काल्हि बृहस्पतिकेँ मिथिला महोत्सवक शुभ अवसर पर जिला प्रशासन आ भारत सरकार वस्त्र मंत्रालय, कार्यालय विकास आयुक्त( हस्तशिल्प ) हस्तशिल्प सेवा केंद्र मधुबनीक सहयोगसँ ग्रामीण शिल्पीक द्वारा निर्मित मिथिला पागक नव रूपम प्रस्तुत कएल गेल।
ई पाग मिथिलाक परंपराकेँ ध्यानमे राखिकय बनल अछि, एहिमे विशेषता ई अछि जे ई कपड़ासँ तैयार कएल गेल अछि आ ओहि केर ऊपर मधुबनी पेंटिंग कएल गेल अछि। हिमाचलक टोपी जेकाँ ई 24 घंटा लोक पहिर सकैत छथि आ ई सभ साइजमे उपलब्ध अछि। परंपरागत मिथिला पाग पहिरला पर ठिकसँ सँभारय लेल चौचक रहय पड़ैत छैक, अन्यथा माथसँ खसि पड़ैत छैक, ताहि परंपरागत पागकेँ सभ साइजमे लोकक माथमे नीक ढंगसँ बैसय जोगरक बनाओल गेल अछि, जे अपन मिथिलाक परंपराकेँ सजाबैत अछि, संगहि अहिमे प्रयोग होमय बाला रंग शरीर पर नहि लगैत अछि, जखन कि पूर्वमे तैयार होमय बाला पाग पहिरनिहारक पसीना निकलबाक बाद रंग आ गोंद चेहरा पर लगि जाइत छल।
ई सभ ध्यानमे रखैत ई पारंपरिक मिथिला पागकेँ नव लुकमे प्रस्तुत कएल गेल अछि, जेकर लोकार्पण काल्हि जिला प्रशासन मधुबनी आ हस्तशिल्प सेवा केंद्र मधुबनीक सहयोगसँ कएल गेल। आब ई साधारण लोकक लेल उपलब्ध होयत। जकरा लोक अधिक संख्यामे पसंद करत आ संगहि, एहि क्षेत्रमे काज करनिहार शिल्पीसभकेँ रोजगारक नव साधन सेहो भेटत। जाहि’सँ लोकक आयमे सेहो वृद्धि होयत। सभगोटे एहि नव पहलकेँ सराहलनि आ जिला आ प्रदेशमे भ’ रहल आगामी आयोजनमे एकर उपयोग करबाक आह्वान कयलनि।
एहि अवसर पर डीडीसी दीपेश कुमार, नगर आयुक्त अनिल चौधरी, एसडीओ अश्वनी कुमार, डीपीआरओ परिमल कुमार, सहित कतेको वरीय अधिकारी उपस्थित छलथि।