प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पिछला दशकमे भारतक शिक्षा क्षेत्रमे भेल ऐतिहासिक परिवर्तन पर प्रकाश डालैत राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 केर सराहना कएलथि। पीएम मोदी एकरा भारतक बौद्धिक पुनर्जागरण कहलथि, जे शिक्षा आ नवाचारक माध्यमसँ विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी आ आत्मनिर्भर राष्ट्रक मार्ग प्रशस्त कयलक अछि।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर कएल गेल पोस्ट पर प्रतिक्रिया दैत पीएम मोदी कहलथि, “केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री @dpradhanbjp बतौलनि जे पिछला दशकमे भारतक शिक्षा क्षेत्रमे केना ऐतिहासिक परिवर्तन भेल अछि। एनईपी 2020 एकटा सुधारसँ बहुत बेसी अछि, ई भारतक बौद्धिक पुनर्जागरण अछि, जे शिक्षा आ नवाचारक माध्यमसँ एकटा आत्मनिर्भर आ विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी राष्ट्रक मार्ग प्रशस्त करैत अछि।”
धर्मेंद्र प्रधान अपन एक्स हैंडल पर एकटा पोस्टमे द हिंदू अखबारेमे छापल लेख साझा कयलनि। ओ एक्स पर कहलनि जे ई तर्क सत्यसँ बहुत दूर अछि जे पिछला दशकमे शिक्षा प्रणाली अपन दिशासँ भटकि गेल अछि। भ्रष्टाचार आ शासनक कमी देशक शैक्षिक अतीतक परिभाषित विशेषतासभ छल। एनईपी 2020 ई कलंकित अतीतसँ एकटा निर्णायक विरामक प्रतिनिधित्व करैत अछि। ई मात्र एकटा शिक्षा सुधार नहि अछि, ई बौद्धिक विउपनिवेशीकरण अछि जकरा भारत लंबा समयसँ प्रतीक्षा क’ रहल छल।
एहि लेखमे केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रधान कहलनि जे ओ भारतक शैक्षिक परिवर्तनक सच्चा तस्वीर देखाबय लेल लिखैत छथि। धर्मेंद्र प्रधान कहलनि जे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग आ अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद जकाँ संस्थासभ उत्कृष्टताकेँ बढ़ावा देबाक बदला नियंत्रणक साधन बनि गेल अछि आ विश्वविद्यालयसभमे नेतृत्व लेल नियुक्ति राजनीतिक निष्ठा पर आधारित अछि।
ओ कहलनि जे पाठ्यपुस्तकसभ में जानबूझिकऽ शहीद भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, वीर सावरकर आ अन्य क्रान्तिकारी सभक योगदानकेँ कम कय क’ देखाओल गेल अछि, जखनि कि विदेशी आक्रमणक विषयमे असहज ऐतिहासिक सत्यसभकेँ दर्शाओल गेल अछि।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री लेखमे लिखलनि जे पक्षपाती हितक पूर्ति लेल ऐतिहासिक आख्यान सभकेँ सावधानीपूर्वक तैयार कएल गेल। भारतक विविध सांस्कृतिक आ बौद्धिक परंपरा सभकेँ व्यवस्थित रूपसँ हाशिया पर राखल गेल छल। ई सभ मिलिकए एकटा एहेन शिक्षा प्रणाली बनाबएमे योगदान देलक जे भारतक गौरवशाली अतीतसँ कटल रहल आ सभ्यतागत लोकाचार रहित रहल।
धर्मेंद्र प्रधान कहलथि जे आबयवाला दशक एकटा शैक्षिक पुनर्जागरणक गवाह बनत जे भारतक अतीतक सम्मान करैत भविष्यकेँ निर्भीकतासँ गरि लगाओत। भारतक शिक्षा प्रणाली अंततः औपनिवेशिक छाया आ वैचारिक कैदसँ मुक्त भ’ गेल अछि। ई लाखों भारतीयक सपनाक पूरा करबाक लेल तैयार अछि।