मैथिली साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समिति मधुबनीक तत्वावधानमे ‘मिथिला क्षेत्रमे प्राथमिक शिक्षाक माध्यम बनय मैथिली’ बिषयपर संगोष्ठीक आयोजन आइ स्थानीय प्राथमिक शिक्षक संघ भवनमे कयल गेल। संगोष्ठीक अध्यक्षता समितिक अध्यक्ष चण्डेश्वर खाँ कयलनि।
संगोष्ठीक बिषय प्रवेश करवैत बरिष्ठ साहित्यकार प्रीतम निषाद कहलनि जे 1919 मे कलकत्ता विश्वविद्यालयमे मैथिलीक पढौनी आरंभ भेल पछाति ‘1939 सँ पटना विश्वविद्यालयमे मैथिली पढ़ाओल जा रहल अछि। बिहार झारखंड और नेपाल देशक अनेक विश्वविद्यालय केर पाठ्यक्रममे मैथिलीकें फराक बिषयक रूपमे शामिल कयल गेल अछि। बिहार बोर्डक वर्ग 9,10,11,12 मे मैथिली पढ़ाओल जा रहल अछि। बिहार सरकारकें प्राथमिक पाठशालामे तुरन्त मैथिलीकें लागू करबाक चाही।एहिसँ मिथिला क्षेत्रमे प्राथमिक शिक्षाक गुणवत्तामे क्रान्तिकारी सुधार होयत।
संगैष्ठीकें सम्बोधित करैत बरिष्ठ साहित्यकार दिलीप कुमार झा कहलनि जे जँ प्राथमिक पाठशालामे मैथिली पढ़ौनीक व्यवस्था नहि कयल गेल मैथिली भाषा लिखित रूपमे समाप्त भ’ जायत। भारत सरकारक नव शिक्षा नीति-2020 मे स्पष्ट रूपसँ कहल गेल अछि जे प्राथमिक शिक्षाक माध्यम अनिवार्य रूपसँ मातृभाषामे देल जयबाक चाही। शिक्षा समवर्ती सूचीमे अछि मिथिला क्षेत्रक अधीन केन्द्र सरकार ओ बिहार सरकार अपना अधीन विद्यालय सभमे मैथिली भाषाक पढ़ाइ आरंभ करबाबय।
संगोष्ठीकें सम्बोधित करैत समितिक सचिव आशीष कुमार मिश्र कहलनि जे समिति अपन स्थापना कालहिसँ प्राथमिक शिक्षा मैथिली माध्यमसँ होए ताहि लेल अनवरत प्रयास कऽ रहल अछि। संगोष्ठीकें सम्बोधित करैत मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश दैनिक समाचार पत्रक संपादक अजयनाथ झा शास्त्री कहलनि जे आब समय आबि गेल अछि शीघ्रसँ शीघ्र मिथिला क्षेत्रमे मैथिली माध्यमसँ पढ़ाइ आरंभ कयल जाय।
संगोष्ठीमे उदय जायसवाल, प्रीतम कुमार निषाद, अजयनाथ झा शास्त्री, शीतलाम्बर झा, अजित आजाद, ज्योतिरमण झा बाबा, प्रेमनाथ ठाकुर, कान्तिधारी सिंह विधुकर, कमलेश प्रेमेन्द्र, रेवतीरमण झा, मालती मिश्र, सीमा झा, शक्ति ठाकुर, राजेश मिश्रा, पं.प्रजापति ठाकुर, सोनू कुमार झा, सुनील कुमार मिश्र, डा.रवीन्द्र झा, गणेश लाल दास, राजू मंडल सहित अनेकों मैथिली अभियानी आ साहित्यकार अपन विचार रखलनि।
एहि मुद्दाक गंभीरताकें देखैत अभियानकें आर तेज करबापर विचार भेल।