ ओ मात्र किछु वोटसँ हारल छलाह। आब जौं एहि बेर, मुस्लिम मतदाता सीपीआईके पक्षमे मतदान करैत अछि त’ निश्चित रूपसँ राहुल गाँधी लेल वायनाड जीतब मुश्किल भ’ सकैत अछि। वायना़डमे हिंदू आ मुस्लिम दुनू समुदाय लगभग 40 सँ 45 प्रतिशत अछि, इंडिया स्टेट इलेक्शनक आंकड़ाके मुताबिक वायनाड लोकसभा सीट पर 40 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता अछि। तहिना एहि सीट पर 40 प्रतिशत हिंदू मतदाता सेहो अछि, बाँचल 20 प्रतिशत मतदाता ईसाई समुदायसँ अछि। एहि सीट पर एससी आ एसटी मतदाताक संख्या क्रमश: 7 प्रतिशत आ 9.3 प्रतिशत अछि। एनी राजा ईसाई छथि, एहि स्थितिमे जौं सीपीआई मुस्लिम वर्गकेँ संग अनबामे सफल होइत अछि त’ राहुल गांधी लेल मुसीबत भ’ सकैत अछि, किएक त’ ईसाई आ मुस्लिम मत मिला क’ 60 सँ 65 प्रतिशत धरि भ’ जाइत अछि। देशक राजनीतिमें जे उठापटक शुरू अछि, ओहि सभसँ केरल सेहो अछूत नहि रहल, राहुल गांधीक संसदीय क्षेत्र वायनाडमे सेहो कांग्रेसके एकटा पैघ झटका लगिए गेलैक। वायनाडमे कांग्रेस जिला समितिक महासचिव, कांग्रेस पार्टी छोड़ि, भाजपामें शामिल भ’ गेलाह। रविदिन, भाजपामे शामिल भेलाक उपरांत पी एम सुधाकरन, भाजपा आ पीएम मोदीक प्रशंसा करैत, केरल भाजपा प्रमुखक विजयके प्रति आश्वस्त देखल गेलाह। उपरोक्त तमाम तथ्य पर गंभीरतासँ जौं गौर कएल जाए त’ ई तय अछि कि, वायनाडक स्थिति के देखैत, कांग्रेस पार्टी अमेठी सीटसँ राहुल गांधीकेँ उतारबाक प्रयास अवश्य करत।

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